बढ़ती उम्र अपने साथ कई सारी तकलीफें लेकर आती है ऐसे में व्यक्ति को घुटनों में दर्द की समस्या का सामना करना पड़ता है। घुटने का दर्द कई दूसरी वजहों से भी हो सकता है, जैसे मोच या खिंचाव, चोट लगने, लंबे समय तक घुटनों के बल पर बैठने से भी ऐसा हो सकता है। इसके अलावा कई लोगों को तो कैल्शियम की कमी होने और गलत खानपान करने की वजह से भी ऐसा होता है। आज के समय में घुटनों का दर्द ना सिर्फ बढ़ती उम्र बल्कि युवाओं के लिए भी परेशानी का कारण बन गया है, पर सबसे ज्यादा जरूरी है बुजुर्गों को इस परेशानी पर ध्यान देना, क्योंकि अगर बढ़ती उम्र में इस परेशानी पर ध्यान नहीं दिया गया तो ये परेशानी आपके लिए मुसीबत भी बन सकती है। इसलिए जरूरी है कि आप इसका सही से उपचार कराएं। ऐसे ही एक व्यक्ति हैं जो कई सालों से घुटनों के दर्द से काफी परेशान थे जिस व्यक्ति की हम बात कर रहे हैं वो हैं मुंबई के रहने वाले मनोहर जी की, तो आइये जानते हैं कि उन्होंने कैसे यूनानी नुस्खों का इस्तेमाल करके अपने घुटनों के दर्द को कम किया है।
मुंबई के गोरे गांव ईस्ट में स्थित उमिया नगर के रहने वाले मनोहर जी की उम्र 76 साल है वह मुंबई पोर्ट के एक रिटायर्ड कर्मचारी हैं, जो 33 साल से मुंबई पोर्ट में काम कर रहे थे। वह काफी सुलझे हुए व्यक्ति हैं यह उनके स्वभाव से ही हम पता लगा सकते हैं। उनके परिवार में उनके दो बेटे और उनकी पत्नी साथ रहते हैं। मनोहर जी का एक बेटा आ.ई टी की किसी कंपनी में काम करता है और दूसरा दुबई में कंसल्टेंसी का काम करता है। उनका पूरा परिवार काफी खुशहाल जिंदगी गुजार रहा था कि तभी ना जानें उन्हें किसकी नजर लग गई। दरअसल मनोहर जी को घुटनों के दर्द की समस्या हो गई। जिसकी वजह से उनका चलना फिरना, उठना-बैठना तक काफी मुश्किल हो गया। कई सारे डॉक्टरों को भी दिखाया पर उससे भी आराम मिलता नजर नहीं आय़ा। बल्कि उन्होंने तो ऑपरेशन कराने की भी सलाह दे दी थी।
आपको बता दें दर्द से परेशान होकर एक बार तो उन्हें हॉस्पिटल में भी भर्ती होना पड़ा क्योंकि उनके कार्टिलेज में भी कमी होनी शुरू हो गई थी। मनोहर जी के लिए ये समझपाना काफी मुश्किल था कि वह क्या करें? वह अपने घुटनों के दर्द में आराम पाने के लिए रोजाना एक्सरसाइज करते पर इससे उन्हें कुछ समय के लिए तो राहत मिल जाती पर लंबे समय तक आराम पाना संभव नहीं हो पा रहा था। मनोहर जी को घुटनों की ये तकलीफ लगभग 7 से 8 साल पहले ही शुरू होने लगी थी दर्द होने से पहले पैरों में सूजन आनी शुरू हुई थी तब इसके लिए उन्होंने बर्फ की सिकाई की थी जिससे उन्हें उस समय काफी आराम मिल गया पर धीरे-धीरे समय के साथ ये परेशानी और बढ़ने लगी। वो कहते हैं ना जब जिंदगी में सबकुछ सही चल रहा होता है तो कुछ ना कुछ ऐसा हो ही जाता है जो आपकी परेशानी की वजह बन जाता है ऐसा ही कुछ हो रहा था मनोहर जी के साथ।
