बढ़ती उम्र के साथ जोड़ों के दर्द की समस्या बढ़ने लगती है, जिसकी वजह से उठने-बैठने में भी कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। आपको बता दें आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में सब इतने व्यस्त हैं कि किसी को उतना समय ही नहीं मिल पाता कि वह अपनी सेहत का ध्यान रख सकें। कई लोग जोड़ों के दर्द को नजरअंदाज कर देते हैं, जो आगे चलकर उनके लिए परेशानी बन जाता है। जोड़ों का दर्द ना केवल बुजुर्गों बल्कि युवाओं में भी काफी देखने को मिलता है जिसका कारण है आज का बदलता खानपान। इसकी वजह से शरीर में कमजोरी और कई पोषक तत्वों की कमी होने लग जाती है, जो जोड़ों के दर्द का कारण बन सकता है। इसके अलावा मांसपेशियों में खिचांव, चोट लगने, की वजह से भी जोड़ों का दर्द हो सकता है। जिसे हमें नजरअंदाज नहीं करना चाहिए नहीं तो आगे चलकर ये बड़ी समस्या का रूप ले सकता है, जो औऱ तकलीफदेह होगा। ऐसे कई लोग हमें देखने को मिलते हैं, जो इसी तरह जोड़ों के दर्द से काफी परेशान रहते हैं उन्हीं में शामिल है गोवा की रहने वाली नसरीन जी, जो कई सालों से जोड़ों के दर्द से काफी परेशान थी, चलिए आज इनकी कहानी से हम आपको रूबरू कराते हैं कि कैसे नसरीन जी ने हकीम सुलेमान खान साहब से जुड़कर जोड़ों के दर्द में आराम पाया।
गोवा की रहने वाली 58 साल की नसरीन जी काफी दयालु स्वभाव की महिला हैं। लोगों की मदद करना उनका स्वभाव है इसलिए कई लोग उनसे जुड़े हुए हैं। उनका एक खुशहाल परिवार है। परिवार में उनका बेटा और एक बेटी है। बेटी की शादी हो चुकी है। नसरीन जी के परिवार में उनके साथ बस अब उनका एक बेटा ही रहता है। वह अपना जीवन सामान्य तरीके से बिता रही थी। नसरीन जी का पूरा ध्यान अपने परिवार पर ही रहता ऐसे में वह इतनी व्यस्त हो गयी कि अपनी सेहत का ख्याल रखना ही भूल गयी। आपको बता दें नसरीन जी को जोड़ों में दर्द होने लगा था जिसके कारण उन्हें काफी तकलीफों का सामना करना पड़ा। उनकी यह तकलीफ 4 साल से उन्हें परेशान कर रही थी। दर्द में उनके लिए घर का काम करना भी मुश्किल होता जा रहा था, क्योंकि जब परिवार संभालने वाली महिला बिस्तर पकड़ ले तो परिवार चलाना काफी मुश्किल हो जाता है। नसरीन जी काफी परेशान रहने लगी उन्हें समझ ही नहीं आ रहा था कि अब वह ऐसा क्या करें जो उनके जोड़ों का दर्द कम हो जाए। कई लोग एलोपैथिक दवाओं का सेवन कर दर्द में राहत पा लेते हैं, लेकिन नसरीन जी का सोचना इसमें थोड़ा अलग है वह अपने जोड़ों के दर्द के लिए यूनानी उपचार ढूंढ रही थी जिससे उन्हें आराम मिल जाए। हर जगह से नाउम्मीद होकर भी उन्होंने उम्मीद नहीं छोड़ी। वो कहते हैं ना कि बुरा समय एक ना एक दिन गुजर ही जाता है शायद नसरीन जी का बुरा समय भी गुजरने वाला था।
