आज की ये सच्ची कहानी है दिल्ली के वेस्ट घोण्डा के K-Block की गली नंबर 2 में रहने वाले 70 वर्षीय रिटायर्ड सरकारी शिक्षक सत्य प्रकाश शर्मा जी की। जिन्होंने ईश्वर की कृपा से कई जानलेवा बीमारियों को मात देकर 70 की उम्र में एक बार फिर नई ऊर्जा और ताकत पाई। सत्यप्रकाश जी पेशे से एक टीचर हैं, वह बड़े ही खुशमिजाज और मिलनसार व्यक्ति हैं, उनके जीवन में एक ऐसा मंजर देखने को मिला कि वह कुछ शारीरिक समस्याओं की वजह से बिस्तर पर पड़े-पड़े अपनी मौत का इंतजार करने के लिए मजबूर हो गए थे। उन्हें मौत करीब लगने लगी थी। अजीब-अजीब से ख्याल उनके मन में चलते रहते थे, ये ख्याल इतने ह्रदय विदारक थे की कभी-कभी तो सत्य प्रकाश जी रोने लग जाते थे। लेकिन एक लंबा समय बिस्तर पर बिताने के बाद उन्हें कुछ ऐसे नुस्खों के बारे में पता चला जिनके सेवन के बाद सत्य प्रकाश जी 70 की उम्र में भी बच्चों की तरह एक्सर्साइज़ करते हैं। अब उन्हें लगने लगा है कि अभी तो बहुत जिंदगी पड़ी है और वह अपनी पोती की शादी को देखकर ही इस संसार से बिदा लेंगे।
सत्यप्रकाश जी की तकलीफदेह सच्ची कहानी।
सत्य प्रकाश शर्मा जी ने कभी सोचा भी नहीं था कि उनका जीवन कभी इस मुकाम तक पहुंच जाएगा। उनके जीवन में समस्याओं की शुरुआत उस समय हुई जब उनकी नाक की हड्डी बढ़ने की वजह से उनके सिर की एक नस में बहुत तेज दर्द होने लगा था। वह लगभग 40 साल तक सिर की नस में असहनीय दर्द से जूझते रहे। यह दर्द इतना तेज था कि वह कभी-कभी इतना जोर से रोने लगते थे कि सभी पड़ोसियों को पता चल जाता था। इस दर्द में तड़पते हुए सत्य प्रकाश शर्मा जी को पता नहीं था कि इससे भी ज्यादा दुख और तकलीफ उनके जीवन में आने वाले हैं। सत्य प्रकाश जी की तकलीफ उस समय और बढ़ गई जब 4-5 साल पहले साइकिल से स्कूल जाते वक्त उनके साथ एक हादसा हुआ। इस हदसे में उनकी कमर में गंभीर चोट आई और भयंकर दर्द होने लगा। अस्पताल पहुँचने पर डॉक्टरों ने mri और x ray करके बताया कि रीड की हड्डी के नीचे नस दब जाने की वजह से दर्द हो रहा है।
रोजाना साइकिल चलाकर स्कूल जाने वाले सत्यप्रकाश जी अब गाड़ी से स्कूल जाते थे, रिटायरमेंट के बाद उनकी हालत और ज्यादा बिगड़ गई, दवाइयों के साइड इफेक्ट की वजह से उन्हें हार्ट की गंभीर समस्या से गुजरना पड़ा। हार्ट की दवाइयाँ खाने से उनकी किड्नी में भी खराबी आ गई थी। एक तरफ कमर का दर्द ऊपर ये समस्याएं और अनगिनत अंग्रेजी दवाइयों की वजह से उन्हें ऐसा महसूस होने लगा कि अब जीवन समाप्त हो चुका है। धीरे-धीरे समस्या इतनी बढ़ गई कि वह खुद से उठ-बैठ भी नहीं पा रहे थे। बाथरूम तक जाने के लिए भी उन्हें सहारे की जरूरत होती थी। बाथरूम तक जाने में ही उनकी सांस फूलने लगती थी और चक्कर आ जाते थे। जब डॉक्टर को दिखाया तो हार्ट और किड्नी की समस्या के साथ-साथ अस्थमा की समस्या भी सामने आई। डॉक्टर ने बोल दिया की उन्हें आजीवन दवाइयाँ खानी पडे़गी, जिसके बाद उनका पूरा परिवार चिंता में डूब गया और परेशान रहने लगा।
हकीम सुलेमान खान साहब से जुड़कर दिखी राहत की उम्मीद
