जिंदगी कितनी मुश्किल हो जाती है अगर किसी को कोई परेशानी का सामना करना पड़े। ऐसे में घर घर में आज के दौर में पैरों का दर्द, घुटनों का दर्द, जोड़ों का दर्द देखने को मिल ही जाता है। कई बार ज्यादातर लोगों को पैरों के दर्द तकलीफ का सामना करना भी मुश्किल लगने लगता है। ऐसे में चलना, उठना-बैठना आपकी परेशानी का कारण भी बन सकता है। अगर पैरों के दर्द को आसानी से कम नहीं किया गया, तो ये समस्या और भी बड़ी बन सकती है। कई बार देखा जाता है कि पैरों का दर्द बुढ़ापे में ही सताता है लेकिन ऐसा नहीं ही आज की बदलती लाइफस्टाइल के कारण कम उम्र के लोगों में भी ये परेशानी देखने को मिल जाती है। एक ऐसी ही कहानी है श्रद्धा जी की है। जो गोवा के सांता क्रूज़ में रहने वाली 45 साल की महिला है। जिन्हें पैरों की ज्यादा तकलीफ थी। उनको इस परेशानी का सामना कई सालों तक करना पड़ा, लेकिन इन्होंने हिम्मत नहीं हारी और खुद को स्वस्थ कर लिया। आइए बताते है कि कैसे उन्होंने अपनी तकलीफ को कम किया और कैसे अब एक स्वस्थ जिंदगी गुजार रही है?
पैरों की तकलीफ में घरवालों ने निभाया साथ, जानें श्रद्धा जी की सच्ची कहानी?
45 साल की श्रद्धा जी गोवा के सांता क्रूज़ में रहती है। श्रद्धा जी काफी दयालु स्वभाव की महिला है। उनका हंसता-खेलता छोटा सा परिवार है। परिवार में उनके पति और एक बेटा है। वह अपने परिवार के साथ काफी हंसती हुई जिंदगी जिया करती है। श्रद्धा जी एक जिम्मदेरा महिला है। वह अपना घर काफी जिम्मदेरियों के साथ निभाती है, पर परिवार की जिम्मेदारी निभाते-निभाते कब वह समस्याओं से परेशान हो गयी उन्हें पता भी नहीं चला। कब वह एक स्वस्थ जीवन से अस्वस्थ जिंदगी में पहुंच गई। दरअसल, श्रद्धा जी अपने 4 साल पुराने पैरों के दर्द से परेशान थी। उन्हें चलने–फिरने में भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। उन्हें किचन का कामकाज संभालने में भी दिक्कतें आ रही थी। उन्होंने अपनी इस समस्या के लिए कई डॉक्टरों को भी दिखाया, लेकिन फिर भी उनकी समस्याओं में कोई आराम नहीं मिला। श्रद्धा जी अपनी समस्याओं के कारण कोई भी काम नहीं कर पाती थी। घर का सारा काम उनका बेटा संभालता था। परिवार के लोग भी श्रद्धा जी की परेशानियों को देखकर काफी निराश रहते थे। पैरों में दर्द के साथ-साथ उनके जोड़ों में भी काफी दर्द होता था जिसकी वजह से उनका परिवार और ज्यादा चिंतित रहने लगा। उन लोगों ने उम्मीद ही छोड़ दी थी की वह कभी अपने पैरों पर खड़े होकर घर का काम कर पाएंगी।
हकीम सुलेमान खान साहब कैसे बने श्रद्धा जी का सहारा?
