हमारी आज की लापरवाही का असर हमे बढ़ती उम्र के साथ दिखाई देने लगता है। धीरे-धीरे शरीर में दर्द कमर में दर्द और घुटनों में दर्द जैसी परेशानी होने लगती है। खासतौर पर घुटनों का दर्द बढ़ती उम्र के साथ परेशान तो करता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये कितना तकलीफदेह हो सकता है पर अगर यहीं परेशानी परिवार के किसी सदस्य पर आ जाए तो वह एक चुनौतीपूर्ण समय होता है क्योंकि ऐसे में पूरा परिवार ही चिंता करने लग जाता है। ऐसी ही कहानी है जगदीश नारायण सैनी जी की जिन्हें घुटनों के दर्द की तकलीफ इतनी ज्यादा थी कि उन्होंने बिस्तर पकड़ लिया था। घर में कमाने वाले जगदीश जी को घुटनों की समस्या के चलते घर बैठने को मजबूर होना पड़ा। आपको बता दें जयपुर से 40 कि.मी दूर चाक्सू कस्बे में रहने वाले 70 साल के जगदीश नारायण सैनी अपने पूरे परिवार के साथ अच्छा समय बिता रहे थे। लेकिन बीते पिछले कई सालों में उनकी जिदंगी काफी बदली हुई थी। दरअसल जगदीश जी कई सालों से घुटनों के दर्द से काफी परेशान थे। ना वे चल पाते थे ना वे सही से बैठ पाते थे। उन्हें बाथरूम में बैठने में भी बहुत दिक्कत होती थी। उनका ये दर्द इतना बढ़ गया कि उनके लिए एक खुशहाल जिंदगी काटना भी काफी मुश्किल हो गया था। आइये जानते हैं कि जगदीश जी ने हिम्मत न हारते हुए अपनी परेशानी का किस तरह से सामना किया?
कठिनाईयों के साथ जगदीश जी का जीवन नहीं था आसान, जानिए कैसे?
जगदीश जी एक किसान हैं ऐसे में कठिन परिश्रम ही उनकी जीवनशैली का अहम हिस्सा बन चुका था पर लंबे समय तक खड़े होकर काम करने और ज्यादा भारी वजन उठाने के कारण उनका घुटनों का दर्द काफी बढ़ गया था। शुरुआत में तो उन्होंने इसे काफी मामूली समझा और अपनी पत्नी से पैरों पर मालिश कराते रहे जिससे उन्हें आराम तो थोड़ा मिलना शुरु हुआ और साथ ही काम की थकावट भी कम हो गई। ये सिलसिला काफी लंबे समय तक चला लेकिन जब उन्हें इस बात का अंदाजा हुआ कि उनका ये दर्द थोड़े समय के लिए ही कम हो जाता है लेकिन कुछ समय बाद ये फिर से शुरु होने लगता है तो जगदीश जी और उनका परिवार काफी चिंतित हो गया कि आखिर ऐसा क्यों हो रहा है? जगदीश जी की पत्नी काफी घबरा गई क्योंकि वो कहते हैं ना जब घर चलाने वाला मुखिया ही दिक्कत में हो तो कई सारी परेशानियां पूरे परिवार को झेलनी पड़ सकती हैं। शायद उनकी पत्नी प्रेमलता को भी इस बात का अंदाजा हो गया था। जिसके बाद उन्होंने अपने बेटे को जगदीश जी की समस्या के बारे में बताया। बेटे ने जयपुर के अस्पताल में अपने पिता जी को डॉक्टरों को दिखाया। जिसके बाद डॉक्टर ने उन्हें बताया की उनके घुटनों की ग्रीस कम हो चुकी है जिसकी वजह से उन्हें चलने-फिरने, उठने-बैठने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
जगदीश सैनी के कई सारे पैसे भी खर्च हो गए लेकिन कोई आराम मिलता नजर नहीं आया। हालत ये थे कि दर्द में आराम पाने के लिए उन्हें घुटनों में इंजेक्शन भी लगवाने पड़े थे। उसके बाद भी कुछ दिन आराम रहता और फिर से दर्द शुरू हो जाता था। डॉक्टर ने उन्हें घुटने बदलवाने के लिए बोल दिया था लेकिन उसका ऑपरेशन काफी महंगा था जगदीश जी पहले ही अपनी तकलीफ में काफी पैसे खर्च कर चुके थे। ऑपरेशन सही होगा या नहीं इसकी भी कोई खास उम्मीद नहीं थी उन्हें। एक वक्त तो ऐसा आ गया था कि उन्हें अपनी परेशानी के चलते अस्पताल में भी भर्ती होना पड़ा। जिसकी वजह से वे काफी निराश रहने लगे थे और वे सोचते थे कि मैं क्या करूंगा, क्या ऐसे ही रहूंगा पूरा जीवन क्योंकि जब भी बाहर निकलने की कोशिश करते थे तो उन्हें चक्कर आते थे। ऐसे में उनकी हिम्मत धीरे-धीरे कम होती जा रही थी। आपको बता दें वह घुटनों की तकलीफ की वजह से बाइक नहीं चला पाते थे, इंडियन टॉइलेट का यूज नहीं कर पाते थे इसलिए खेतों को संभालने के लिए लोग और ट्रैक्टर चलाने के लिए ड्राइवर रखना पड़ा। सीढ़ियाँ न चढ़ पाने की वजह से वह कई सालों तक खुद की छत पर तक नहीं जा पाए। घुटनों के दर्द के साथ जिंदगी गुजारना उनके लिए दिनों दिन मुश्किल होता जा रहा था।
हकीम साहब से कैसे जुड़े जगदीश सैनी साहब?
