घुटनों का दर्द उम्र बढ़ने के साथ और भी तकलीफदेह हो जाता है। इसकी वजह से कई सारी परेशानियों का सामना भी करना पड़ सकता है। आजकल की बदलती जीवनशैली, कैल्शियम की कमी, चोट लगने, मांसपेशियों में कमजोरी के कारण भी घुटनों का दर्द एक बड़ी परेशानी बन चुका है। आपको बता दें बढ़ती उम्र में जीवन गुजारपाना तब और मुश्किल हो जाता है, जब जिंदगी अकेले ही गुजारनी पड़े। आज हम आपको एक ऐसी ही कहानी के बारे में बताएंगे जो कई सालों से घुटनों के दर्द से काफी परेशान रहती थी, पर उनकी मदद करने वाला कोई नहीं था। जिनकी हम बात कर रहे हैं, वो हैं नई दिल्ली की रहने वाली बिमला देवी जी। आइये जानते हैं, उनकी पूरी कहानी के बारे में कि आखिरकार उन्हें ये दर्द हुआ कैसे और उन्होंने हकीम जी के कौन-कौन से नुस्खों को अपनाया?
नई दिल्ली के वेस्ट सागरपुर पंखा रोड के पास रहने वाली बिमला देवी की उम्र 68 साल है। वह ख्याला प्राइवेट स्कूल में अटेंडेंट के पद पर रह चुकी हैं। परिवार की बात करें तो उनके परिवार में उनका बेटा, बहू, दो पोती और बेटी है, जिनमें से बेटी की शादी हो चुकी है और वो अपने परिवार के साथ रहती हैं। बिमला देवी जी के पति गुजर चुके हैं, वो बताती हैं कि उनके पति लौटरी का काम किया करते थे, पर उससे जब परिवार का गुजारा नहीं हो पा रहा था, तब उन्होंने स्कूल में अटेंडेंट की नौकरी करना शुरू कर दिया। जब उनके पति की मृत्यु हुई तो उनके बच्चे काफी छोटे थे बेटी की उम्र 7 साल थी और बेटे की उम्र 3 साल थी। ऐसे में अकेले परिवार की जिम्मेदारी उठाना एक महिला के लिए काफी मुश्किल हो जाता है। उनके लिए अकेले जिंदगी गुजारना आसान नहीं था। बिमला जी के जीवन में इतनी सारी परेशानियां तो पहले से थी पर घुटनों के दर्द ने उनके जीवन को और मुश्किल बना दिया, दरअसल घुटनों के दर्द के कारण उन्हें चलने-फिरने में काफी तकलीफों का सामना करना पड़ता था। जिम्मेदारियों से मजबूर बिमला जी जैसे-तैसे बैल्ट लगाकर काम किया करती थी। घर-परिवार-नौकरी को अकेले संभालना एक अकेली महिला के लिए आसान नहीं रहा।
बिमला जी का घुटनों का दर्द इतना बढ़ गया था कि डॉक्टर ने उन्हें ऑपरेशन कराने की भी सलाह दे दी थी, पर वो कहते हैं ना एक महिला अपने बारें में सोचने से पहले परिवार के बारे में सोचती है, ऐसा ही कुछ बिमला जी के साथ हुआ था उन्होंने जो पैसे मेहनत से अपने बच्चों की पढ़ाई के लिए कमाएं थे, वो उन्होंने उनकी पढ़ाई के लिए ही खर्च किये। भले ही उन्हें कितनी भी तकलीफ हुई हो पर अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देने में उन्होंने कोई कमी नहीं रखी। एक माँ की ममता तो तब नजर आई जब बिमला जी ने पढ़ाई और ऑपरेशन कराने के दो विकल्पों में से बच्चों की पढ़ाई को सर्वप्रथम रखा। कई जगह डॉक्टरों को दिखाने के बाद नाउम्मीद हुई बिमला जी ने तो उम्मीद ही छोड़ दी थी कि वह कभी स्वस्थ हो पाएंगी। उनका ये दर्द काफी सालों पुराना था। इसकी वजह से उन्हें अपना अटेंडेंट का काम करने में भी दिक्कत आती थी, लेकिन जब जिंदगी चुनौतियों का सामना कराती है, तो उसका हल भी कहीं न कहीं निकल ही जाता है।
बिमला जी हकीम सुलेमान खान साहब के बारे में पहले से जानती थी, पर उन्हें ये नहीं पता था कि इस बार भी उन्हें हकीम जी की मदद की जरूरत पड़ेगी। इससे पहले भी उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा था, लेकिन सालों बाद बिमला जी को फिर से हकीम जी के घरेलू नुस्खों की जरूरत पड़ ही गई। घुटनों के दर्द में आराम पाने के लिए उन्होंने गोंद सियाह को ATIYA HERBS की वेबसाइट से मंगवाया। हकीम जी के बताए हुए निर्देशअनुसार लेने से उन्हें कुछ ही दिनों में इसका असर देखने को मिल गया। घुटनों में मिले आराम के बाद आज वो पहले से काफी बेहतर जिंदगी गुजार रही हैं। जिस दर्द के साथ उन्होंने 3-4 साल बैल्ट बांधकर काम किया पर फिर हकीम जी के नुस्खे से आराम मिल गया। घुटनों के दर्द में राहत मिलने के बाद बिमला जी काफी खुशहाल जिंदगी बिता रही हैं। पहले जहां उनके लिए एक कदम भी चलना मुश्किल हो गया था, पर अब वो आसानी से सीढ़ियां भी चढ़ लेती हैं, घर का काम भी कर लेती हैं। बिमला जी को न सिर्फ घुटनों का दर्द था बल्कि लीवर की दिक्कत भी थी जिसकी वजह से उन्हें हॉस्पिटल में भी एडमिट होना पड़ा।
