अगर एक अच्छी लाइफ स्टाइल और खान पान को फॉलो नहीं किया जाए तो उम्र बढ़ने के साथ-साथ शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो जाती है जिससे शरीर और हड्डियाँ दोनों कमजोर होने लगती हैं। जिसके बाद एक छोटी सी चोट भी बड़े से बड़े दर्द का कारण बन सकती है। समय पर जीवनशैली में बदलाव न किया जाए तो घुटनों में अकड़न, सूजन और बहुत ज्यादा दर्द होने लग जाता है। आज इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको प्रदीप जी के जीवन की सच्ची कहानी बताने जा रहे हैं जिन्हें अपनी छोटी सी लापरवाही की वजह से पूरे 2 साल तक पैरों में असहनीय दर्द को सहना पड़ा।
कौन हैं प्रदीप कुमार?
प्रदीप जी एक बैंक मैनेजर हैं। जो corporation बैंक से रिटायर्ड होकर उत्तर प्रदेश के आलम नगर में रहते हैं। अपने पैरों के असहनीय दर्द में राहत पाने के बाद अपने रिश्तेदारों, दोस्तों, और संबंधियों को हकीम सुलेमान खान साहब के यूनानी नुस्खों और और घरेलू उपचार के बारे में बताकर लोगों की सेवा करते हैं।
कैसे शुरू हुआ प्रदीप जी के पैरों में दर्द ?
प्रदीप जी घर पर खाना खाने के बाद अपनी मूछों पर हाथ फेरते हुए घर से निकलते हैं, बैंक में इनका ये दिन भी रोजाना की तरह ही कटता है लेकिन जब घर लौटकर वापस आते हैं तो पहली सीढ़ी पर पैर रखते ही इनका पैर फिसल जाता है और धड़ाम से नीचे गिर जाते हैं। धीरे धीरे उठते हैं और अपने आसपास देखते है कहीं किसी ने गिरते हुए देखा तो नहीं। जब इन्हें पता लगता है की किसी ने नहीं देखा तो आराम से अपना ऑफिस बैग उठाते हैं और सीधे अपने कमरे में जाकर लेट जाते हैं। कुछ देर आराम करने के बाद जब उन्हें प्यास लगती है तो अपने बेड से उठते हैं, उठकर थोड़ा सा ही चलते है तो उन्हें महसूस होता है की पैर में दर्द हो रहा है। इन्हें लगता है की पैर में मोच आ गई है जो कुछ देर में अपने आप सही हो जाएगी। दो दिन गुजरे, चार दिन गुजरे और फिर धीरे धीरे पूरा सप्ताह गुजर गया लेकन दर्द अभी भी बना हुआ था। कुछ दिन और गुजरे तो ये दर्द असहनीय हो गया जिससे इन्हें चलने में भी समस्या होने लगी। थोड़ा सा भी चलने पर यहां तक की टहलने पर भी दर्द तेजी के साथ होता था। जिसकी वजह से उनकी यह परेशानी और बढ़ने लगी। ये समस्या इतनी बढ़ गई की इन्हें समय से पहले ही अपनी जॉब भी छोड़नी पड़ी। काफी दिन होने के बाद भी जब पैर का दर्द नहीं गया तो इन्हें लगा की गठिया बाय की समस्या हो गई है। इस दर्द के बारे में इन्होंने अपने परिवार में बात की। तो इनके भाई ने इन्हें काले कलर की एक जड़ी बूटी सेवन करने को दी। जिसे वो घुटनों के दर्द की वजह से खाते थे। इस जड़ी बूटी को सुबह शाम दूध या फिर पानी के साथ खाना था। इन्होंने खाना शुरू किया तो पहले ही हफ्ते में इन्हें दर्द में असर दिखाई देना लगा। जब इन्होंने इस जड़ी बूटी के बारे में अपने भाई से पूछा तो उन्होंने इन्हें बताया की ये गोंद सियाह है,
