एक औरत होना कोई आसान बात नहीं होती है, औरतों के जीवन में कई ऐसे बदलाव आते हैं जो उन्हें झंकझोर कर रख देते हैं। ऐसे ही कहानी है दिल्ली के जामा मस्जिद इलाके में रहने वाली बुजुर्ग रोशन आरा जी की, जिनके जीवन में कई उतार-चढ़ाव आएं, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। उन्होंने एक मजबूत औरत के रूप में दर्द को सहा और आगे बढ़ी। खैर जीवन में बदलाव तो सभी के आते हैं, लेकिन ये बदलाव अगर आपके शरीर से जुड़े हो तो आपका जीवन खतरे में हो सकता है, क्योंकि स्वस्थ शरीर ही आपको स्वस्थ जीवन देता है। इसके लिए जरूरी है कि आप अपनी बॉडी को फिट रखें। लेकिन कैसे? आज हम आपको रोशन आरा जी की सच्ची कहानी के बारे में बताएंगे। जो कई वक्त से कई तरह की शरीर की दिक्कतों से परेशान चल रही थी, लेकिन कुछ ही हफ्तों ने उनका जीवन ही बदल गया। जब वह हकीम साहब के नुस्खों से जुड़ी तो आइये जानते हैं कि उन्होंने घुटनों के दर्द में कैसे राहत पाई?
रोशन आरा जी ने अपने जीवन में कई दुख देखें है। उनके लिए जीवन जीना बेहद मुश्किल हो चुका था। उन्होंने अपनों को खोया भी है। शरीर की तकलीफें भी झेली है। पेशे से उनके पति अखबार चलाते थे जिनके जाने के बाद वे वह अपने पति का काम संभालने लगीं। वे खुद बताती है कि उनके परिवार में उनके पहले पिता जी गुजरे, फिर एक भाई, फिर मां और अंत में पति का साथ भी छूट गया। ऐसे में उनके लिए जीवन दर्द से भरा हो गया, लेकिन रोशन आरा जी का हौसला तब भी नहीं टूटा। धीरे-धीरे जीवन अकेलेपन की ओर बढ़ रहा था कि तभी एक दिन बिस्तर से उठने में उन्हें परेशानी हुई। उन्हें जोर की पैरों और घुटने में दर्द हुआ। जिसके कारण वह चलने में असक्षम हो गई थी। जीवन से लाचार रोशन आरा जी के लिए जिंदगी गुजारना आसान नहीं था हर मोड़ पर एक नई चुनौती का सामना उन्हें करना पड़ता था। वो कहते हैं न हर किसी के जीवन में सुख और दुख आते रहते हैं बस जरूरी है सही समय का इंतजार करना शायद रोशन आरा जी के जीवन में भी सुख के दिन आने ही वाले थे। उन्हें अपने जीवन में उम्मीद की एक नई किरण दिखने लगी थी वो थी यूनानी नुस्खों की जिसने उनकी जिंदगी को ही बदल दिया।
रोशन आरा की जिंदगी में तब सवेरा हुआ जब वे यूनानी के मशहूर हकीम सुलेमान खान साहब जी से जुड़ी। वह कई सालों से हकीम साहब का प्रोग्राम सेहत और जिंदगी टी.वी पर देखा करती थी। जिसमें हकीम जी लोगों को उनकी समस्या के लिए यूनानी नुस्खों बताया करते हैं। लोगों को मिले फायदे को देखते हुए वह काफी प्रभावित हुई पर रोशन आरा इतनी बेबेस थी कि वे यूनानी दवा लेने में सक्षम नहीं थी। उनकी आर्थिक स्थिति बिल्कुल अच्छी नहीं थी। इसके बाद जब कहीं कोई रास्ता नजर नहीं आया तब उन्हें इसके लिए ATIYA HERBS की टीम ने पहले फ्री में 9 महीनें की यूनानी बूटी दी। जिससे उनकी सेहत में काफी बदलाव आया। उन्होंने गोंद सियाह का सेवन किया जिससे उनका घुटनों का दर्द पहले से काफी कम हो गया। इसके साथ ही उन्होंने यूनानी बूटी एस. केयर का भी सेवन किया। हकीम जी के निर्देशअनुसार इसका सेवन करने से कुछ ही दिनों में उन्हें काफी फर्क देखने को मिल गया जिसकी वजह से आज उनके लिए काम करना भी बेहद आसान हो गया। पहले जो परेशानियां उन्हें झेलनी पड़ती थी अब ऐसा नहीं है।