इस परेशानी के लिए डॉक्टर ने उन्हें पित्त का और अपेंडिक्स का ऑपरेशन कराने की भी सलाह दे दी थी। ज्यादा पेन कीलर खाने से उनके लीवर में ये दिक्कत काफी बढ़ गई थी, क्योंकि दवा का खर्च उठाने के लिए उनके पास पैसे नहीं थे। इतनी परेशानियां होने के बावजूद भी उन्होंने हार नहीं मानी और बेहतरीन यूनानी नुस्खों में शामिल जैतून सिरका, नमक जैतून का सेवन किया। पहले इस दर्द के कारण वो सो नहीं पाती थी उन्हें नींद की गोली की जरूरत पड़ती थी, पर अब हकीम जी के नुस्खे अपनाने के बाद वो बिना नींद की गोलियां लिए बिना आसानी से सो जाती हैं और अपने परिवार के साथ बेहतर जिंदगी गुजार रही हैं।
आपको बता दें, जब बिमला जी को सालों पहले परेशानी हुई थी, तो उन्होंने हकीम जी के नुस्खों में शामिल सुरंजान शीरी, कलौंजी, अश्वगंधा का सेवन किया था, जिससे उन्हें उस समय काफी आराम मिल गया था। बिमला जी खुद तो स्वस्थ हुई पर अपने परिवार को भी उन्होंने हकीम जी के नुस्खों से बेहतर कर लिया। दरअसल, उन्होंने अपनी बहू के लिए गोंद मोरिंगा मंगाया। बेटे को भी सर्वाइकल और घुटनों के दर्द ने परेशान कर दिया था, फिर बेटे की परेशानी को देखते हुए उन्होंने हकीम जी के नुस्खे अपनाने की सलाह दी। इसके साथ ही उनकी देवरानी को भी गोंद सियाह से पैरों के दर्द में काफी आराम मिला है। उन्हें भी बिमला जी की तरह परेशानी हुआ करती थी। आज उनका पूरा परिवार काफी खुशहाल और बेहतर जिंदगी गुजार रहा है और यह सबकुछ हकीम जी के घरेलू नुस्खों की वजह से ही संभव हो पाया है।
बिमला जी हकीम जी के प्रोग्राम सेहत और जिंदगी से जुड़कर घरेलू नुस्खों को डायरी में भी लिखा करती हैं और स्वस्थ होने के बाद लोगों को भी सलाह देती हैं कि वो हकीम जी के नस्खों को अपनाएं। उन्होंने जो परेशानी के साथ लंबा वक्त गुजारा था, आखिरकार वो कम हो गया। आज उनका बेटा और बेटी भी अपना शादीशुदा सुखी जीवन बिता रहें हैं और ये सब बिमला जी की मेहनत और मजबूत हौसले के कारण हो पाया है। वो हकीम जी के नुस्खों से काफी प्रभावित हुई हैं, जिसकी वजह से वो अपने रिश्तेदार, पड़ोसियों को भी हकीम जी के नुस्खे अपनाने की सलाह देती हैं। उनका यही कहना है कि हकीम साहब हमेशा स्वस्थ और सेहतमंद रहें और इसी तरह लोगों की मदद करते रहें, क्योंकि जिस तरह से उन्हें आऱाम मिला है वैसे ही और लोगों को भी आराम मिलता रहे। आज जो बिमला जी और उनका परिवार जो सेहतमंद जिंदगी गुजार रहा है उसका सारा श्रेय वो हकीम सुलेमान खान साहब को ही देती हैं।
यहाँ देखिये उन्होंने हकीम साहब को धन्यवाद करते हुए क्या कहा
गोंद सियाह क्या है?
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि गोंद सियाह कैसे मिलता है और यह देखने में कैसा होता है। यह पौधा तिन्दुक कुल एबीनेसी का सदस्या है। इसके कालस्कंध (संस्कृत) ग्राम, तेंदू। यह समस्त भारतवर्ष में पाया जाता है। यह एक मध्यप्राण का वृक्ष है जो अनेक शाखाओं प्रशाखाओं से युक्त होता है। गोंद सियाह, पेड़ के तने को चीरा लगाने पर जो तरल पदार्थ निकलता है वह सूखने पर काला और ठोस हो जाता है उसे गोंदिया कहते हैं, गोंद सियाह देखने में काले रंग का होता है। यह बहुत ही पौष्टिक होता है उसमें उस पेड़ के गुण पाये जाते हैं। गोंद सियाह हमारे शरीर के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है जो हमारे जोड़ों के दर्द के साथ शरीर की कई समस्याओं को हम से दूर रख सकता है।