उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले के डालेवाला गाँव के निवासी सुरेन्द्र जी का जीवन कई सालों तक दर्द, तकलीफ और डॉक्टरों के चक्कर में उलझा रहा। सुरेन्द्र जी, पेशे से एक किसान हैं। वह गन्ना, गेहूं और धान की खेती करते हैं। कमर दर्द की वजह से सुरेन्द्र जी के लिए रोज़मर्रा के काम करना भी एक चुनौती बन चुका था। उन्होंने अनेक डॉक्टरों को दिखाया और 15-16 लाख रुपये खर्च किए बावजूद इसके उन्हें दर्द में कोई फायदा नहीं मिल पा रहा था। सालों परेशान रहने के बाद वह हकीम सुलेमान साहब से जुड़े और गोंद सियाह जैसे प्राकृतिक उपाय को अपनाया। जिसके सेवन से अब वह अपनी जीवनशैली में जबरदस्त बदलाव देख रहे हैं। कमर से लेकर एड़ी तक के भयंकर दर्द से परेशान सुरेन्द्र कुमार जी की कहानी ऐसे लाखों लोगो के लिए एक प्रेरणा बन चुकी है जो सालों से जोड़ों से संबंधित दर्द जैसे – घुटनों में दर्द, कमर में दर्द, साइटिका, सर्वाइकल, गर्दन में दर्द, कंधों में दर्द और गठिया जैसे खतरनाक दर्द से जूझते आ रहे हैं। ऐसे लोगों की जिंदगी भी पटरी पर आ सकती है अगर ये लोग सुरेन्द्र जी का आजमाया नुस्खा आजमाएंगे तो। आपको जरूरत है तो सिर्फ और सिर्फ सुरेन्द्र जी कहानी से प्रेरणा लेने की और उनके अपनाए हुए नुस्खे को अपनाने की। चलिए जानते हैं उनकी पूरी सच्ची कहानी।
दर्द ने बना दिया था जिंदगी को कठिन
50 वर्षीय सुरेन्द्र जी की मुश्किलें तब शुरू हुईं, जब उन्होंने गलत तरीके से भारी बोरी उठाई। बोरी उठाते समय कमर में लगे झटके के बाद उनकी कमर में दर्द शुरू हो गया, जो धीरे-धीरे पूरे शरीर में फैलने लगा। कमर से शुरू हुआ दर्द उनके पैरों की पिंडलियों से होते हुए एडी तक पहुँच गया जिसके बाद उनकी हालत ऐसी हो गई कि न तो वह बैठ सकते थे, न उठ सकते थे और न ही कोई भारी काम कर सकते थे। इस दर्द ने उनके जीवन को नीरस और सीमित कर दिया था। उनकी स्थिति इतनी खराब हो गई थी कि उन्हें हर दिन के कामों में भी परेशानी होने लगी थी। दर्द कि वजह से वह खेतों का कोई भी काम करने में सक्षम नहीं थे, सीढ़ियाँ चढ़ने में कठिनाई हो रही थी, और ट्रैक्टर भी नहीं चला पा रहे थे। कई डॉक्टरों को दिखाने और 15 से 16 लाख रुपये खर्च करने के बावजूद, किसी भी दवा और इन्जेक्शन से उन्हें राहत नहीं मिली। डॉक्टर ने उन्हें एकमात्र उपाय ऑपरेशन कराने की सलाह दी।
इतना ही नहीं कमर से लेकर दोनों पैरों में पिंडलियों और एड़ी दर्द के अलावा उन्हें पेट में कब्ज की समस्या भी थी और कोलेस्ट्रोल का स्तर भी बढ़ता जा रहा था, जिससे उनका स्वास्थ्य और भी बिगड़ गया था। उन्हें कुछ भी समझ नहीं आ रहा था की क्या किया जाए और क्या नहीं।
हकीम सुलेमान खान साहब से जुड़ना और गोंद सियाह का सेवन करना
इसी दौरान सुरेन्द्र जी ने एक दिन टीवी पर हकीम सुलेमान खान साहब का प्रोग्राम सेहत और जिंदगी देखा जिसमें उन्होंने जोड़ों के दर्द के लिए गोंद सियाह की शक्तियों के बारे में जाना। गोंद सियाह के बारे में सुनकर सुरेन्द्र जी को एक नई उम्मीद की किरण दिखाई दी।उन्होंने सोचा, क्यों न एक बार इस प्राकृतिक उपचार को अपनाया जाए। सुरेन्द्र जी ने तुरंत टीवी से नंबर लेकर संस्था में संपर्क किया और अपनी 20-25 साल पुरानी दर्द की समस्या बताई साथ ही साथ कब्ज और कोलेस्ट्रोल की समस्या के बारे में भी बताया। हकीम साहब की संस्था में मौजूद यूनानी विशेषज्ञों ने उनकी समस्या को अच्छे से सुनने और समझने के बाद उन्हें जोड़ों के दर्द की समस्या के लिए गोंद सियाह और बाकी की समस्याओं के लिए जैतून नमक, और जैतून सिरके का सेवन करने की सलाह दी। डॉक्टरों के निर्देशानुसार सुरेन्द्र जी ने हकीम साहब की ऑफिसियल वेबसाईट ATIYA HERBS हर्ब्स’ से तीनों नुस्खे मंगा लिए और सेवन करना शुरू कर दिया। हालांकि शुरुआत में कोई खास बदलाव नहीं दिखा, लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता गया, उन्हें महसूस हुआ कि दर्द में धीरे-धीरे कमी आ रही है। 15 से 20 दिनों में उन्हें यह समझ में आने लगा कि यह उपाय वास्तव में असरदार हो सकता है।
