कमर दर्द एक आम समस्या बन गई है। सिर्फ बड़ी उम्र के लोगों में ही नहीं, बल्कि युवाओं में भी कमर दर्द की समस्या देखने को मिलती है। कमर दर्द जिसकी वजह से आपको झुकने में, बैठनें में या फिर सोने में भी दिक्कत आने लगती है। शरीर में विटामिन की कमी के कारण कमर दर्द की समस्या होती है। कई बार लगातार बैठने से कमर में दर्द होने की संभावना और बढ़ जाती है। दरअसल बैठने के दौरान बॉडी पॉस्चर सही नहीं होने के कारण भी कमर दर्द की समस्या होती है।
गोवा की रहने वाली गीता गुप्ता जी की उम्र 52 साल है। उनके परिवार में उनके पति और बच्चे रहते हैं। गीता जी अपने छोटे से परिवार में काफी प्यार के साथ रहती हैं। वो दूसरों की मदद करने के लिए हमेशा तैयार रहती है। गीता जी का अपना एक छोटा सा रेस्टोंरेंट है जहां वो काम करती है लेकिन गीता जी पिछले 6 सालों से कमर की समस्या से परेशान थी। अपनी इस समस्या के लिए डॉक्टरों से अपना उपचार भी करवाया लेकिन जैसा उपचार वो चाहती थीं उन्हें उस प्रकार का उपाय नहीं मिल पाया। पिछले 6 सालों से गीता गुप्ता जी काफी परेशानियों का सामना कर रही थीं। उनके लिए मानो यह जीवन भर की समस्या हो चुकी थी। वो इसी उधेड़बुन में लगी रहतीं कि क्या वो स्वस्थ हो पाएंगी या सारी उम्र उन्हें ऐसे ही जीना पड़ेगा। एलौपैथिक दावाओं के सेवन के साथ-साथ वो भगवान से अपने अच्छे होने की कामना भी करती थी। आखिरकार भगवान ने उनकी पुकार सुन ही ली। फिर उन्हें एक ऐसे व्यक्ति से मिलाया जिन्होंने उनकी समस्याओं को कम कर दिया। जी हां ये हम नहीं बल्कि खुद गीता जी बता रही हैं वह व्यक्ति है आयुर्वेद के मशहूर हकीम सुलेमान खान साहब।
दरअसल गीता जी हकीम साहब से टीवी के माध्यम से जुड़ी। उन्होंने जी सलाम पर हकीम सुलेमान खान साहब का सबसे बहुचर्चित शो सेहत और जिंदगी कार्यक्रम देखा। इस शो को देखने के बाद गीता जी के मन में भी खुद को स्वस्थ करने की एक उम्मीद सी जगी। इस शो में हकीम साहब लोगों की नि:स्वार्थ भाव से सेवा कर रहे थे और साथ ही घरेलू नुस्खों द्वारा जरुरतमंदों की मदद कर रहे थे, वह सब देखकर गीता जी काफी प्राभावित हुई। उन्होंने हकीम साहब के घरेलू नुस्खों को अपनाना शुरु कर दिया। एक दिन गीता जी ने अपनी कमर की समस्या के लिए हकीम साहब की यूनानी दावाओं के बारे में सुना। हकीम साहब कमर के दर्द के लिए गोंद सियाह के इस्तेमाल की सलाह दी। गीता जी बिना देरी किये ATIYA HERBS से यूनानी जड़ी-बूटी को ऑर्डर किया और हकीम जी द्वारा बताये गये निर्देशानुसार लेना शुरु कर दिया। और इसके बाद गोंद सियाह के इस्तेमाल से गीता जी को अपने दर्द में काफी राहत मिली। गीता जी हकीम साहब के नुस्खों की मदद से आज स्वस्थ और सेहतमंद जीवन जी रही है। गीता जी का कहना है कि उन्होंने कभी सोचा भी नहीं था कि वे इस तरह से स्वस्थ जीवन जी पाएंगी। साथ ही वह हकीम साहब के नुस्खों को अपने रिश्तेदारों और सगे- संबंधियों को भी अपनाने की सलाह देती हैं। उनके कई पहचान वाले उनके द्वारा बताये गये हकीम साहब की जड़ी- बूटी से खुद को स्वस्थ बना रहा हैं। इसी के साथ वे हकीम साहब के लिए भगवान से उनकी लंबी उम्र की दुआ भी करती है। एक खास बातचीत में गीता जी ने बताया वह हकीम जी का प्रोग्राम देखना नहीं भूलती अगर किसी कारण से टीवी पर देखना भूल जाती हैं तो वह यूट्यूब पर हकीम जी का प्रोग्राम देख लिया करती हैं। आज जो वो स्वस्थ और सेहतमंद जिंदगी गुजार रही हैं उसका सारा श्रेय हकीम सुलेमान खान साहब को जाता है।
यहाँ देखिये उन्होंने हकीम साहब को धन्यवाद करते हुए क्या कहा
गोंद सियाह क्या है?
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि गोंद सियाह कैसे मिलता है और यह देखने में कैसा होता है। यह पौधा तिन्दुक कुल एबीनेसी का सदस्या है। इसके कालस्कंध (संस्कृत) ग्राम, तेंदू। यह समस्त भारतवर्ष में पाया जाता है। यह एक मध्यप्राण का वृक्ष है जो अनेक शाखाओं प्रशाखाओं से युक्त होता है। गोंद सियाह, पेड़ के तने को चीरा लगाने पर जो तरल पदार्थ निकलता है वह सूखने पर काला और ठोस हो जाता है उसे गोंदिया कहते हैं, गोंद सियाह देखने में काले रंग का होता है। यह बहुत ही पौष्टिक होता है उसमें उस पेड़ के औषधीय गुण पाये जाते हैं। गोंद सियाह हमारे शरीर के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है जो हमारे जोड़ों के दर्द के साथ शरीर की कई बीमारियों को हम से दूर रखता है।