आज की ये कहानी है कोलकाता के उलटाडांगा में रहने वाले 50 वर्षीय सुशांत मंडल जी की। सुशांत जी पेशे से एक मीडिया डिज़ाइनर हैं। उनके परिवार में, उनकी माँ, वह खुद, उनकी बीवी और बच्चे हैं। सुशांत जी की कहानी हम आपको इसलिए बता रहे हैं ताकि आप उनकी कहानी से प्रेरणा ले सके और आपको उनकी तरह 5 साल तक परेशान न होना पड़े। दरअसल सुशांत जी को 45 की उम्र में ही घुटनों में दर्द हो गया था, धीरे-धीरे ये दर्द इतना बढ़ गया था कि उनका उठना-बैठना, चलना-फिरना तक मुश्किल हो गया था। ऑफिस जाते समय दो मिनट की वॉकिंग डिस्टेंस को तय करने में उन्हें 8 मिनट लग जाते थे। थोड़ी दूर तक चलने पर उन्हें ऐसा लगता था मानो घुटने ब्लॉक हो गए हों, उनकी हालत ऐसी हो गई थी कि न तो वह सीढ़ियाँ चढ़ पा रहे थे और न ही कोई भारी सामान उठा पा रहे थे। जब डॉक्टर को दिखाया तो डॉक्टर ने एक्सरे करने के बाद ऑस्टियोआर्थराइटिस की समस्या बताई और कहा की ये एक लाइलाज बीमारी है।
इसके दर्द से बचने के लिए जिंदगी भर दवाइयाँ खानी पड़ेगी। डॉक्टर की ऐसी बातें सुनकर वह बहुत निरास हो गए थे। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और नए-नए तरीके अपनाते रहे। पूरे 5 साल तक घुटनों और जोड़ों के दर्द को झेलने के बाद कुछ ऐसे यूनानी नुस्खे उनके हाथ लगे जिनके सेवन से उन्हें तीन महीने में घुटनों के दर्द की समस्या से राहत मिल गई है। चलिए आपको बताते हैं उन नुस्खों के बारे में जिनके सेवन से उन्हें राहत मिली। ताकि आपको उनकी तरह सालों तक डॉक्टरों के चक्कर न लगाने पड़े।
ऑस्टियोआर्थराइटिस की समस्या और सुशांत जी की स्थिति
ऑस्टियोआर्थराइटिस एक ऐसी बीमारी है, जिसमें जोड़ों के घिसाव की वजह से दर्द और सूजन होती है। यह समस्या मुख्य रूप से बुजुर्गों को प्रभावित करती है। लेकिन सुशांत जी 45 की उम्र में ही ऑस्टियोआर्थराइटिस के शिकार हो गए थे। जिसकी वजह से उनके घुटनों में दर्द और जकड़न रहने लगी थी। शुरूआत में हल्का दर्द था इसलिए उन्होंने ध्यान नहीं दिया लेकिन समय के साथ स्थिति गंभीर होती चली गई तो उन्होंने एक्सर्साइज़ और योग का सहारा लिया। सुशांत जी ने तीन महीने के लिए एक क्लब जॉइन कर लिया और डॉक्टर के निगरानी में तरह-तरह की एक्सर्साइज़ की लेकिन 3 महीने के बाद जब उन्होंने एक्सर्साइज़ बंद कर दी तो एक दिन ऑफिस जाते समय इतना दर्द हुआ कि उन्हें रास्ते में कई जगह रुक-रुककर जाना पड़ा। जिस रास्ते को वह दो मिनट में तय करते थे। उस रास्ते को तय करने में उन्हें 8 मिनट लग गए। कुछ ही दिनों में उनका उठना-बैठना, चलना-फिरना, सीढ़ियाँ चढ़ना सब-कुछ मुश्किल होने लगा। घुटनों के दर्द के अलावा शरीर के दूसरे जोड़ों में भी दर्द रहने लगा। डॉक्टर को दिखाने पर ऑस्टियोआर्थराइटिस की समस्या सामने आई। डॉक्टर ने कह दिया कि यह एक लाइलाज बीमारी है, इसके दर्द को झेलने के लिए आपको जीवन भर दवाइयाँ खानी पड़ेगी।
नई उम्मीद: हकीम सुलेमान खान साहब से मिला सही मार्गदर्शन
घुटनों के दर्द की समस्या सुशांत मंडल जी के लिए एक चुनौती बन गई थी उनकी स्थिति दिन-ब-दिन बिगड़ती ही जा रही थी। लेकिन सुशांत जी ने हार नहीं मानी यही वजह है कि एक दिन जब वह यूट्यूब पर घुटनों के दर्द से संबंधित सर्च कर रहे थे तो उन्हें हकीम सुलेमान खान साहब की एक वीडियो मिली। जिसमें उन्होंने जोड़ों के दर्द से संबंधित कई तरह के मरीजों को सुना, जो सालों से घुटनों के दर्द, कमर के दर्द, हाथ-पैरों के दर्द, गर्दन के दर्द, कंधों के दर्द, सर्वाइकल, साइटिका और गठिया जैसी समस्याओं से परेशान थे और हकीम साहब से जुड़कर उनके द्वारा बताए गए यूनानी नुस्खे अपनाने के बाद सालों पुराने जोड़ों के दर्द में फायदा पा चुके थे। लेकिन जैसे ही उन्हें डॉक्टर की बताई हुई बात याद आती थी कि आपको जिंदगी भर दवाइयाँ खानी पड़ेंगी तो उन्हें विश्वास नहीं होता था।
