आज के दौर में हम अपनी जीवनशैली में खानपान के लिए सही समय नहीं निकाल पाते है, न सही समय से खाते है, ना सही समय सोते है। जिससे हमारी जीवनशैली बिगड़ जाती है और ऐसे में हम एक अस्वस्थ जिंदगी की ओर बढ़ जाते है। देखा जाएं अपनी लाइफस्टाइल को सही से बैंलेस करना बेहद जरूरी है, अगर हम ऐसा नहीं करते हैं, तो बी.पी की समस्या हो जाती है हांलाकि ये परेशानी इतनी बढ़ जाती है कि उम्र के साथ कई लोगों में भी देखने को मिलती है। इसलिए अच्छा खानपान और लाइफस्टाइल अपनाना ज़रूरी है, लेकिन ये हर किसी के लिए संभव नही होता है। ऐसे में कुछ चीजों को अपनाकर हम बेहतर जीवन जी सकते हैं। आज हम बात करने जा रहे हैं फूलचंद जी के बारे में जो वैसे तो स्वस्थ है लेकिन पिछले कुछ समय से हाई बी.पी की समस्या से काफी परेशान थे। आइए जानते हैं अब वो कैसे हैं और किस तरह का जीवन बिता रहे है।
63 साल के फूलचंद जी अपने परिवार के साथ जयपुर से लगभग 75 कि.मी दूर माधवपुरा सिटी के पास रहते हैं। फूलचंद जी की चाय की दुकान है। वे सुबह पांच बजे दुकान पर जाते हैं और 10 बजे वापस आ जाते है। दरअसल पिछले पांच सालों से फूलचंद जी को हाई बी.पी की परेशानी थी जिसकी वजह से उन्हें गुस्सा, चिड़चिड़ापन और अक्सर चक्कर आते थे। वे इन चीजों से काफी परेशान रहने लगे थे। वे बोलते हैं कि अंग्रेजी दवाई से ज्यादा बेहतर उन्हें घरेलू उपचार लगता है। घरेलू उपचार बेहतर काम करता है क्योकि अंग्रेजी दवाईंयां सिर्फ तब तक ही काम करती जब वे असर कर रही हो जैसे ही दवाई का असर कम होता है वैसे ही तकलीफ फिर से बढ़ने लग जाती है। फूलचंद जी खुद बताते है कि ऐसा उनका अनुभव भी रहा है।
फूलचंद जी को हाई बी. पी की परेशानी ज्यादा समय से परेशान कर रही थी। हाई बी.पी में इन्हें चक्कर आने लगते थे। रात भर सोने में भी परेशानी होती थी। फूलचंद जी खुद बताते है कि उन्होंने सब जगह आना-जाना भी बंद कर दिया था। उनकी समस्या बढ़ती ही जा रही थी। उनके हाथ-पैर भी ठंडे पड़ जाते थे। जिसकी वजह से लगातार उनकी तकलीफें बढ़ती जा रहीं थी। जब बढ़ती परेशानियों से उनकी जीवन जीना काफी मुश्किल हो गया तो फिर उन्होंने डॉक्टरों से अपना उपचार कराना सही समझा। वे डॉक्टर के पास गए तो उन्हें डॉक्टर ने एक दवा रात में खाने की सलाह दी गई, लेकिन दवाई से आराम नहीं लगा। फूलचंद जी इसी उलझन में रहे कि न जाने अब क्या होगा? लेकिन वो कहते हैं ना कि अगर जीवन में सारे रास्ते बंद हो जाएं तो भगवान कोई न कोई नया रास्ता खोल ही देता है ऐसा ही हुआ फूलचंद जी के साथ।
