बैंगलुरू की रहने वाली बीबी सारागुरानी जी की उम्र 76 साल है। इस उम्र में भी वे काफी स्वस्थ और फिट हैं। इसका राज है कि वे अपने सेहत का पूरा ख्याल रखती हैं। अपनी सेहत के साथ हल्की सी भी चूक उन्हें पसंद नहीं है। बीबी सारागुरानी जी अपने परिवार में सबसे बड़ी हैं। इस नाते से अपने परिवार का और उनके सेहत का ख्याल रखना भी उनकी जिम्मेदारी है। लेकिन उन्हें कई साल से एक समस्या थी कि हर साल वे बीमार जरूर पड़ती थीं। और इस बीमारी के बाद उन्हें काफी समय लगता था स्वस्थ होने में। उन्हें पिछले कुछ समय से डायबिटीज की समस्या भी हो गयी थी। जिसके कारण ही उनके साथ यह परेशानियाँ होती थीं।
डायबिटीज संबंधी समस्या एक गंभीर समस्या है जो किसी व्यक्ति के शरीर में भोजन के पाचन को प्रभावित करती है। आमतौर पर यह उल्टी, सूजन और पेट दर्द का कारण बन सकती है। मौजूदा समय में ज़्यादातर लोग लंबे समय तक डायबिटीज के साथ जी रहे हैं। अगर आपको इसके लक्षण महसूस हो रहे हैं, तो निदान और उपचार के बारे में डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं। यह बीमारी एक ऐसी गंभीर स्थिति है जिसका प्रभाव डायबिटीज से पीड़ित मरीजों के पाचन तंत्र पर पड़ता है।
डायबिटीज की समस्या के कारण उन्हें काफी समस्या होने लगी। सभी जानते हैं कि यह एक ऐसी समस्या है जिसे जड़ से खत्म नहीं किया जा सकता। इस समस्या को केवल कंट्रोल किया जा सकता है। बीबी सारागुरानी जी अपनी शुगर को कंट्रोल करने की बहुत कोशिश कर रही थीं लेकिन लाख कोशिशों को बावजूद भी शुगर ज्यों का त्यों। अपनी समस्या से परेशान बीबी सारागुरानी जी खुद को समझा नहीं पा रही थीं कि वे स्वस्थ कैसे हों। फिर एक दिन उनकी मुलाकात माननीय हकीम सुलेमान खान साहब से हुई। हकीम जी आयुर्वेद के महान विशेषज्ञ हैं। उनकी मुलाकात हकीम जी से टीवी के माध्यम से हुई। दरअसल हकीम जी का एक शो रोजाना टीवी पर लाइव चलता है। इस शो का नाम है सेहत और जिंदगी। बस यहीं से बीबी सारागुरानी जी हकीम जी से जुड़ गयीं। वे सेहत और जिंदगी देखने के बाद हकीम जी से काफी प्रभावित हुई और उन्होंने हकीम जी के घरेलू नुस्खों को अपनाना शुरू कर दिया। हकीम जी के घरेलू नुस्खो से फायदा हुआ तो उन्होंने ATIYA HERBS से अपनी डायबिटीज की समस्या के लिए जैतून का सिरका ऑर्डर कर दिया और हकीम जी के द्वारा बताए निर्देश के अनुसार उसका इस्तेमाल शुरू कर दिया। जैतून के सिरके के इस्तेमाल के कुछ समय बाद ही उनका शुगर कंट्रोल में आ गया। वे अपनी शुगर की समस्या को कंट्रोल में देखकर काफी खुश हुईँ।
बीबी सारागुरानी अपनी हर समस्या के लिए हकीम जी के नुस्खे अपनाती हैं। साथ ही हकीम जी जो नुस्खे अपने शो में लोगों को बताते हैं उन्हें भी एक कॉपी में लिख लेती हैं। बीबी सारागुरानी जी अपने पूरे परिवार को हकीम जी के नुस्खे इस्तेमाल करने की सलाह देती हैं। वे अपने पेट की समस्या के लिए हकीम जी का छः चीजों का चूर्ण लेती हैं। उन्होंने अपने बेटे की बहू को हकीम जी का गोंद चिलगोजा मंगाया है। वह भी इस्तेमाल कर रही हैं। उनके बेटे के दोस्त को घुटनों में दर्द की तकलीफ थी। उसके लिए उन्होंने उसे गोंद सियाह मंगा कर दिया है। खुद बीबी सारागुरानी जी नमक जैतून का भी इस्तेमाल कर रही हैं। बीबी सारागुरानी जी ने पहले एलोपैथिक इलाज चलाया था लेकिन उसका अच्छा रिजल्ट नहीं आने पर यूनानी की तरफ रूख किया। यूनानी में उन्हें इतना फायदा हुआ कि अब वे अपनी हर समस्या के लिए यूनानी इलाज ही करती हैं। उनके एक पड़ोसी हैं जिन्हें थायराइड की समस्या थी। थायराइड के लिए उन्होंने हकीम जी की यूनानी औषधि दी। उन्होंने बताया कि अब उसे काफी आराम है और उन्होंने हकीम जी का इलाज लगातार कर रही हैं।
आज बीबी सारागुरानी जी हकीम जी के नुस्खों को अपनाकर काफी सेहतमंद जिंदगी जी रही हैं। साथ ही हकीम जी के नुस्खों को लोगों तक भी पहुंचा रही हैं। ताकि हकीम जी का इलाज लोगों तक आसानी से पहुंच जाये। बीबी सारागुरानी जी की हकीम जी से बस एक बार ही बात हुई है वे तभी से उनकी मुरीद हैं। उनके बात करने का तरीका और उनके इलाज करने के तरीके से वह काफी प्रभावित हैं। बीबी सारागुरानी हकीम जी की लंबी उम्र की दुआएं मांगती हैं और उनके स्वस्थ जीवन की कामना करती हैं।
यहाँ देखिये उन्होंने हकीम साहब को धन्यवाद करते हुए क्या कहा
जैतून का सिरका क्या है?
हकीम सुलेमान साहब का जैतून का सिरका विभिन्न रोगों जैसे मधुमेह नियंत्रण, पाचन, गैस्ट्रिक से संबंधित समस्या, लिवर से संबंधित समस्या, गुर्दे से संबंधित समस्या, उच्च रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल की समस्या के लिए एक आदर्श हर्बल उपचार है। हकीम साहब के अनुसार जैतून का सिरका शरीर को स्वस्थ बनाने के लिए काफी असरदार है। डायबिटीज के लिए यह सिरका फायदेमंद है। जैतून का सिरका पूर्ण रूप से आयुर्वेदिक है। इसके इस्तेमाल से किसी भी प्रकार का कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है। इसकी खुराक को हकीम साहब या हकीम साहब की कंपनी के डॉक्टरों द्वारा बताई गयी मात्रा में ही लेना चाहिए। ज्यादा मात्रा में इसका सेवन इसकी काम करने की क्षमता को प्रभावित कर सकता है।