बढ़ती उम्र के साथ लोगों की तकलीफें भी बढ़ने लगती है। इसलिए जैसे-जैसे उम्र बढ़ती जाती है वैसे वैसे शरीर पर उतना ही ध्यान देने की जरूरत पड़ती है। ध्यान नहीं दिए जाने पर कमर में दर्द, पैरों में दर्द और अन्य परेशानियां आपको हो सकती है जिसमें राहत पाने के लिए आपको काफी मेहनत करनी पड़ सकती है। तो ऐसे में अगर समस्या पर सही समय से ध्यान दिया जाता है तो चीजे संभली रहती हैं। आज हम बात करने जा रहे हैं रामहित वर्मा जी के बारे में जिन्हें कमर में, घुटनों में दर्द की समस्या थी और इसी दर्द के कारण उनके जीवन में काफी परेशानियां आने लगी। आइए जानते हैं कि कैसे उन्होंने हकीम जी के नुस्खे अपनाकर खुद को स्वस्थ और सेहतमंद किया और अपने दर्द में आराम पाया?
रामहित वर्मा जी लखनऊ के गीता बल्ली मोहल्ले में अपने बच्चों और बहुओं के साथ रहते हैं। वह काफी दयालु स्वभाव के व्यक्ति हैं लोगों की मदद करना उन्हें काफी अच्छा लगता है इसलिए आज भी उनके स्वभाव को देखकर लोग उनसे जुड़े हुए हैं। रामहित वर्मा जी लगभग 80 साल के रिटायर्ड कर्मचारी हैं जो पहले सिंचाई विभाग में जे ई थे। आपको बता दें रामहित वर्मा जी अलग अलग समय पर अपने कमर दर्द को लेकर काफी परेशान रहे हैं। दरअसल काफी पहले रामहित जी बाथरूम में फिसल गए थे जिसके बाद से उन्हें थोड़ी थोड़ी कमर दर्द की समस्या रहती थी। और समय के साथ ये तकलीफ बढ़ती चली गई। इसके कुछ समय बाद ही उनके घुटनों में भी दर्द शुरू हो गया।
रामहित जी ने अपना घुटना बदलवाया था जिसकी वजह से भी उनकी तकलीफ बढ़ रही थी। कुछ समय बाद उन्हें जैसे ही दूसरे घुटने में दर्द शुरू हुआ। बता दें बाथरूम में गिरने के बाद से रामहित जी को काफी तकलीफ रहती थी। कमर दर्द की वजह से उनके लिए चलना भी मुश्किल था। हम कह सकते हैं कि उन्हें उनके पूरे शरीर में काफी दर्द रहता था। वे चाहते थे कि जल्द से जल्द बेहतर हो जाए लेकिन कई जगह दिखाने के बाद भी उन्हें अपनी सेहत में आराम नहीं मिला। जिसके बाद उन्होंने सोचा क्यों ना एक बार हकीम जी के नुस्खों को अपनाकर देखा जाए। वो कहते हैं ना बुरा समय हर किसी के जीवन में आता है बस जरूरी है उस बुरे समय का डटकर सामना करना शायद रामहित वर्मा जी भी यही चाहते थे।
फिर एक दिन रोजाना की तरह रामहित वर्मा जी टी.वी देख रहे थे तभी उनकी नजर यूनानी के मशहूर हकीम सुलेमान खान साहब जी के बहु चर्चित शो सेहत और जिंदगी यूट्यूब पर पड़ी। शो में कई लोगों के अनुभवों को देखने के बाद हकीम जी जो घरेलू नुस्खे बताते थे उससे रामहित जी काफी प्रभावित हुए। इसलिए जब उन्हें कमर दर्द, शरीर दर्द, घुटनों की समस्या बढ़नी शुरू हुई तो उन्होंने हकीम जी से संपर्क किया और अपनी समस्या को लेकर बातचीत की।
उनकी समस्या को सुनने के बाद हकीम जी ने रामहित वर्मा जी को गोंद सियाह इस्तेमाल करने की सलाह दी। फिर बिना किसी देरी के उन्होंने ATIYA HERBS से गोंद सियाह मंगवाई और हकीम जी के निर्देश अनुसार उसका इस्तेमाल करना शुरू किया। रामहित जी जानते थे कि हकीम जी के घरेलू नुस्खे से उन्हें राहत मिल सकती है। लेकिन जो असर उन्हें देखने को मिला उससे वे खुद काफी हैरान हो गए। कमर के दर्द में उन्हें काफी आराम मिल गया। इसके बाद उन्होंने शरीर के बाकि हिस्सों में होने वाले दर्द से राहत के लिए भी गोंद सियाह का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया। आज वे हकीम जी के नुस्खों की मदद से ही स्वस्थ और सेहतमंद जिंदगी गुजार रहे हैं।
वे खुद बोलते हैं कि इस उम्र में और कितना बेहतर हो सकता है इंसान, आज के समय में वे एक कि.मी पैदल आराम से चल सकते हैं। 80 साल के रामहित जी अपनी उम्र के बाकि लोगों के मुकाबले दर्द से या अन्य सेहत से जुड़ी किसी समस्या को लेकर चिंतित नहीं रहते। वे खुद कहते हैं कि अब जब भी उन्हें सेहत से जुड़ी कोई परेशानी होती है तो वे सीधा हकीम जी से संपर्क कर लेते हैं। उन्हें इसके लिए ज्यादा सोचना भी नहीं पड़ता। रामहित जी हकीम जी के काफी शुक्रगुजार हैं क्योंकि उन्हें उस समय हकीम जी से काफी मदद मिली जब उन्होंने सही होने की उम्मीद छोड़ दी थी। वे समझ ही नहीं पा रहे थे कि ऐसा क्या किया जाए कि उन्हें कमर दर्द, घुटनों के दर्द से आराम मिल जाएं।
आपको बता दें रामहित जी के दर्द से जुड़ी परेशानी में हकीम जी के नुस्खों ने उन्हें काफी आराम दिया। रामहित जी अब किसी को इस तरह की दर्द की तकलीफ में देखते हैं तो उन्हें गोंद सियाह या हकीम जी के घरेलू नुस्खों का इस्तेमाल कर ने की सलाह देते हैं। वे चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा लोगों तक हकीम जी के नुस्खें पहुंचे ताकि जिस तरह वह स्वस्थ हुए हैं उसी तरह और लोगों को भी उनकी तकलीफ में आराम मिले। आज जो वो सेहतमंद जिंदगी गुजार रहे हैं उसका सारा श्रेय वह यूनानी के मशहूर हकीम सुलेमान खान साहब को देते हैं।
यहाँ देखिये उन्होंने हकीम साहब को धन्यवाद करते हुए क्या कहा
गोंद सियाह क्या है?
यह पौधा तिन्दुक कुल एबीनेसी का सदस्य है। यह समस्त भारतवर्ष में पाया जाता है। इस पेड़ के तने को चीरा लगाने पर जो तरल पदार्थ निकलता है उसे गोंद सियाह कहते हैं, यह सूखने पर काला और ठोस हो जाता है, यह बहुत ही पौष्टिक होता है इसमें उस पेड़ के गुण पाये जाते हैं। गोंद सियाह हमारे शरीर के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है जो हमारे जोड़ों के दर्द के साथ शरीर की कई समस्याओं को हम से दूर रखता है।