रोजाना की तरह एक दिन फोन चलाते हुए उनकी नजर यूनानी के मशहूर हकीम सुलेमान खान साहब के चर्चित शो सेहत और जिंदगी पर पड़ी। शो में लोगों के अनुभव और हकीम जी के अंदाज से वे काफी प्रभावित हुए क्योंकि प्रोग्राम में लोग हकीम जी से अपनी परेशानियों के बारे में पूछ रहे थे और हकीम जी बड़ी ही सहजता के साथ उनके सवालों का जवाब दे रहे थे। उनके इसी अंदाज को देखते हुए जगदीश जी ने सोचा की जिसके बाद कुछ वक्त तक उन्होंने हकीम जी का शो देखा और एक दिन स्क्रिन पर दिखाए जा रहे नंबर के जरिए हकीम जी से संपर्क किया। जिसके बाद हकीम जी ने उन्हें गोंद सियाह इस्तेमाल करने की सलाह दी। उन्होंने बिना देरी किए ATIYA HERBS से गोंद सियाह मंगवाया और इस्तेमाल करना शुरू किया। यूनानी बूटी के इस्तेमाल से कुछ महीनों में ही उन्हें आराम मिलने लगा।
जगदीश जी ने यूनानी नुस्खों के सहारे बदला अपना जीवन, दिखने लगी राहत की उम्मीद
जगदीश जी की जिंदगी पहले से काफी बदल गई थी घुटनों में आराम मिलने से वे काफी खुश थे। उन्हें इस तरह से उम्मीद नहीं थी कि वे इतनी जल्दी बेहतर हो सकते हैं जहां डॉक्टर ने ऑपरेशन करने के लिए बताया था पर उन्हें हकीम जी के नुस्खों से ही काफी फायदा देखने को मिलने लगा। आपको बता दें उन्होंने हकीम जी के निर्देश अनुसार नुस्खों को अपनाया जिसके बाद फायदा देख उनका पूरा परिवार और मोहल्ला हैरान है की दो कदम न चलने वाले सैनी साहब अब मोटर साइकिल और ट्रैक्टर चला रहे हैं। खेतों पर जाकर खुद से खेती भी करने लगे हैं। इतना ही नहीं सैनी साहब अब सीढ़िया भी चढ़ जाते हैं। साथ ही अब वे बाइक भी चला लेते हैं। आपको बता दें उन्हें न केवल घुटनों का दर्द बल्कि अपनी अन्य समस्याओं में भी काफी आराम मिला है।
घुटनों के दर्द में मिली राहत के बाद जगदीश जी का क्या कहना है?
जगदीश सैनी साहब को इतना आराम मिल सकता है इसकी उन्हें उम्मीद नहीं थी। सैनी साहब हकीम साहब को दिल से दुआ देते हैं और हकीम साहब की लंबी उम्र की कामना भी करते हैं। अब उन्हें अगर कोई दिक्कत होती है तो वो हकीम जी के घरेलू नुस्खों का इस्तेमाल करते हैं। अपनी समस्याओं में मिली राहत के बाद जगदीश जी का जीवन काफी बेहतर हो गया है और वो यही चाहते हैं कि हकीम जी इसी तरह लोगों की मदद करते रहें। जगदीश जी अपने दोस्त, रिश्तेदारों को हकीम जी के यूनानी नुस्खों के बारे में बताते हैं क्योंकि वो चाहते हैं कि जिस तरह से उन्हें आराम मिला है उसी तरह से और लोगों को भी फायदा मिल सकें। इस प्रकार हकीम सुलेमान खान साहब के साथ जुड़ने के बाद, सैनी साहब ने न केवल अपने स्वास्थ्य को सुधारा, बल्कि अपने परिवार के सदस्यों के साथ मिलकर एक स्वस्थ और खुशहाल जीवन की दिशा में कदम बढ़ाया।
यहाँ देखिये उन्होंने हकीम साहब को धन्यवाद करते हुए क्या कहा
गोंद सियाह क्या है?
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि गोंद सियाह कैसे मिलता है और यह देखने में कैसा होता है। यह पौधा तिन्दुक कुल एबीनेसी का सदस्या है। इसके कालस्कंध (संस्कृत) ग्राम, तेंदू है। यह समस्त भारतवर्ष में पाया जाता है। यह एक मध्यप्राण का वृक्ष है जो अनेक शाखाओं प्रशाखाओं से युक्त होता है। गोंद सियाह, पेड़ के तने को चीरा लगाने पर जो तरल पदार्थ निकलता है वह सूखने पर काला और ठोस हो जाता है उसे गोंदिया कहते हैं, गोंद सियाह देखने में काले रंग का होता है। यह बहुत ही पौष्टिक होता है उसमें उस पेड़ के औषधीय गुण पाये जाते हैं। गोंद सियाह हमारे शरीर के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है जो हमारे जोड़ों के दर्द के साथ शरीर की कई बीमारियों को हम से दूर रख सकता है।
आप भी गोंद सियाह मंगवाने के लिए इस नंबर पर कॉल कर सकते हैं।
011 6120 2310
- Clinic – The Herbals – Atiya Healthcare
- Address – 21B/6, Basement Near Liberty Cinema, New Rohtak Road, Karol Bagh, New Delhi-5