मोटापा आज के समय में आम समस्या बन चुकी है जिससे हर तीसरा व्यक्ति परेशान होता है। स्वस्थ और फिट शरीर हर कोई चाहता है लेकिन उसके लिए खुद को समय देना कोई नहीं चाहता। हमारी बिजी लाइफस्टाइल और गलत खानपान के कारण ही हमारे साथ ऐसा हो रहा है। हम खुद को सही ढंग से समय ही नहीं दे पाते हैं। मोटापा एक गंभीर समस्या बन गई है और यह किसी एक खास उम्र तक सीमित नहीं है बल्कि बच्चों से लेकर व्यस्कों तक हर कोई इसकी चपेट में आता जा रहा है। बच्चों में मोटापा तेजी से फैलता जा रहा है। जिससे अन्य बीमारियों का खतरा भी बढ़ सकता है। शरीर जितना मोटा होता है बीमारियाँ भी उसी प्रकार से उस शरीर में अपनी जगह बना लेतीं हैं। वो कहते हैं ना कि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का निवास होता है। इसी लिए शरीर को स्वस्थ और बेहतर रखना हमारी सबसे पहली जिम्मेदारी होती है। लखनऊ की शीला जी ने भी इसी तरह ही अपने मोटापे की समस्या से राहत पाई थी। चलिए जानते हैं शीला जी के बारे में खुद उन्हीं से उनकी ही मुंहजुबानी।
शीला जी लखनऊ के ओम नगर की रहने वाली हैं। शीला जी की उम्र 46 साल की है। पेशे से शीला जी गृहणी हैं। सारे घर की जिम्मेदारी उन्हीं पर है। गृहणी होने के नाते शीला जी ने अपना पूरा धर्म निभाया है। शांतिपूर्वक घर को चलाना कोई शीला जी से सीखे। शीला जी का परिवार बहुत ही खुशी के साथ रहता है। परिवार में उनके पति, बेटा, बहू, बेटी और दामाद रहते हैं। उनके पति छोटे से व्यापारी हैं। शीला जी बहुत ही खुशी के साथ रह रहीं थीं कि अचानक एक दिन उन्हें अपेंडिक्स का दर्द हुआ। शुरू में तो इसका इलाज करने के लिए एलोपैथिक दवाओं का इस्तेमाल किया गया। लेकिन बाद में जब समस्या कंट्रोल से बाहर हुई तो आखिर में उन्हें इसका ऑपरेशन कराना पड़ा। यह समस्या शीला जी के जीवन की वो समस्या थी जिसने अचानक से शीला जी को बदलकर रख दिया। अपेंडिक्स की समस्या से तो राहत मिल गयी लेकिन शीला जी के शरीर में दूसरी कई समस्याओं ने जन्म ले लिया। दरअसल ऑपरेशन के बाद से ही शीला जी का शरीर बढ़ना शुरू हो गया था। बढ़ते शरीर से परेशान शीला जी ने जांच कराने की सोची। जांच कराने पर पता चला कि उन्हें थायराइड की एक नयी समस्या हो चुकी है। थायराइड का नाम सुनते ही शीला जी पहले से भी ज्यादा घबरा गयीं।
शीला जी ने अपनी थायराइड की समस्या के लिए एलोपैथिक इलाज कराना शुरू किया। लेकिन इस समस्या में शीला जी को फायदा होने का नाम नहीं ले रहा था। शीला जी के साथ-साथ उनका सारा परिवार परेशान था। इलाज के दौरान ही शीला जी इतनी मोटी हो गयी थीं कि उन्हें खुद को ही देखने में शर्म आने लगी थी। अपनी थायराइड की समस्या से राहत पाने के लिए उन्होंने कई जगह की दवाएँ खायीं लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। एक दिन उनकी एक मित्र उनकी तबियत की जानकारी लेने आईं। जब उन्हें उनकी समस्या में कोई सुधार होता दिखाई नहीं दिया तो उन्होंने माननीय हकीम सुलेमान खान साहब का नाम लेकर उनकी दवाइयाँ और घरेलू नुस्खों