उम्र बढ़ने के साथ शरीर को कई समस्याएं घेर लेती हैं। आज के समय बदलती लाइफस्टाइल के चलते लोगों का जीवन भी बदल गया है। पैरालायसिस के बारे में तो आपने सुना ही होगा। ज्यादातर उम्र बढ़ने और शरीर में बीमारियों के होने पर पैरालायसिस का खतरा रहता है। हालांकि आजकल युवाओं में भी ये समस्या बढ़ रही है। आपने बड़े-बुजुर्गों में पैरालायसिस की स्थिति देखी होगी। इस बीमारी में शरीर का एक हिस्सा काम करना बंद कर देता है। इसमें एक तरफ का हाथ, पैर, मुंह और आंख प्रभावित होते हैं। पैरालायसिस के बारे में पहले से कुछ पता नहीं चलता है ये सिर्फ कुछ मिनटों में ही शरीर को प्रभावित कर सकता है। पैरालायसिस एक ऐसी समस्या है अगर किसी व्यक्ति को हो जाये तो उसे काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। लेकिन इसका सही समय पर इलाज करना बहुत जरूरी है। जैसे कि हरियाणा के जोगिंदर सैनी जी ने किया है। चलिए जानते हैं उनकी पूरी आत्मकथा।
जोगिंदर सैनी जी की उम्र 50 साल की है। वे हरियाणा में अपने परिवार के साथ ही रहते हैं। उनके परिवार में उनकी पत्नी, एक बेटा और बेटे की बहू रहते हैं। जोगिंदर जी का बहुत ही छोटा सा परिवार है। वे उसी में खुशी के साथ रहते हैं। जोगिंदर जी पानीपत में जॉब करते हैं। वैसे तो जोगिंदर जी का जीवन बहुत ही खुशहाल के साथ चल रहा था लेकिन अचानक वे कई समस्याओं में घिर गये। जोगिंदर जी की समस्याएं इतनी बड़ी थीं कि उन्हें बिस्तर पकड़ना पड़ा। दरअसल जोगिंदर जी को पैरालायसिस की समस्या हो गयी। उनका आधा शरीर सुन्न पड़ गया। अब वे ना कहीं जा सकते थे और ना ही खुद से चल सकते थे। इतनी परेशानी होने के बाद अब वे बिस्तर पर ही लेटे रहते। जोगिंदर जी का जॉब पर जाना भी बंद हो गया था। आखिर करें भी तो क्या करें। जो इलाज, जो यत्न कर सकते थे जोगिंदर जी खुद को स्वस्थ करने के लिए कर रहे थे। लेकिन उन्हें अपनी समस्या में कोई फायदा होता नजर नहीं आ रहा था। पैरालायसिस की समस्या के साथ-साथ उनकी याददाश्त भी कमजोर होती जा रही थी। फिर एक दिन उनसे मिलने दिल्ली की दयावती जी गयीं। दिल्ली की दयावती जी को आखिर कौन नहीं जानता। वे काफी लोगों को स्वस्थ और सेहतमंद कर चुकी हैं। जोगिंदर जी दयावती जी के रिश्तेदार हैं। जब दयावती जी ने अपने रिश्तेदार की ऐसी हालत देखी तो उन्होंने आयुर्वेद में मशहूर माननीय हकीम सुलेमान खान साहब का नाम सजेस्ट किया। साथ ही कहा कि अगर आप हकीम जी के घरेलू नुस्खों को अपनाएंगे तो जरूर ही ठीक हो जायेंगे।
जोगिंदर जी ने ऐसा ही किया। दयावती जी ने उनकी पैरालायसिस की समस्या के लिए गोंद सियाह लाकर दिया। और गोंद सियाह के इस्तेमाल करने का तरीका बताया। जोगिंदर जी ने हकीम जी का बहुचर्चित शो सेहत और जिंदगी देखना शुरू कर दिया। सेहत और जिंदगी देखने के बाद वे हकीम जी से काफी प्रभावित हुए। उन्होंने गोंद सियाह के साथ ही जैतून का सिरका और हकीम जी की कई यूनानी औषधियों को अपनाना शुरू कर दिया। जोगिंदर जी बताते हैं कि गोंद सियाह और हकीम जी की यूनानी औषधियों को अपनाने के करीब 40 दिन में ही उन्हें आराम लगना शुरू हो गया था। उन्हें बिस्तर से भी हिलना मुश्किल था। लेकिन गोंद सियाह के कारण वे उठने बैठने लग गये।
जोगिंदर जी ने हकीम जी की यूनानी औषधि को अपनाकर खुद को सेहतमंद कर लिया। एक तरफ जहां जोगिंदर जी अपनी जरूरतें भी पूरी नहीं कर पा रहे थे वहां अब वे बहुत ही आराम से अपनी जॉब पर जाते हैं। पहले उन्होंने जैतून का सिरका बाजार से खरीद लिया था। लेकिन आधी बोतल इस्तेमाल करने के बाद भी जब उन्हें फर्क नहीं लगा तो वे समझ गये कि यह सिरका नकली है। उन्होंने ATIYA HERBS से गोंद सियाह और जैतून का सिरका मंगाया और उसका इस्तेमाल करना शुरू कर दिया। जिसके बाद उन्हें आराम लगा। अब उनकी याद्दाश्त की समस्या में भी काफी आराम है। जोगिंदर जी बताते हैं कि एक वक्त था जब वे बिल्कुल बेकार हो चुके थे लेकिन हकीम जी की यूनानी औषधियों के कारण वे पूरी तरह से स्वस्थ और सेहतमंद हो गये है। जोगिंदर जी अब तक हकीम जी के यूनानी नुस्खों को कई लोगों तक पहुँचा चुके हैं। जिन लोगों को जोगिंदर जी ने हकीम जी के नुस्खे दिये हैं उन सभी लोगों को फायदा हुआ है। साथ ही उनका परिवार भी इस बात से बेहद खुश है कि दयावती जी की वजह से आज जोगिंदर जी काफी स्वस्थ हो गये हैं क्योंकि दयावती जी ना होती तो शायद वे भी कभी हकीम जी से ना मिल पाते।
यहाँ देखिये उन्होंने हकीम साहब को धन्यवाद करते हुए क्या कहा
गोंद सियाह क्या है?
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि गोंद सियाह कैसे मिलता है और यह देखने में कैसा होता है। यह पौधा तिन्दुक कुल एबीनेसी का सदस्या है। इसके कालस्कंध (संस्कृत) ग्राम, तेंदू। यह समस्त भारतवर्ष में पाया जाता है। यह एक मध्यप्राण का वृक्ष है जो अनेक शाखाओं प्रशाखाओं से युक्त होता है। गोंद सियाह, पेड़ के तने को चीरा लगाने पर जो तरल पदार्थ निकलता है वह सूखने पर काला और ठोस हो जाता है उसे गोंदिया कहते हैं, गोंद सियाह देखने में काले रंग का होता है। यह बहुत ही पौष्टिक होता है उसमें उस पेड़ के औषधीय गुण पाये जाते हैं। गोंद सियाह हमारे शरीर के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है जो हमारे जोड़ों के दर्द के साथ शरीर की कई बीमारियों को हम से दूर रखता है।