जिसे हकीम सुलेमान खान साहब की क्लिनिक से लाए थे। प्रदीप जी को पता चला की लखनऊ के आलमबाग में ही हकीम जी का क्लिनिक है तो उन्होंने क्लिनिक पर जाकर वहां के डॉक्टरों को अपनी समस्या बताई। तो उन्होंने इन्हें S. CARE और गोंद सियाह खाने का सेवन करने की सलाह दी। प्रदीप जी पिछले 3 महीने से इन जड़ी बूटियों का सेवन कर रहे हैं। और उन्हें आराम मिल चुका है, अब आसानी से सीढ़ियाँ चढ़ लेते हैं। अब प्रदीप जी रोजाना हकीम जी का प्रोग्राम सेहत और जिंदगी भी देखते हैं जहां से उन्हें नए-नए घरेलू उपचारों और एक्सर्साइज़ के बारे में पता चलता है। वैसे तो इन्हें दर्द में आराम मिल चुका लेकिन ठंडी में कभी कभी हल्का दर्द उठने लगता है तो ये हकीम जी के द्वारा बताई गई एक्सर्साइज़ करते हैं जिससे उन्हें राहत मिल जाती है। अब भी कोई भी व्यक्ति इस तरह के किसी दर्द से परेशान दिखाई देता है तो उसे S. Care और गोंद सियाह के साथ साथ हकीम सुलेमान खान साहब के बारे में जरूर बताते हैं, ताकि और भी लोग इनकी जड़ी बूटियों का लाभ उठा सकें।
गोंद सियाह के बारे में हकीम सुलेमान खान साहब का क्या कहना है?
साथियों आपकी वर्षों पुरानी जोड़ों के दर्द या फिर घुटनों के दर्द की समस्या दूर हो सकती है अगर आपको असली गोंद सियाह मिल जाए तो, हकीम सुलेमान खान साहब का कहना है की गोंद सियाह के सेवन से आपको जोड़ों के दर्द में राहत जरूर मिलती है लेकिन उसके लिए सबसे ज्यादा जरूरी है की आपको असली गोंद सियाह का सेवन करना होगा। असली गोंद सियाह आप हमारी वेबसाईट ATIYA HERBS से मँगवा सकते हैं। या फिर हमारी क्लिनिक पर विज़िट करके भी आप असली गोंद सियाह ले सकते हैं।
प्रदीप जी हकीम जी से क्या चाहते हैं?
प्रदीप जी पैरों के दर्द की समस्या के लिए एक कारगर जड़ी बूटी का सेवन करने के बाद सेहतमंद और स्वस्थ जीवन जी रहे हैं, एक खास बातचीत में प्रदीप जी ने हमें बताया की वो चाहते हैं की हकीम जी लखनऊ में अपनी दो तीन ब्रांच और खोल दें जिससे की आसानी से लोग यूनानी जड़ी बूटियों का फायदा उठा सकें। अभी लखनऊ में हकीम जी की केवल एक ही क्लिनिक है, बहुत दूर-दराज से घंटों जाम में फंसकर लोग यहां तक पहुंचते हैं और फिर क्लिनिक पर आकर उन्हें कतार में अपने नंबर का इंतजार करना पढ़ता है, जिसमें काफी परेशानी होती है।
यहाँ देखिये उन्होंने हकीम साहब को धन्यवाद करते हुए क्या कहा
गोंद सियाह क्या है?
यह पौधा तिन्दुक कुल एबीनेसी का सदस्य है। यह समस्त भारतवर्ष में पाया जाता है। इस पेड़ के तने को चीरा लगाने पर जो तरल पदार्थ निकलता है उसे गोंद सियाह कहते हैं, यह सूखने पर काला और ठोस हो जाता है, यह बहुत ही पौष्टिक होता है इसमें उस पेड़ के गुण पाये जाते हैं। गोंद सियाह हमारे शरीर के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है जो हमारे जोड़ों के दर्द के साथ शरीर की कई समस्याओं को हम से दूर रखता है।
S. Care क्या है?
S. Care दवा अच्छी तरह से परीक्षण और शोधित है, जो गठिया जैसे मांसपेशियों और जोड़ों के रोगों के रोगियों को संतुष्टि देती है। इतना ही नहीं, अल्सर और मुंहासे जैसी अन्य बीमारियों पर भी यह दवा व्यापक प्रभाव डालती है। लेकिन यह मुख्य रूप से मांसपेशियों और हड्डियों से जुड़ी समस्याओं को कम करने में कारगर है। यह मांसपेशियों की अकड़न का उपचार करता है और दर्द से राहत देता है।