को अपनाने की सलाह दी। उन्होंने बताया कि हकीम जी के घरेलू नुस्खे कई समस्याओं में काफी असरदार हैं और इन नुस्खों का कोई भी साइड इफेक्ट नहीं होता है। शीला जी ने भी यूट्यूब पर हकीम जी का बहुचर्चित शो सेहत और जिंदगी देखना शुरू कर दिया। सेहत और जिंदगी देखने के दौरान उन्होंने हकीम जी के सभी घरेलू नुस्खों को अपनाया। घरेलू नुस्खों से आराम लगने के बाद उन्होंने हकीम जी के लखनऊ क्लीनिक पर जाकर संपर्क किया। क्लीनिक पर जाने के बाद उनकी मुलाकात विद्वान डॉक्टर से हुई और उन्होंने उनकी समस्या को देखकर P. CARE लेने की सलाह दी।
शीला जी ने हकीम जी द्वारा बताये गये निर्देशों को अपनाकर दवाओं को लेना शुरू कर दिया। कुछ समय बाद हकीम जी की दवाओं का असर दिखाई देने लगा। उनके शरीर की बाहरी चर्बी और चर्बी के कारण जो गांठें बन गईं थीं, धीरे-धीरे सब कम हो रही थीं। इतना असर देखने के बाद शीला जी को हकीम जी के यूनानी इलाज पर पूरा भरोसा हो गया था। अब उन्हें उम्मीद हो गयी थी कि वे हकीम जी की यूनानी दवाओं के माध्यम से बहुत जल्द स्वस्थ हो जायेंगी। धीरे-धीरे हुआ भी यूं ही। उन्हें आराम लगना शुरू हो गया और शीला जी को इस बात की बहुत खुशी थी कि वे पहले से काफी बेहतर हो चुकी हैं। जहां पहले उन्हें ज्यादा नींद आना, थकान होना, घबराहट होने की समस्या था अब वे निःसंकोच अपने काम में व्यस्त रहती हैं। अब उन्हें काम करने में ज्यादा परेशानी नहीं होती है। उन्हें हकीम जी की यूनानी दवाओं से काफी आराम मिल चुका है।
पहले शीला जी को हकीम जी की यूनानी दवाओं पर भरोसा नहीं हुआ था लेकिन उनकी मित्र को जब हकीम जी के नुस्खों से फायदा हुआ तब उन्होंने भी यह फैसला लिया कि वे अपनी समस्या का यूनानी इलाज हकीम सुलेमान खान जी के यहाँ से ही कराएँगीं। जिसका परिणाम यह निकला आज शीला जी स्वस्थ और सेहतमंद होने की कगार पर हैं। अपना यह बदलता जीवन देखकर शीला जी हकीम साहब के लिए काफी दुआएँ मांगती हैं। आज उनकी थायराइड की समस्या में जो भी फायदा हुआ है वह सब हकीम साहब की मेहरबानी से ही हुआ है। उनका कहना है कि हकीम साहब की मेहरबानी से मुझ जैसे ना जानें कितने ही लोगों को फायदा पहुँचा है। हकीम जी जिस प्रकार से लोगों की सेवा कर रहे हैं शायद ही कोई कर सकता है। आज हकीम जी हम जैसे लोगों के मसीहा बन गये हैं।
यहाँ देखिये उन्होंने हकीम साहब को धन्यवाद करते हुए क्या कहा
P. CARE क्या है?
अतिया हर्ब का पी-केयर विभिन्न जड़ी-बूटियों का एक मिश्रण है जो पेट को आराम पहुंचाता है और भारी भोजन के बाद कई लोगों को होने वाली एसिडिटी से बचाता है। एक हर्बल संयोजन है जो न केवल पाचन को बढ़ावा देता है बल्कि हमारी त्वचा को भी स्वस्थ बनाता है। यह पाचन/आंत संबंधी समस्याओं, लिवर संबंधी समस्याओं, एसिडिटी, कब्ज बवासीर, किडनी और पित्त पथरी के लिए फायदेमंद है। इसके अलावा, यह लिवर की रक्षा करने में कुशल है और पित्त स्राव को बढ़ावा देता है। यह सोरायसिस जैसे त्वचा रोगों के इलाज में कारगर है और रक्त को भी शुद्ध करता है।