आखिरकार वो दिन आ ही गया था जिस दिन का नसरीन जी को इंतजार था। एक दिन नसरीन जी टीवी देख रही तभी अचानक से उनकी नजर हकीम सुलेमान खान साहब के बहुचर्चित शो सेहत और जिंदगी पर पड़ी। जो उस वक्त लाइव चल रहा था। इस शो में काफी लोगों के फीडबैक भी आ रहे थे। लोगों को मिलते आराम को देखते हुए वह काफी प्रभावित हुई। फिर नसरीन जी ने मन बना लिया कि वह एक बार हकीम जी के यूनानी नुस्खों को जरूर अपनाकर देखेंगी। हकीम साहब द्वारा दर्द में बतायी गई कारगर जड़ी-बूटी गोंद सियाह को उन्होंने बिना किसी देरी के ATIYA HERBS से ऑर्डर कर मंगवा लिया और इसका इस्तेमाल करना शुरू कर दिया। कुछ ही दिनों में गोंद सियाह के इस्तेमाल से नसरीन जी को काफी आराम महसूस होने लगा।
अपने जोड़ों के दर्द में मिलते आराम को देखकर नसरीन जी काफी खुश हुई और उन्होंने अपनी अन्य समस्याओं के लिए भी हकीम जी की यूनानी जड़ी बूटी अपनाई। दरअसल नसरीन जी को बालों की समस्या भी थी उसके लिए उन्होंने हकीम की जड़ी बूटी H CARE का इस्तेमाल किया। इसके अलावा नसरीन जी हकीम जी के द्वारा बताये गये छ: चीजों में शामिल सौंफ, सोंठ, जीरा, अजवाइन, धनिया, मेथी का चूर्ण बनाकर रखती है। जिसका इस्तेमाल वे अपनी पेट की समस्या के लिए करती हैं। हकीम जी के घरेलू नुस्खों से नसरीन जी को अपनी कई समस्याओं में काफी फायदा मिला है।
नसरीन जी अब हकीम जी का प्रोग्राम रोजाना देखती हैं। उन्हें अब हकीम साहब के नुस्खे अच्छी तरह से याद भी है जिनका इस्तेमाल वह करती हैं। एक खास बातचीत में नसरीन जी ने बताया कि अगर व्यक्ति अच्छे से स्वस्थ होना चाहता है या अपनी समस्या से राहत पाना चाहता है तो उसे यूनानी बूटी का सेवन करके देखना चाहिए। यूनानी बूटी थोड़ा वक्त तो लेती है, लेकिन यह आपकी परेशानी में राहत दिलाने में भी कारगर होती है। नसरीन जी हकीम जी की लंबी उम्र की दुआ करती है। उनका कहना है हकीम जी काफी अच्छे से यूनानी नुस्खों के बारे में बताते हैं। हकीम जी स्वस्थ रहे और आगे भी अपने घरेलू नुस्खों की मदद से लोगों का भला करते रहें। आज जो वह स्वस्थ और सेहतमंद जिंदगी गुजार रही हैं उसका सारा श्रेय यूनानी के मशहूर हकीम सुलेमान खान साहब को देती हैं।
यहाँ देखिये उन्होंने हकीम साहब को धन्यवाद करते हुए क्या कहा
गोंद सियाह क्या है?
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि गोंद सियाह कैसे मिलता है और यह देखने में कैसा होता है। यह पौधा तिन्दुक कुल एबीनेसी का सदस्या है। इसके कालस्कंध (संस्कृत) ग्राम, तेंदू। यह समस्त भारतवर्ष में पाया जाता है। यह एक मध्यप्राण का वृक्ष है जो अनेक शाखाओं प्रशाखाओं से युक्त होता है। गोंद सियाह, पेड़ के तने को चीरा लगाने पर जो तरल पदार्थ निकलता है वह सूखने पर काला और ठोस हो जाता है उसे गोंदिया कहते हैं, गोंद सियाह देखने में काले रंग का होता है। यह बहुत ही पौष्टिक होता है उसमें उस पेड़ के गुण पाये जाते हैं। गोंद सियाह हमारे शरीर के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है जो हमारे जोड़ों के दर्द के साथ शरीर की कई समस्याओं को हम से दूर रख सकता है।