साथियों, हमारे जीवन में जब जोड़ों के दर्द से संबंधित कोई गंभीर समस्या आती है तो वह न केवल हमारे शरीर को प्रभावित करती है बल्कि मानसिक स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक प्रभाव डालती है। अगर हम सही समय पर सही डॉक्टर को दिखा लेते हैं तब तो दर्द में जल्द से जल्द फायदा मिल जाता है, लेकिन अगर डॉक्टर दर्द के मर्ज को पकड़ने में नाकामयाब होते हैं तो इस समस्या में कब सालें निकल जाती हैं पता ही नहीं चलता। ऐसा ही एक मामला सामने आया उत्तराखंड राज्य के देहरादून में, देहरादून के मोहकमपुर की जीटीएम कॉलोनी में रहने वाली पूजा जी को महज 35 साल की उम्र में ही स्लिप डिस्क की समस्या हो गई थी, जिसके चलते उन्होंने गली से लेकर देहरादून तक कम से कम 10 डॉक्टरों को दिखाया और दवाइयाँ खाईं। दवाइयाँ खाते-खाते दो सालें गुजर गईं लेकिन उनका दर्द जस का तस बना हुआ था। दो साल के बाद उन्होंने हकीम सुलेमान खान साहब को दिखाया तो उन्होंने पूजा जी के मर्ज को अच्छी तरह समझकर एक प्राकृतिक नुस्खे का सेवन करने की सलाह दी। इस नुस्खे का सुबह-शाम एक-एक चुटकी सेवन करने से उन्हें इतनी राहत मिल गई है कि दर्द में बेड पर पड़ी रहने वाली पूजा जी अब आसानी से सीढ़ियाँ तक चढ़ जाती हैं। आज उनकी पूरी सच्ची कहानी हम आप तक पहुंचा रहे हैं ताकि अगर आप भी स्लिप डिस्क जैसी गंभीर समस्या से जूझ रहे हैं तो पूजा जी का आजमाया हुआ नुस्खा अपनाकर फायदा उठा सकें।
दरअसल पूजा जी की जिंदगी एकदम सही चल रही थी, उन्होंने अपनी फिटनेस पर ध्यान देते हुए एक जिम को जॉइन किया था जहां पर भारी वजन उठाने की वजह से उनकी कमर में जकड़न, गर्दन में दर्द, कंधे की नस में झुनझुनी और हाथों की मसल्स में दर्द होना शुरू हो गया था। धीरे-धीरे दर्द इतना बढ़ गया कि घर के छोटे-छोटे काम करने में भी उन्हें परेशानी होने लगी। उन्होंने पास के ही एक डॉक्टर को दिखाया और दर्द की दवाइयाँ खाती रहीं। इसी बीच एक दिन जब पूजा जी अपनी सहेली के घर गईं थी तो सीढ़ियाँ चढ़ते समय अचानक ही उन्हें कमर में दर्द होने लगा, ये दर्द इतना असहनीय था कि न तो वह सीढ़ियाँ चढ़कर ऊपर जा पाईं और न ही नीचे उतरने की हिम्मत हुई। उन्हें तुरंत देहरादून ले जाकर डॉक्टर को दिखाया गया। डॉक्टर की दी हुई दवाइयों और इन्जेक्शन से उन्हें दर्द में राहत तो मिली लेकिन अब उनकी जिंदगी दवाइयों के सहारे चलने लगी। दवाइयाँ खाने से उन्हें दर्द में फायदा तो मिल जाता था लेकिन दवाइयों का असर जाते ही फिर से दर्द शुरू हो जाता था। जब पूजा जी ने दवाइयाँ खाना बंद कर दी तो ये दर्द पूरी कमर और पैरों तक फेल गया। जिस वजह से पूजा जी का उठना-बैठना, खड़ा होना, झुकना यहाँ तक कि लेटे रहना भी मुश्किल हो गया। इस दर्द से बचने के लिए उन्होंने देहरादून में कम से कम 10 डॉक्टरों को दिखाया और दो चिकित्सकों से थेरपी भी करवाई लेकिन कहीं कोई फायदा नहीं मिला। उन्हें इतना भी आराम नहीं मिल पा रहा था कि वो घर का काम खुद से कर सकें।
एमआरआई करने के बाद डॉक्टर ने उन्हें बताया कि रीड की हड्डी में एक डिस्क स्लिप हो गई है जिसकी वजह से दर्द हो रहा है। डॉक्टर ने महीने भर की दवाइयाँ दीं और थोड़ा सा भी वजन उठाने के लिए मना कर दिया था। इसके अलावा डॉक्टर ने उनसे कहा की अगर आप पूरी तरह से आराम चाहती हैं तो आपको ऑपरेशन करवाना पड़ेगा। ऑपरेशन का नाम सुनकर पूजा जी बहुत घबराई हुई थी। पूजा जी का कहना है कि “उन्होंने कभी सोचा नहीं था कि यह दर्द इतनी गंभीर स्थिति तक पहुँच जाएगा।”
