उत्तरप्रदेश के जिला सहारनपुर में रहने वाले रिटायर्ड सब इंस्पेक्टर, महिपाल सिंह जी जिंदादिल स्वभाव के व्यक्ति हैं। यूपी पुलिस में रहते हुए उन्होंने बहुत ही शानदार तरीके से अपना जीवन जिया। लेकिन रिटायरमेंट के बाद, जब उनकी उम्र 65 वर्ष के आस-पास पहुँची, तो उनके जीवन ने एक नया मोड़ लिया। अचानक उनका संतुलन बिगड़ने लगा, उनके पैर लड़खड़ाने लग गए, पैरों में कमजोरी आने की वजह से पैरों पर खड़े रहना मुश्किल हो गया, डिस्बैलेंस की इस समस्या ने उनको लाठी के सहारे चलने के लिए मजबूर कर दिया। पहले तो उन्हें लगता था कि यह सामान्य वृद्धावस्था के लक्षण हैं, लेकिन समय के साथ उनकी स्थिति और भी बिगड़ गई। महिपाल जी ने कई डॉक्टरों को दिखाया, लेकिन डॉक्टरों से उन्हें यही सुनने को मिला कि अगर वह अमेरिका भी चले जाएं, तो भी इस उम्र में इस समस्या का कोई उपाय नहीं है। लेकिन महिपाल जी ने हार नहीं मानी और कई तरह के उपाय अपनाते रहे, और फिर एक ऐसा प्राकृतिक नुस्खा उनके हाथ लगा जिसके सेवन से महिपाल सिंह जी बुढ़ापे में घुटनों के दर्द की समस्या से राहत पाकर अब स्वस्थ और सेहतमंद जिंदगी जी रहे हैं। चलिए आपको बताते हैं आखिर क्या है उनकी पूरी कहानी?
बीड़ी और सिगरेट की लत का असर
महिपाल जी की उम्र 75 साल है। वह 2009 में पुलिस के उच्चतम पद से रिटायर्ड होने के बाद सहारनपुर में हसनपुर चौक के पास वरुण विहार कालोनी में रहते हैं। पुलिस में रहने की वजह से उनका जीवन हमेशा से सक्रिय और खुशमिजाज रहा, लेकिन रिटायरमेंट के बाद हड्डियाँ कमजोर होने की वजह से जोड़ों में दर्द होना शुरू हो गया और पैर डिस्बैलेंस होने लगे थे, उन्हें ऐसा लगने लगा था कि खड़े होते ही गिर जाएंगे। जब हमने उनसे उनके शरीर में हुई डिस्बैलेंस की समस्या के बारे में पूछा तो उन्होंने हमें बताया कि उन्हें बीड़ी और सिगरेट पीने की आदत थी जिसकी वजह से सेहत पर बुरा असर पड़ा है। जब तक वो नौकरी में रहे, तब तक उनकी जिंदगी एकदम स्वस्थ और सेहतमंद तरीके से चल रही थी। लेकिन रिटायर्ड होने के बाद उन्हें घुटनों और कमर में असहनीय दर्द होना शुरू हो गया था। एक ओर घुटनों में दर्द की वजह से खड़े होते ही पैर लड़खड़ाने लगते थे, वहीं दूसरी ओर कमर में स्लिप डिस्क की समस्या हो गई थी जिससे भयंकर दर्द बना हुआ था।
जब सहारनपुर, देहरादून और मेरठ के कई डॉक्टरों को दिखाने के बाद भी उन्हें कोई फायदा नहीं हुआ तो महिपाल जी ने यह सोच लिया था कि अब बुढ़ापा आ गया है। उन्हें लगने लगा था कि अब आगे की जिंदगी इसी दर्द और छड़ी के सहारे ही बितानी पड़ेगी। कई डॉक्टरों को दिखाने के बाद भी उन्हें निराशा भरी बातें ही सुनने को मिलती थीं। एक डॉक्टर ने तो उनसे यह तक कह दिया था कि “आप अमेरिका तक भी चले जाइए तो भी इसका कोई उपाय नहीं है।”
हकीम सुलेमान खान साहब से मिली उम्मीद की किरण