सत्यप्रकाश जी के बड़े बेटे ने उन्हें दिल्ली से लेकर मेरठ तक अनेकों डॉक्टरों को दिखाया। कई तरह की जाँचे करवाई लेकिन उन्हें कहीं भी कोई राहत नहीं मिल रही थी। उनके जीवन दर्द और तकलीफें बढ़ती ही जा रही थीं। रोजाना 16 किलोमीटर तक साइकिल चलाने वाले सत्य प्रकाश शर्मा जी सब तरह से थक हारने के बाद बेड पर ही अपनी जिंदगी व्यतीत करने के लिए मजबूर हो गए थे। जिंदगी और मौत से लड़ते हुए एक दिन सत्य प्रकाश जी ने हकीम सुलेमान खान साहब का एक फेमस शो सेहत और जिंदगी देखा। इस शो के जरिए उन्होंने कई लोगों को सुना जो हकीम साहब के यूनानी नुस्खों को अपनाकर सालों पुरानी दर्दभरी समस्याओं में राहत पाकर खुशहाली जिंदगी जी रहे थे। जिसे देखने के बाद उन्हें उम्मीद की एक किरण दिखाई दी। सत्य प्रकाश जी ने तुरंत टीवी से नंबर लेकर हकीम साहब की संस्था में कॉल किया और अपनी समस्याओं से अवगत कराया। उनकी समस्याओं को अच्छे से सुनने और समझने के बाद उन्हें गोंद सियाह और जैतून का नमक भेजे और साथ में अलसी का पाउडर लेने की सलाह दी।
गोंद सियाह, अलसी पाउडर और जैतून सिरके का असर
सत्य प्रकाश जी संस्था के डॉक्टरों द्वारा बताए गए निर्देशों के अनुसार नुस्खों का सेवन करने लगे। गोंद सियाह का सेवन करने से एक महीने के भीतर उन्हें बदलाव दिखने लगा। तीन महीने तक लगातार सुबह-शाम एक-एक चुटकी गोंद सियाह खाने से अब आलम ये है कि न केवल वह चलने फिरने लग गए बल्कि अब वह दौड़ते भी हैं और रोजाना एक्सरसाइज भी करते हैं। अब, उनका कहना है कि “मैं अपनी पोती की शादी देखकर ही इस दुनिया से जाऊंगा!” पहले जहां उनका स्वास्थ्य इतनी खराब अवस्था में था कि वह बिस्तर से उठ भी नहीं पाते थे, लेकिन अब भगवान की कृपा और अतिया हर्ब्स के यूनानी नुस्खों का सेवन करने से अब वह बच्चों से भी तेज़ चलते हैं।
किड्नी और हार्ट की समस्या में भी मिला फायदा।
गोंद सियाह के साथ-साथ सत्य प्रकाश जी ने अलसी का पाउडर और जैतून सिरके का भी सेवन किया। जिनके असर से उनका हार्ट अब पहले कहीं बेहतर काम करने लगा है। पहले थोड़ी सी भी मेहनत करने पर उनकी सांस फूल जाती थी लेकिन अब वह आसानी से सभी काम कर सकते हैं। इन नुस्खों के सेवन से उन्हें सबसे बड़ा फायदा ये हुआ कि उन्हें 40 साल पुराने सिर कि नस के दर्द से राहत मई गई है। इस तरह गोंद सियाह 40 साल पुराने दर्द में राहत पहुंचाने वाली हर्ब बन गई। अब वह न केवल खुद को स्वस्थ महसूस करते हैं, बल्कि अपने परिवार के लिए एक प्रेरणा भी बन गए हैं। अब उनके परिवार में या जान-पहचान में कोई भी व्यक्ति किसी भी तरह की समस्या से परेशान होता है तो उन्हें हकीम सुलेमान खान साहब के नुस्खों के बारे में जरूर बताते हैं।
आप सत्यप्रकाश शर्मा जी के जीवन की पूरी कहानी दी गई वीडियो में देख सकते हैं…
गोंद सियाह क्या है?
यह पौधा तिन्दुक कुल एबीनेसी का सदस्य है जो समस्त भारतवर्ष में पाया जाता है। इस पेड़ के तने को चीरा लगाने पर जो तरल पदार्थ निकलता है उसे गोंद सियाह कहते हैं, यह बहुत ही पौष्टिक होता है और सूखने पर काला और ठोस हो जाता है, इस गोंद में उस पेड़ के गुण पाये जाते हैं। गोंद सियाह हमारे शरीर के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है जो हमारे जोड़ों के दर्द के साथ शरीर की कई समस्याओं को हम से दूर रखता है। इसकी खुराक को हकीम साहब या उनकी संस्था के यूनानी विशेषज्ञों द्वारा बताई गयी मात्रा में ही लेना चाहिए। ज्यादा या कम मात्रा में इसका सेवन इसकी काम करने की क्षमता को प्रभावित कर सकता है।