रोशन आरा जी अब आसानी से चलने लगी हैं, घर में पोछा लगाने लगी हैं, अपने सभी काम वह फिर से खुद करने लगी हैं। उनके जीवन में जैसे उजाला हो गया हो। वह हकीम जी से जुड़ने के बाद अपना अकेलापन भी भूल गई और अपनी हिम्मत से पैरों पर खड़ी हुई। अब रोशन आरा जी अपनी उम्र से ज्यादा काम कर लेती हैं। खुद अपने पैरों से चल कर टॉयलेट जाना भी उनके लिए आसान हो गया है क्योंकि पहले उन्हें किसी सहारे की जरूरत जो पड़ती थी। एक अकेली औरत होने के बावजूद भी वे सभी के लिए प्रेरणादायक है। वे खुद बताती है कि मैं पहले से स्वस्थ हूं। अपनी नामाज समय से बिना किसी दर्द के कर लेती हूं। अपना काम अब संभालना आसान हो गया है। वह हकीम जी का बेहद शुक्रिया अदा करती है। उन्होंने बातचीत में अपने पति की फोटो भी दिखाई और बताया कि उनकी शादी लव मैरिज थी। साथ ही आपको बता दें कि रोशन आरा जी को शुगर, पैरों में सूजन, चलने, उठने-बैठने जैसे कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। यहां तक कि उन्होंने अपनी आंख का भी ऑपरेशन कराया हुआ था, लेकिन इन सब बीमारियों के बावजूद भी रोशन जी ने कभी हार नहीं मानी।
रोशन आरा जी यूनानी बूटी का इस्तेमाल करके खुद तो स्वस्थ हुई पर अब वह दूसरों को भी सलाह देती हैं कि वह हकीम साहब की यूनानी बूटी का इस्तेमाल करें। वह शारीरिक रूप से बेहतर हो गई है। पहले जहां उन्हें सीढ़ियां उतरने में तकलीफ होती थी पर अब वो आसानी से सीढ़ियां चढ़ भी लेती हैं और उतर भी जाती हैं। हकीम साहब के घरेलू नुस्खों ने उन्हें एक नए जीवन की ओर रास्ता दिखाया है। आज जो वो स्वस्थ और बेहतर जिंदगी गुजार रही हैं उसका सारा श्रेय वह हकीम सुलेमान खान साहब को ही देती हैं।
यहाँ देखिये उन्होंने हकीम साहब को धन्यवाद करते हुए क्या कहा
गोंद सियाह क्या है?
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि गोंद सियाह कैसे मिलता है और यह देखने में कैसा होता है। यह पौधा तिन्दुक कुल एबीनेसी का सदस्या है। इसके कालस्कंध (संस्कृत) ग्राम, तेंदू। यह समस्त भारतवर्ष में पाया जाता है। यह एक मध्यप्राण का वृक्ष है जो अनेक शाखाओं प्रशाखाओं से युक्त होता है। गोंद सियाह, पेड़ के तने को चीरा लगाने पर जो तरल पदार्थ निकलता है वह सूखने पर काला और ठोस हो जाता है उसे गोंदिया कहते हैं, गोंद सियाह देखने में काले रंग का होता है। यह बहुत ही पौष्टिक होता है उसमें उस पेड़ के गुण पाये जाते हैं। गोंद सियाह हमारे शरीर के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है जो हमारे जोड़ों के दर्द के साथ शरीर की कई समस्याओं को हम से दूर रख सकता है।