काफी परेशान होने के बाद एक दिन, टीवी चैनल बदलते हुए महिपाल सिंह जी ने हकीम सुलेमान खान साहब का एक प्रोग्राम देखा, जिसमें हकीम साहब अपनी यूनानी जड़ी-बूटियों के बारे में बता रहे थे। महिपाल जी को यह जानकर अच्छा लगा कि हकीम साहब के नुस्खों से लाखों लोगों को लाभ हुआ है। उन्होंने महसूस किया कि यह उनके लिए भी एक अच्छा उपाय हो सकता है। महिपाल जी ने हकीम साहब के द्वारा सुझाए गए प्राकृतिक उपचारों को अपनाने का फैसला किया। उन्होंने हकीम साहब की संस्था में कॉल किया और यूनानी डॉक्टरों की सलाह पर हकीम जी की ऑफिसियल वेबसाईट ATIYA HERBS से यूनानी नुस्खे M. Care, S. Care, और गोंद सियाह ऑनलाइन ऑर्डर करके मँगा ली और सेवन करना शुरू कर दिया।
हकीम सुलेमान खान साहब के नुस्खों से शारीरिक बदलाव और सुधार
हकीम साहब के प्राचीन, प्राकृतिक और यूनानी नुस्खों ने कुछ ही दिनों में, महिपाल जी की कमर और घुटनों के दर्द में असर दिखाना शुरू कर दिया। 15-20 दिनों के अंदर ही उन्हें अपने पैरों में 60% आराम मिला। उनकी हालत में आश्चर्यजनक रूप से सुधार हुआ। पहले जो दर्द और असंतुलन उनकी जिंदगी का हिस्सा बने हुए थे, अब उनमें बहुत राहत महसूस होने लगी जिससे उनका आत्मविश्वास वापस लौटा, और महिपाल जी को यकीन हो गया कि अब वह अपनी समस्याओं को दूर कर सकते हैं। उनकी स्थिति में आए इस आशाजनक बदलाव ने उनके जीवन को एक नई दिशा दी। हकीम साहब के नुस्खों के सेवन से वह अपनी जीवनशैली को पहले से ज्यादा ऊर्जावान तरीके से जी पा रहे हैं। लड़खड़ाकर चलने वाले महिपाल जी अब बिना किसी सहारे के आसानी से चल सकते हैं।
नया जीवन, नया उत्साह
हकीम सुलेमान खान साहब के नुस्खों से महिपाल सिंह जी की सेहत में आए इस बड़े बदलाव ने उनके जीवन को पूरी तरह से बदल दिया है। आज महिपाल जी पहले की तरह सक्रिय और स्वस्थ महसूस करते हैं। उन्होंने सिगरेट और बीड़ी की आदत को छोड़ दिया और एक नई स्वस्थ जीवनशैली अपनाई। स्वस्थ होने के बाद, महिपाल जी दूसरों को भी यही सलाह देते हैं कि वे हकीम साहब के प्राकृतिक उपचारों का सेवन करें। उनका कहना है कि अगर कोई भी व्यक्ति गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहा है, तो हकीम साहब के नुस्खे जरूर अपनाएं। महिपाल जी को पूरा यकीन है कि यदि वह हकीम सुलेमान खान साहब से बहुत जल्दी जुड़ गए होते तो उनकी समस्या बहुत पहले हल हो सकती थी।
आप महिपाल जी के जीवन की पूरी कहानी दी गई वीडियो में देख सकते हैं…
गोंद सियाह क्या है?
यह पौधा तिन्दुक कुल एबीनेसी का सदस्य है जो समस्त भारतवर्ष में पाया जाता है। इस पेड़ के तने को चीरा लगाने पर जो तरल पदार्थ निकलता है उसे गोंद सियाह कहते हैं, इस गोंद में उस पेड़ के गुण पाये जाते हैं। यह गोंद बहुत पौष्टिक होता है जो सूखने पर काला और ठोस हो जाता है, गोंद सियाह हमारे शरीर के लिए बहुत ही फायदेमंद है जो हमारे जोड़ों के दर्द के साथ शरीर की कई समस्याओं को हमसे दूर रखता है।
S. Care क्या है?
S. Care दवा अच्छी तरह से परीक्षण और शोधित है, जो गठिया जैसे मांसपेशियों और जोड़ों के रोगों के रोगियों को पूर्ण संतुष्टि देती है। इतना ही नहीं, अल्सर और मुंहासे जैसी अन्य बीमारियों पर भी यह दवा व्यापक प्रभाव डालती है। लेकिन यह मुख्य रूप से मांसपेशियों और हड्डियों से जुड़ी समस्याओं को ठीक करने में कारगर है। यह मांसपेशियों की अकड़न का उपचार करता है और दर्द से राहत देता है।