पूजा जी को स्लिप डिस्क की समस्या से निपटने की हिम्मत उस समय मिली जब उनकी इस समस्या के बारे में पड़ोसियों को पता चला। दरअसल उनके एक पड़ोसी हकीम सुलेमान खान साहब का प्रसिद्ध शो ‘सेहत और जिंदगी’ देखते थे। इस शो में हकीम सुलेमान खान साहब लाइव आकर उन मरीजों से बात करते थे, जो उनके बताए हुए यूनानी नुस्खों को अपनाकर राहत पा चुके थे। इस शो में उन्होंने कई ऐसे मरीज देखे थे जो हकीम साहब के नुस्खों को अपनाने के बाद सालों पुरानी स्लिप डिस्क की समस्या में राहत पा चुके थे। जब उन्हें पूजा जी की स्लिप डिस्क की समस्या के बारे में पता चला तो उन्होंने हकीम सुलेमान साहब के बारे में बताया और कॉल करके संस्था में बात करने को कहा।
पड़ोसी की सलाह पर पूजा जी ने तुरंत संस्था में कॉल किया और अपनी स्लिप डिस्क की समस्या के बारे में बताया। हकीम साहब की संस्था में मौजूद काबिल यूनानी विशेषज्ञों ने उनकी समस्या को अच्छी तरह से सुनने और समझने के हकीम साहब द्वारा तैयार की गई जोड़ों के दर्द में सबसे कारगर हर्ब गोंद सियाह का सेवन करने की सलाह दी। पूजा जी ने हकीम साहब की ऑफिसियल वेबसाईट ATIYA HERBS से ऑनलाइन ऑर्डर करके गोंद सियाह मँगा ली और बताए गए निर्देशों के अनुसार सुबह-शाम एक-एक चुटकी गोंद सियाह लेना शुरू कर दिया।
गोंद सियाह के सेवन से 20 दिनों के बाद उन्होंने जो बदलाव महसूस किया, वह उनके लिए अविश्वसनीय था। 20 दिनों में ही पूजा जी को दर्द में कमी महसूस होने लगी थी जिससे उन्हें विश्वास हो गया था कि इस हर्ब से उन्हें फायदा मिल सकता है। उन्होंने गोंद सियाह का तीन महीने का कोर्स पूरा किया और अब आलम ये है कि उनके दर्द में 90% तक कमी आ गई है। पहले उन्हें सीढ़ियाँ चढ़ने में तकलीफ होती थी, अब वह बिना किसी समस्या के सीढ़ियाँ चढ़ने लगीं हैं। उनका चलना फिरना, जो पहले बहुत कठिन गया था, अब पूरी तरह से सामान्य हो गया है। गोंद सियाह के सेवन के बाद, अब वह 5 किलोमीटर तक पैदल चल सकती हैं, और वजन भी बिना किसी दर्द और परेशानी के उठा सकती हैं। गोंद सियाह के सेवन से पूजा जी को न केवल शारीरिक राहत मिली, बल्कि उनका आत्मविश्वास भी वापस आ गया। वह अब अपने दैनिक जीवन को सामान्य तरीके से जी पा रही हैं। उनका जीवन एक नया रंग ले चुका है जिससे अब वह स्वस्थ और खुशहाल महसूस करती हैं।
गोंद सियाह ने पजा जी को उस दर्द से राहत दिलाई, जो उनके जीवन का हिस्सा बन चुका था इसलिए वह अपने जीवन में बहुत खुश हैं। अगर आप भी जोड़ों के दर्द की किसी समस्या से परेशान हैं तो हकीम सुलेमान खान साहब के प्राकृतिक उपाय आपके लिए भी फायदेमंद साबित हो सकते हैं।
स्लिप डिस्क की समस्या क्या है?
पूजा जी की समस्या, स्लिप डिस्क (या हर्नियेटेड डिस्क) की थी। यह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें रीढ़ की हड्डी के बीच स्थित नरम डिस्क का कोई हिस्सा बाहर की ओर उभरकर नसों पर दबाव डालता है, जिससे तीव्र दर्द, सूजन और कभी-कभी तंत्रिका तंतुओं को भी चोट लग सकती है। इसके कारण पीठ, गर्दन, या शरीर के अन्य हिस्सों में दर्द, सुन्नता, या कमजोरी महसूस हो सकती है। स्लिप डिस्क आमतौर पर अधिक वजन उठाने, गलत तरीके से शरीर मोड़ने या उम्र बढ़ने के कारण होती है।
आप पूजा जी के जीवन की पूरी कहानी दी गई वीडियो में देख सकते हैं…
गोंद सियाह क्या है?
यह पौधा तिन्दुक कुल एबीनेसी का सदस्य है जो समस्त भारतवर्ष में पाया जाता है। इस पेड़ के तने को चीरा लगाने पर जो तरल पदार्थ निकलता है उसे गोंद सियाह कहते हैं, इस गोंद में उस पेड़ के गुण पाये जाते हैं। यह गोंद बहुत पौष्टिक होता है जो सूखने पर काला और ठोस हो जाता है, गोंद सियाह हमारे शरीर के लिए बहुत ही फायदेमंद है जो हमारे जोड़ों के दर्द के साथ शरीर की कई समस्याओं को हमसे दूर रखता है।