लेकिन फिर हकीम साहब के चैनल सेहत और जिंदगी पर लगातार एक महीने तक वीडियो देखने के बाद उन्होंने हकीम साहब के यूनानी नुस्खे अपनाने का विचार बना लिया और दिए गए नंबर पर कॉल करके अपनी पूरी समस्या बताई। संस्था में मौजूद यूनानी विशेषज्ञों ने सुशांत जी की 5 साल पुरानी घुटने की समस्या को अच्छे से सुनने और समझने के बाद उन्हें गोंद सियाह, R. CARE और T. CARE का सेवन करने की सलाह दी। सुशांत जी ने हकीम साहब की ऑफिसियल वेबसाईट ATIYA HERBS से तीनों यूनानी नुस्खे मंगा लिए और डॉक्टरों के निर्देशानुसार सुबह-शाम सेवन करना शुरू कर दिया।
उम्मीद, विश्वास और यूनानी नुस्खों से ज़िन्दगी में आया सुधार
सुशांत जी ने लगातार एक महीने तक यूनानी नुस्खों का सेवन किया लेकिन उन्हें कोई सुधार महसूस नहीं हुआ। लेकिन फिर भी उन्होंने नुस्खों का सेवन जारी रखा क्योंकि उन्होंने हकीम साहब से सुन रखा था कि अगर शुरुआत में दर्द में फर्क न भी दिखे तब भी तीन महीने तक नुस्खों का सेवन जरूर करें। सुशांत मण्डल जी ने ऐसा ही किया जिससे उन्हें सकारात्मक परणाम देखने को मिले। तीन महीने तक नियमित नुस्खों का सेवन करने से अब आलम यह है कि उनके घुटनों के दर्द में 80% तक सुधार हो गया है। पहले जहाँ उन्हें पैरों में चुभन होती थी और उठने-बैठने में बहुत परेशानी होती थी, अब वह बिना किसी मुश्किल के चल सकते हैं। पहले उन्हें सीढ़ियाँ चढ़ते समय दर्द सहना पड़ता था, अब वह सीढ़ियाँ आसानी से चढ़ने लगे हैं। पहले 3 मिनट पैदल चलने के बाद उनकी स्थिति खराब हो जाती थी और उन्हें मसाज करनी पड़ती थी, अब वह बिना किसी समस्या के लंबी दूरी तक चल सकते हैं। यूनानी नुस्खों से फायदा पाने के बाद वह हाल ही में दार्जिलिंग के पहाड़ों की यात्रा करके आये हैं, और सबसे अच्छी बात ये है कि इस पूरी चढ़ाई में उन्हें किसी तरह का कोई दर्द महसूस नहीं हुआ। हकीम साहब के प्राकृतिक उपायों ने उनकी ज़िन्दगी को पूरी तरह से बदल दिया है। अब वह अपनी ज़िन्दगी को फिर से पूरी तरह से जी रहे हैं।
साथियों अगर आप भी किसी तरह के दर्द से जूझ रहे हैं और कई तरह की दवाओं का उपयोग कर-करके थक चुके हैं, तो हकीम सुलेमान खान साहब के नुस्खे आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है। यह नुस्खे न केवल प्राकृतिक हैं, बल्कि इनका कोई साइड इफेक्ट भी नहीं है। आप भी सुशांत मण्डल जी की तरह दर्द से राहत पा सकते हैं और एक स्वस्थ जीवन जी सकते हैं।
आप सुशांत मण्डल जी के जीवन की पूरी कहानी दी गई वीडियो में देख सकते हैं…
गोंद सियाह क्या है?
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि गोंद सियाह कैसे मिलता है और यह देखने में कैसा होता है। यह पौधा तिन्दुक कुल एबीनेसी का सदस्या है। इसके कालस्कंध (संस्कृत) ग्राम, तेंदू। यह समस्त भारतवर्ष में पाया जाता है। यह एक मध्यप्राण का वृक्ष है जो अनेक शाखाओं प्रशाखाओं से युक्त होता है। गोंद सियाह, पेड़ के तने को चीरा लगाने पर जो तरल पदार्थ निकलता है वह सूखने पर काला और ठोस हो जाता है उसे गोंदिया कहते हैं, गोंद सियाह देखने में काले रंग का होता है। यह बहुत ही पौष्टिक होता है उसमें उस पेड़ के गुण पाये जाते हैं। गोंद सियाह हमारे शरीर के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है जो हमारे जोड़ों के दर्द के साथ शरीर की कई समस्याओं को हम से दूर रख सकता है।
R. Care दवा क्या है?
अगर आपको जोड़ों में दर्द और सूजन की लगातार समस्या रहती है तो हकीम सुलेमान खान साहब की ऑफिसियल वेबसाईट “Atiya Herbs” से “R. Care” मंगाकर खाएं। इस दवा की मदद से जोड़ों का गंभीर दर्द, जोड़ों में अत्यधिक सूजन और त्वचा पर जलन गायब हो सकती है। यह औषधि पूर्ण रूप से भारतीय जड़ी बूटियों को मिलाकर बनाई गयी है। और सबसे अच्छी बात, इस औषधि के इस्तेमाल से किसी भी प्रकार का कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है।
T. Care क्या है?
T. Care हकीम सुलेमान खान साहब के द्वारा तैयार की गई S. Care और R. Care दवाओं का मिश्रण है, जो ऑर्थोपेडिक्स और मांसपेशियों की समस्याओं से लड़ने और आराम दिलाने में सहायक है। अगर आप शरीर के किसी भी तरह के दर्द से परेशान हैं या फिर जोड़ों में सूजन की वजह से दुखी हैं, और हर तरह का इलाज कर चुके हैं लेकिन आराम नहीं मिल रहा है तो T. Care आपके लिए समाधान हो सकता है इसे एक बार जरूर अपनाएं।