पेट की समस्या कई परेशानियों की वजह है। अगर आपको पेट में कोई समस्या बनने लगे तो जल्द से जल्द उसका उपचार करा लेना चाहिए, क्योंकि पेट की समस्या से ही आगे चलकर शुगर बी.पी जैसी समस्या होने लगती है, जो कई बार अजीवन लोगों के साथ रह जाती है। ये परेशानी ना सिर्फ बुजुर्ग लोगों में बल्कि आज के युवाओं में भी देखने को मिलती है। खराब खानपान की वजह से कम उम्र में ही युवाओं में इतनी परेशानियां देखने को मिल रही है जिसकी वजह से जहां पहले लोग कई साल तक जीते थे आज बेहद कम उम्र तक ही स्वस्थ जीवन जी पाते हैं। आज हम बात करेंगे ध्रुव कुमार जी के बारे में जिन्हें 55 साल से पेट की समस्या थी। आइए जानते हैं कैसे ध्रुव जी हकीम जी के नुस्खों की मदद एक सेहतमंद जिंदगी बिता रहे हैं।
ध्रुव कुमार जी 71 साल के हैं और लखनऊ के छोटा भरवाला में अपने परिवार के साथ रहते हैं। ध्रुव जी इससे पहले कानपुर में रहते थे जहां उनकी किराने की दुकान थी। अब उन्होंने अपने काम से रिटायरमेंट ले लिया है। वे अपनी पत्नी बेटे, बहू और बच्चों के साथ लखनऊ में रह रहे हैं। जब वे 15 साल के थे तब से ही उन्हें पेट की समस्या है और ये समस्या पुश्तैनी है। ये बीमारी पहले उनके पिता जी और दादा जी को थी, उनको भी है और उनके बच्चों को भी है। जिसकी वजह से उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। इस बात का अंदाजा लगाना भी बड़ा मुश्किल हो जाता है कि कोई व्यक्ति 55 सालों से किस तरह से पेट की इन परेशानियों से जुझता आया है। पेट की परेशानी की वजह से खाना खाने के बाद पेट फुल जाता था। जिसकी वजह से काफी गैस बनती थी। हम सभी जानते हैं, कि गैस का दर्द जब लगातार किसी के शरीर में बना रहता है तो भूख होने के बावजूद खाना नहीं खाया जाता है।
वे बताते हैं कि ना भूख की इच्छा होती थी ना खाने का स्वाद सही से मिल पाता था। जाहिर सी बात है, जब पेट में गैस बनी रहेगी तो कुछ भी सही से नहीं खाया जाएगा। ऐसी स्थिति में एक वक्त ऐसा भी आने लगता है जब व्यक्ति सिर्फ जिंदा रहने मात्र के लिए खाना खाता है, क्योंकि वो ढंग से खाना खा ही नहीं पाता। ध्रुव जी को कई बार गैस का दर्द काफी ज्यादा होता था, जिसकी वजह से घबराहट बनी रहती थी। इसके साथ ही उन्हें सर्वाइकल का दर्द भी उठने लगा था। उठते हुए चक्कर आते थे, हाथों को सही से उठा नहीं पाते थे। वे बताते हैं कि जब भी उन्हें या परिवार में किसी को ज्यादा तकलीफ होती थी तो वे अरंडी के तेल का इस्तेमाल करते थे। हांलाकि ये स्थायी उपचार नहीं था लेकिन कई जगह दिखाने के बाद उन्होंने हार सी मान ली थी।
ध्रुव कुमार जी पिछले 2 साल से हकीम सुलेमान खान साहब जी का चर्चित शो सेहत और जिंदगी देख रहे थे। क्योंकि वे खुद भी घरेलू नुस्खों के बारे में जानकारी रखते हैं। उनका मानना है कि ये सब जो हकीम जी बताते हैं वे सभी प्राकृतिक चीजें हैं, जिनसे कोई नुकसान नहीं होता। ध्रुव जी शो तो काफी समय से देख रहे थे लेकिन बातचीत करने का मौका उन्हें नहीं मिल पाया। लखनऊ में आने के बाद उन्होंने कृष्णा नगर थाने के सामने हकीम साहब के क्लीनिक में संपर्क किया। वहां मौजूद डॉक्टर ने उनकी सारी परेशानी को समझते हुए पेट की समस्या के लिए P. CARE , PAPAYA LEAF PLUS और फिना स्ट्रेंथ प्लस कैप्सूल इस्तेमाल करने की सलाह दी। ध्रुव जी बताते हैं कि जिस तरह घरेलू नुस्खे हकीम जी बताते हैं। वैसे ही कुछ चीजों की जानकारी वे भी रखते हैं। यही वजह है कि वे हकीम जी के घरेलू नुस्खों पर भरोसा कर पाएं। यूनानी जड़ी बूटी का इस्तेमाल ध्रुव जी 6 महीनों से कर रहे हैं और उन्हें काफी आराम भी है।
उन्हें भरोसा है कि जल्द ही वे पूरी तरह से बेहतर हो सकेंगे। जिसके लिए उन्हें बार बार क्लीनिक जाने की जरूरत नहीं पड़ती। अगर उन्हें कोई यूनानी जड़ी बूटी मंगवानी होती है तो वे ATIYA HERBS से मंगवा लेते हैं। हकीम जी पर भरोसा करते हुए वे बताते हैं कि उन्हें महसूस होता है कि अच्छा ट्रीटमेंट चल रहा है। वे बताते हैं कि 15 साल पहले उन्होंने पाइल्स का ऑपरेशन कराया था जिसका उन्हें बेहद अफसोस होता है, काश वे पहले हकीम जी से मिले होते तो ये ऑपरेशन नही कराना पड़ता। ध्रुव जी हकीम जी का आभार जताते हुए बोलते हैं कि हकीम जी जो कर रहे हैं ये बहुत बड़ी सेवा है। हकीम जी के लिए दुआ करते हुए वे बोलते हैं कि उनकी लंबी उम्र और अच्छी सेहत रहे ताकि लोगों की मदद करते रहे। इसके साथ वे बाकि लोगों को सलाह भी देते हैं कि जब भी उन्हें पेट की कोई भी तकलीफ हो जल्द से जल्द बस हकीम साहब के क्लीनिक पहुंच जाए और उनकी सलाह मानकर देखें। आज जो वो स्वस्थ और सेहतमंद जिंदगी गुजार रहे हैं उसका सारा श्रेय वह हकीम सुलेमान खान साहब को देते हैं।
यहाँ देखिये उन्होंने हकीम साहब को धन्यवाद करते हुए क्या कहा
P. CARE क्या है?
अतिया हर्ब का P.CARE विभिन्न जड़ी-बूटियों का एक मिश्रण है जो पेट को आराम पहुंचाता है और भारी भोजन के बाद कई लोगों को होने वाली एसिडिटी से बचाता है। एक हर्बल संयोजन जो न केवल पाचन को बढ़ावा देता है बल्कि हमारी त्वचा को भी स्वस्थ बनाता है। यह पाचन/आंत संबंधी समस्याओं, लिवर संबंधी समस्याओं, एसिडिटी, कब्ज बवासीर, किडनी और पित्त पथरी के लिए फायदेमंद है। इसके अलावा, यह लीवर की रक्षा करने में कुशल है और पित्त स्राव को बढ़ावा देता है। यह सोरायसिस जैसे त्वचा रोगों के उपचार में कारगर है और रक्त को भी शुद्ध कर सकता है।