फूलचंद जी हमेशा से यूनानी के मशहूर हकीम सुलेमान खान साहब का चर्चित शो सेहत और जिंदगी देखते आ रहे है क्योंकि उनके नुस्खे घरेलू होते हैं और वे समस्या पर काफी असर डालते हैं और इससे काफी फायदा भी मिल सकता है। फूलचंद जी हकीम जी से वैसे भी प्रभावित थे लेकिन प्रोग्राम के जरिए उनकी बातों को सुनकर और उनका समझाने का तरीका जानकर फूलचंद जी को काफी अच्छा लगा। लेकिन एक दिन उनके साथ एक हादसा हो गया दरअसल वे रात को बाथरूम जाने के लिए गए थे। उसी बीच उनको अचानक से चक्कर आ गए जिसके बाद से उनकी तबीयत और बिगड़ने लगी। इतनी परेशानी बढ़ने के बाद उन्होंने हकीम जी से संपर्क किया और अपनी समस्या के बारे में बताया। जिसे देखते हुए हकीम जी ने उन्हें जैतून का सिरका इस्तेमाल करने की सलाह दी। फूलचंद जी ने बिना कोई देरी किए जैतून का सिरका ATIYA HERBS से ऑर्डर किया और इस्तेमाल करना शुरू कर दिया। इसके साथ ही फूलचंद जी को अक्सर पेट की समस्या भी रहती थी। पेट में एसिड बन जाता था। और यही वजह थी कि फूलचंद जी का खाना पीना कम हो गया, क्योंकि वे जब भी कुछ खाने बैठते थे तो खाया ही नहीं जाता था। शरीर में कमजोरी बढ़ने लगी थी। जिसके लिए उन्होंने हकीम जी की सलाह अनुसार नमक जैतून और मीठे सोडे का नुस्खा बनाकर इस्तेमाल किया। इससे उन्हें काफी फायदा भी देखने को मिला।कुछ समय बाद ही फूलचंद जी की बी.पी की समस्या में भी सुधार हो गया और पेट की तकलीफ में भी काफी आराम महसूस होने लगा है। अब उन्हें खाने से पहले ज्यादा सोचना नही पड़ता है। उनको देख उस जगह के कई लोग भी हकीम जी के घरेलू नुस्खों से प्रभावित हुए हैं किसी को कोई समस्या होती है तो, वे फूलचंद की मदद से यूनानी बूटी मंगवा लेते हैं और वे सेवा का अवसर पाकर लोगों की मदद भी कर देते हैं ताकि जैसे वह भी बेहतर हो सकें और भी अपनी परेशानियों में राहत पा सकें।
आज फूलचंद जी अंदर से काफी बेहतर महसूस करते हैं जैसा उन्हें हकीम जी के नुस्खों से उम्मीद थी। वे खुद भी घऱ में बाकी परेशानियों को कम करने व सेहतमंद रहने के लिए हकीम जी के नुस्खे बनाते हैं ताकि आगे भी बेहतर जिंदगी गुजार सके। फूलचंद जी कहते है कि हकीम जी बेहद सरल स्वभाव के व्यक्ति हैं और लोगों को घरेलू नुस्खे बताकर उनकी काफी मदद भी कर रहे हैं। हकीम जी स्वस्थ बने रहे ताकि जैसे हमारी मदद हुई है वैसे और लोग की भी हो सकें।
यहाँ देखिये उन्होंने हकीम साहब को धन्यवाद करते हुए क्या कहा
जैतून का सिरका क्या है?
हकीम सुलेमान साहब का जैतून का सिरका विभिन्न रोगों जैसे मधुमेह नियंत्रण, पाचन, गैस्ट्रिक से संबंधित समस्या, लिवर से संबंधित समस्या, गुर्दे से संबंधित समस्या, उच्च रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल की समस्या के लिए एक आदर्श हर्बल उपचार है। हकीम साहब के अनुसार जैतून का सिरका शरीर को स्वस्थ बनाने के लिए काफी असरदार है। शुगर के लिए यह सिरका फायदेमंद है। जैतून का सिरका पूर्ण रूप से आयुर्वेदिक है। इसके इस्तेमाल से किसी भी प्रकार का कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है। इसकी खुराक को हकीम साहब या हकीम साहब की कंपनी के डॉक्टरों द्वारा बताई गयी मात्रा में ही लेना चाहिए। ज्यादा मात्रा में इसका सेवन इसकी काम करने की क्षमता को प्रभावित कर सकता है।