गोंद सियाह से मिली राहत और जीवन में बदलाव
सुरेन्द्र जी ने गोंद सियाह को नियमित रूप से अपनी दिनचर्या में शामिल किया। कुछ महीनों में ही उन्हें दर्द के साथ-साथ कब्ज और कोलेस्टेरॉल की समस्या में लगभग 80% तक आराम मिल गया। उन्होंने नुस्खों का सेवन जारी रखा जिससे अब आलम ये है कि पहले जहां वह सही से उठ-बैठ भी नहीं पाते थे, वहीं अब वह बिना किसी परेशानी के चलने-फिरने लगे हैं। वह फिर से पहले की तरह खेतों में काम करने में सक्षम हो गए हैं। सीढ़ियाँ चढ़ने में भी अब कोई समस्या नहीं होती, अब वह ट्रैक्टर भी चलाते हैं। सुरेन्द्र जी गोंद सियाह के बारे में कहते हैं कि “गोंद सियाह ने मेरी जिंदगी बदल दी है अब मैं फिर से पहले जैसा सक्रिय महसूस करता हूँ, और उसी तरह काम करने लगा जिस तरह जवानी में किया करता था।”
दूसरों के लिए प्रेरणा बने सुरेन्द्र जी
गोंद सियाह के फायदे देखकर सुरेन्द्र जी अब दूसरों के लिए भी एक प्रेरणा बन चुके हैं। अब वह अपने परिवार, रिश्तेदार और दोस्तों को भी हकीम सुलेमान खान साहब के प्राकृतिक उपाय अपनाने की सलाह देते हैं। उनकी यह कहानी अब उनके गाँव और आसपास के क्षेत्रों में लोगों के बीच चर्चा का विषय बन चुकी है। उनके आसपास के लोग भी उनसे दवाई के बारे में पूंछते हैं। सुरेन्द्र जी ने हमें बताया की वह आसपास के लोगों को दो लाख से भी ज्यादा की दवाई मंगाकर दे चुके हैं और सभी को फायदा मिल रहा है। गोंद सियाह सच में जोड़ों के दर्द में सबसे कारगर हर्ब्स है। वह हकीम सुलेमान साहब का धन्यवाद करते हुए कहते हैं कि “हकीम साहब देसी और यूनानी नुस्खों के बारे में लोगों को बताकर जनसेवा का काम कर रहे हैं। गोंद सियाह ने मेरी जिंदगी को नया मोड़ दिया है, और मैं चाहता हूँ कि यह जानकारी दूसरों तक भी पहुंचे, ताकि वे भी इससे लाभ उठा सकें।”
गोंद सियाह जैसे प्राकृतिक उपाय ने सुरेन्द्र जी की दर्दनाक यात्रा को एक नई दिशा दी और उनकी जिंदगी में सुधार किया। अगर आप भी दर्द से परेशान हैं, तो एक बार इस उपाय को जरूर आजमाएं, सुरेन्द्र जी की तरह आपको भी राहत मिलना मुमकिन हैं।
आप सुरेन्द्र जी के जीवन की पूरी कहानी दी गई वीडियो में देख सकते हैं…
गोंद सियाह क्या है?
यह पौधा तिन्दुक कुल एबीनेसी का सदस्य है जो समस्त भारतवर्ष में पाया जाता है। इस पेड़ के तने को चीरा लगाने पर जो तरल पदार्थ निकलता है उसे गोंद सियाह कहते हैं, यह बहुत ही पौष्टिक होता है और सूखने पर काला और ठोस हो जाता है, इस गोंद में उस पेड़ के गुण पाये जाते हैं। गोंद सियाह हमारे शरीर के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है जो हमारे जोड़ों के दर्द के साथ शरीर की कई समस्याओं को हम से दूर रखता है। इसकी खुराक को हकीम साहब या उनकी संस्था के यूनानी विशेषज्ञों द्वारा बताई गयी मात्रा में ही लेना चाहिए। ज्यादा या कम मात्रा में इसका सेवन इसकी काम करने की क्षमता को प्रभावित कर सकता है।
जैतून का सिरका क्या है?
हकीम सुलेमान साहब का जैतून का सिरका विभिन्न रोगों जैसे मधुमेह नियंत्रण, पाचन, गैस्ट्रिक से संबंधित समस्या, लिवर से संबंधित समस्या, गुर्दे से संबंधित समस्या, उच्च रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल की समस्या के लिए एक आदर्श हर्बल उपचार है। हकीम साहब के अनुसार जैतून का सिरका शरीर को स्वस्थ बनाने के लिए काफी असरदार है। शुगर के लिए यह सिरका फायदेमंद है। जैतून का सिरका पूर्ण रूप से आयुर्वेदिक है। इसके इस्तेमाल से किसी भी प्रकार का कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है। इसकी खुराक को हकीम साहब या हकीम साहब की कंपनी के डॉक्टरों द्वारा बताई गयी मात्रा में ही लेना चाहिए। ज्यादा मात्रा में इसका सेवन इसकी काम करने की क्षमता को प्रभावित कर सकता है।