मनोहर जी रोजाना टी.वी देखा करते थे तभी एक दिन अचानक टी.वी देखते देखते उनकी नजर हकीम सुलेमान खान साहब के बहुचर्चित शो सेहत और जिंदगी पर पड़ी। जिस पर उन्होंने देखा कि हकीम साहब लोगों को उनकी समस्या के लिए यूनानी नुस्खे अपनाने की सलाह दे रहे हैं उनके इसी स्वभाव को देखते हुए मनोहर जी काफी प्रभावित हुए। इसके अलावा उन्होंने इस प्रोग्राम के माध्यम से ये भी जाना कि यूनानी बूटी गोंद सियाह होती क्या है इसके क्या-क्या फायदे हैं और यह किस तरह की दिखती है। जब उन्होंने अपनी परेशानी के लिए हकीम साहब से संपर्क किया तो हकीम साहब ने उन्हें यही कारगर बूटी गोंद सियाह को अपनाने की सलाह दी।
मनोहर जी को ये नुस्खा अपनाने में कोई एतराज नहीं है। फिर क्या था बिना किसी देरी के मनोहर साहब ने घुटनों के दर्द के लिए गोंद सियाह को ATIYA HERBS की वेबसाइट से ऑर्डर करके मंगवा लिया। हकीम जी के दिशा निर्देश अनुसार इसका इस्तेमाल करने से उन्हें घुटनों के दर्द में काफी राहत मिली। पहले जहां वो एक कदम सीढ़ियां नहीं चढ़ पाते थे, उठ-बैठ नहीं सकते थे पर आज उन्हें किसी सहारे की जरूरत नहीं है। वो अपने सभी काम खुद ही कर लेते हैं। घुटनों के दर्द में जो राहत मिली वो यूनानी नुस्खे के कारण ही मिली। इसके अलावा मनोहर जी ने S.CARE और हल्दी प्लस का भी इस्तेमाल किया। आज उनके परिवार वाले भी उन्हें देखकर काफी खुश हैं क्योंकि घर के मुख्य सदस्य ही अगर तकलीफ में हो तो किसी का मन नहीं लगता। पर आज उनका परिवार एक बार फिर खुशहाल जिंदगी गुजार रहा था।
मनोहर जी स्वस्थ होने के बाद लोगों को यही सलाह देते हैं कि वह हकीम जी के घरेलू नुस्खों को अपनाकर देखें, क्योंकि इससे उन्हें अपनी समस्याओं में काफी आराम मिल सकता है। वह हकीम जी के लिए दुआ करते हैं कि उनकी उम्र लंबी हो और इसी तरह वह लोगों की मदद करते रहें ताकि जैसे उन्हें अपनी तकलीफ में आराम मिला है वैसे ही और लोगों को भी मिले। आज जो मनोहर जी अपने परिवार के साथ सेहतमंद जिंदगी गुजार रहे हैं उसका सारा श्रेय वह यूनानी के मशहूर हकीम सुलेमान खान साहब को देते हैं।
यहाँ देखिये उन्होंने हकीम साहब को धन्यवाद करते हुए क्या कहा
गोंद सियाह क्या है?
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि गोंद सियाह कैसे मिलता है और यह देखने में कैसा होता है। यह पौधा तिन्दुक कुल एबीनेसी का सदस्या है। इसके कालस्कंध (संस्कृत) ग्राम, तेंदू। यह समस्त भारतवर्ष में पाया जाता है। यह एक मध्यप्राण का वृक्ष है जो अनेक शाखाओं प्रशाखाओं से युक्त होता है। गोंद सियाह, पेड़ के तने को चीरा लगाने पर जो तरल पदार्थ निकलता है वह सूखने पर काला और ठोस हो जाता है उसे गोंदिया कहते हैं, गोंद सियाह देखने में काले रंग का होता है। यह बहुत ही पौष्टिक होता है उसमें उस पेड़ के गुण पाये जाते हैं। गोंद सियाह हमारे शरीर के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है जो हमारे जोड़ों के दर्द के साथ शरीर की कई समस्याओं को हम से दूर रख सकता है।