वो कहते हैं सभी के जीवन में अगर बुरा वक्त आता है तो एक समय उनका अच्छा भी आता है बुरा वक्त कभी न कभी गुज़र ही जाता है। श्रद्धा जी का भी बुरा वक्त अब गुजरने ही वाला था। एक दिन श्रद्धा जी टी.वी देख रही थी तभी अचानक से उनकी नज़र हकीम सुलेमान खान साहब के बहुचर्चित शो सेहत और जिंदगी पर पड़ी। जहां हकीम जी लोगों की समस्या सुन रहे थे और उस समस्या के लिए यूनानी बूटी के बारे में बता रहे थे। हकीम जी के लाइव प्रोग्राम में भी काफी लोगों के फीडबैक भी आ रहे थे। हकीम जी के इस शो से प्रभावित होकर श्रद्धा जी ने पैरों की समस्या के लिए हकीम जी की कारगर बूटी गोंद सियाह को ATIYA HERBS से ऑर्डर किया। गोंद सियाह के सेवन से श्रद्धा जी को अपने पैरों की समस्या में कुछ ही महीनों में राहत मिलनी शुरू हो गई। अपने पैरों में मिलते आराम को देखकर श्रद्धा जी ने अपनी अन्य समस्याओं में भी हकीम जी के घरेलू नुस्खों का इस्तेमाल किया। इसके बाद उन्हें आराम महसूस होते दिखाई देने लगा।
श्रद्धा जी के जीवन में यूनानी नुस्खों से हुआ नया सवेरा
हकीम साहब की यूनानी बूटी से श्रद्धा जी के जीवन में एक नया सवेरा हुआ। जहां वह पहले चार सालों से पैरों की परेशानी को झेल रही थी, अब उनके जीवन में ऐसा नहीं था। उन्होंने अपनी दिक्कत में धीरे-धीरे आराम मिलना शुरू हो गया था। आपको बता दें अब वह आसानी से रसोई के काम कर लेती है। सीढ़िया चढ़ने में भी उनको कोई परेशानी नहीं होती है। वे खुद बताती है कि उनका जीवन अब पहले से काफी बेहतर हो गया है। घर संभालने में जो उन्हें मुश्किलें आती थी अब ऐसा नहीं है।
इनकी कहानी बनीं प्रेरणा अब लोगों को नुस्खे अपनाने की देती हैं सलाह
एक खास बातचीत में श्रद्धा जी ने बताया कि आज हकीम जी की यूनानी बूटी को अपनाकर ही वो काफी स्वस्थ और सेहतमंद हो पाई हैं। वह हमेशा यही दुआ करती है हकीम जी ने जैसे उनकी मदद की वह बाकि लोगों की भी ऐसे ही मदद करें। अगर किसी भी व्यक्ति को कोई समस्या होती है तो श्रद्धा जी उसके लिए यूनानी बूटी का सेवन करने को कहती है। इतना ही नहीं, वह अब उन महिलाओं के लिए भी प्रेरणा बन चुकी है जो उनकी तरह पैरों के दर्द से परेशान है। श्रद्धा जी का आज कहना है कि जो वह खुशहाल जिंदगी गुजार रही हैं उसका सारा श्रेय वो यूनानी के मशहूर हकीम सुलेमान खान साहब को देती है।
यहाँ देखिये उन्होंने हकीम साहब को धन्यवाद करते हुए क्या कहा
गोंद सियाह क्या है?
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि गोंद सियाह कैसे मिलता है और यह देखने में कैसा होता है। यह पौधा तिन्दुक कुल एबीनेसी का सदस्या है। इसके कालस्कंध (संस्कृत) ग्राम, तेंदू है। यह समस्त भारतवर्ष में पाया जाता है। यह एक मध्यप्राण का वृक्ष है जो अनेक शाखाओं प्रशाखाओं से युक्त होता है। गोंद सियाह, पेड़ के तने को चीरा लगाने पर जो तरल पदार्थ निकलता है वह सूखने पर काला और ठोस हो जाता है उसे गोंदिया कहते हैं, गोंद सियाह देखने में काले रंग का होता है। यह बहुत ही पौष्टिक होता है उसमें उस पेड़ के औषधीय गुण पाये जाते हैं। गोंद सियाह हमारे शरीर के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है जो हमारे जोड़ों के दर्द के साथ शरीर की कई बीमारियों को हम से दूर रख सकता है।