शरीर में होने वाले दर्द की परेशानी अगर लंबे समय तक बनी रहती है तो उसका सही समय पर इलाज कराना जरूरी होता है। अगर ऐसा नहीं होता है तो वो दर्द पूरे में शरीर में फैलने लगता है। कई बार तो व्यक्ति उम्र के बढ़ते पढ़ाव में इसी दर्द के साथ जीना सीख लेता है। शरीर के किसी भी हिस्से में अगर लगातार दर्द होता है तो उसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। क्योंकि अगर वो दर्द फैलने लगा तो किसी भी बड़ी परेशानी का कारण बन सकता है। आज हम बात करने जा रहे हैं शंभू शरण सिंह जी के बारे में जिन्हें घुटनों में और कमर में दर्द की समस्या थी लेकिन आज हकीम जी के घरेलू नुस्खों की मदद से वे सेहतमंद जिंदगी जी रहे हैं।
शंभू शरण सिंह जी पिछले 3 साल से लखनऊ की एयरपोर्ट कॉलोनी में रहते हैं। शंभू जी लखनऊ एयरपोर्ट पर सुरक्षाकर्मी है। बता दें शंभू जी का ट्रांसफऱ होता रहता है। इसलिए वो ज्यादा वक्त तक परिवार के बीच नहीं रह पाते। शंभू जी का परिवार उत्तर प्रदेश के संत कबीर जिले में रहता है। घर से अलग रहने की वजह से अपना ख्याल ठीक से रखना थोड़ा मुश्किल होता है। शंभू जी बताते हैं कि उनको ये समस्या 7 सालो से है जिसकी वजह से उन्हें उठने बैठने में दिक्क्त होती थी चलने फिरने में भी परेशानी रहती थी। वे बताते हैं कि जब भी वे बैठ कर उठते थे तो एक बार में नही उठ पाते थे उनके पैर अकड़ने लगते थे।
शंभू जी को पैरों के साथ साथ कमर में भी दर्द की समस्या थी। जिसकी वजह से वे ज्यादा देर तक बैठ भी नही पाते थे। सुरक्षाकर्मी होने के नाते ज्यादातर काम खड़े होकर या बैठकर ही करना होता था। ऐसे में कमर और पैर दर्द की समस्या शंभू जी के लिए काफी चुनौती से भरी थी। वे बताते हैं कि इसके लिए उन्होंने काफी जगह से दवाई ली लेकिन उन दवाईयों का असर तब तक ही रहता था जब तक वे दवाई खाते थे। इतने साल दर्द वैसे ही बने रहने के बाद एक समय ऐसा भी आया जब उन्हें लगने लगा कि शायद अब ये दर्द जिंदगी भर साथ रहने वाला है और बढ़ती उम्र के साथ ये दर्द भी बढ़ता जाएगा।
शंभू जी एक दिन टी.वी देख रहे थे उसी दौरान उनकी नजर हकीम सुलेमान खान साहब जी के चर्चित शो सेहत और जिंदगी पर पड़ी। हकीम जी के शो से वे काफी प्रभावित हुए जिसके बाद वे रोजाना शो देखने लगे। लोगों के इतने अनुभव को सुनने के बाद उन्हें लगा कि जब इतने लोग इस तरह से बेहतर हो सकते हैं तो हो सकता है मैं भी अपनी सेहत में सुधार कर पाउ। ये सोच कर उन्होंने हकीम जी से संपर्क किया और अपनी सारी समस्या बताई। हकीम जी ने शंभू जी की सारी परेशानी को समझते हुए गोंद सियाह का इस्तेमाल करने की सलाह दी।
शंभू जी ने बिना समय गवाएं ATIYA HERBS से गोंद सियाह मंगवाई और उसका इस्तेमाल करना शुरू किया। शंभू जी बताते हैं कि जबसे उन्होंने गोंद सियाह को इस्तेमाल करना शुरू किया है तब से उन्हें काफी राहत है। वे बताते हैं कि उन्हें गोंद सियाह का इस्तेमाल करते हुए 6 महीने हो गए है। वे अब पहले से काफी बेहतर है। शंभू जी बताते हैं कि गोंद सियाह के सेवन से अब उन्हें कोई और दूसरी दवा लेने की जरूरत नहीं पड़ती। जितना बेहतर अब वे हैं उन्हें भरोसा हो गया है कि जल्द ही वे जड़ से खुद को बेहतर कर सकेंगे। जब ये बात वे अपने परिवार में बताते हैं तो सब काफी खुश होते हैं।
शंभू जी का मानना है कि हकीम जी के नुस्खे उन्हीं की तरह काफी सरल हैं हकीम जी के घरेलू नुस्खे से ना तो कोई साइड इफेक्ट होता है, ना ही कोई नुकसान होता है। शंभू जी हकीम जी को दुआ देते हुए कहते है कि भगवान उनको लंबी उम्र दे और ऐसे ही वे लोगों की सेवा करते रहे। लोगों की सालों पुरानी परेशानियों का इलाज हकीम जी आसानी से बता देते हैं जो थोड़ा वक्त भी ले सकती है या जल्दी भी लेकिन राहत दे देती है। इससे बढ़कर किसी को क्या चाहिए। शंभू जी बताते हैं कि जब भी वे किसी को सालों साल पुरानी समस्या से जुझते हुए देखते हैं तो एक बार हकीम जी से बात करने का सलाह देते हैं क्योंकि वे चाहते हैं जैसा उन्हें आराम मिला वैसे ही बाकि लोग भी सेहतमंद जिंदगी जी सके।
यहाँ देखिये उन्होंने हकीम साहब को धन्यवाद करते हुए क्या कहा
गोंद सियाह क्या है?
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि गोंद सियाह कैसे मिलता है और यह देखने में कैसा होता है। यह पौधा तिन्दुक कुल एबीनेसी का सदस्या है। इसके कालस्कंध (संस्कृत) ग्राम, तेंदू। यह समस्त भारतवर्ष में पाया जाता है। यह एक मध्यप्राण का वृक्ष है जो अनेक शाखाओं प्रशाखाओं से युक्त होता है। गोंद सियाह, पेड़ के तने को चीरा लगाने पर जो तरल पदार्थ निकलता है वह सूखने पर काला और ठोस हो जाता है उसे गोंदिया कहते हैं, गोंद सियाह देखने में काले रंग का होता है। यह बहुत ही पौष्टिक होता है उसमें उस पेड़ के औषधीय गुण पाये जाते हैं। गोंद सियाह हमारे शरीर के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है जो हमारे जोड़ों के दर्द के साथ शरीर की कई बीमारियों को हम से दूर रखता है।