घुटनों का दर्द एक सामान्य समस्या बन गयी है। बढ़ती उम्र के साथ ये परेशानी और भी बढ़ने लगती है। जिसकी वजह से आपको उठने बैठने में भी कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। घुटनों का दर्द कई कारणों से होता है। मांसपेशियों के खिंचाव, चोट लगने, ज्वाइंट में हो रही परेशानी के चलते आपको यह समस्या हो सकती है। हर किसी के जीवन में समस्याओं का आना जाना लगा रहता है। बस फर्क इतना है कि किसी को छोटी समस्या होती है तो किसी को इतनी बड़ी समस्या हो जाती है कि यदि व्यक्ति का सही समय पर सही उपचार ना किया जाये तो यह उसके लिए खतरनाक साबित भी हो सकता है। आज हम आपको बताएंगे इंदौर के रहने वाले बी.डी शर्मा जी की कहानी। बी.डी शर्मा जी को 3 सालों से घुटनों में दर्द की समस्या थी पर अब यूनानी नुस्खों की मदद से वह बेहतर जीवन जी रहे हैं। आइए जानते हैं क्या थी उनकी समस्या और कैसे यूनानी नुस्खों की मदद से उन्हें दर्द में राहत मिली?
कौन है बी.डी शर्मा जी और वे किस तरह की समस्या से गुजर रहे थे ?
इंदौर के रहने वाले 68 साल के बी.डी. शर्मा जी रिटायर्ड आर्मी ऑफिसर है। वह काफी दयालु स्वभाव के व्यक्ति हैं साथ ही लोगों की मदद करना उन्हें अच्छा लगता है।वो अपने परिवार के साथ काफी खुशहाल जिंदगी गुजार रहें हैं उनके परिवार में उनकी पत्नी 3 बेटी, एक बेटा और 2 पोते हैं। बी.डी शर्मा जी को 3 साल से घुटनों के दर्द की समस्या थी। शर्मा जी रिटायर्ड आर्मी ऑफिसर है इसलिए अपने सभी कामों को लेकर वे हमेशा से ही फुर्तीले रहे हैं। एक दिन अचानक ही पार्क में टहलते हुए उनके घुटनों में दर्द होना शुरू हो गया। तब उन्हें लगा कि शायद ज्यादा चलने की वजह से ऐसा तो नहीं है मगर दिन-ब-दिन दर्द बढ़ता ही गया। जिसकी वजह से उनका चलना फिरना भी काफी मुश्किल हो गया था। इस बीच उन्होंने कई डॉक्टरों को भी दिखाया लेकिन आराम तब तक ही रहता था जबतक वे दवाईयां खाते रहते थे। एक समय बाद उन्हें लगने लगा कि आगे की जिंदगी दवाईयों के सहारे ही गुजारनी पड़ेगी। बी.डी शर्मा जी बताते हैं कि डॉक्टर ने उन्हें ऑपरेशन कराने की सलाह भी दे दी थी लेकिन वो ऑपरेशन नहीं कराना चाहते थे।
किस तरह की तकलीफ से गुजर रहे थे बी.डी शर्मा-
- अचानक उठा दर्द लगातार बढ़ रहा था
- दवाईयों के सहारे जिंदगी गुजारने का डर
- ऑपरेशन कराने की सलाह को किया नजरअंदाज
हकीम जी से किस तरह से जुड़े बी.डी शर्मा जी ?
बी.डी शर्मा जी का परिवार भी काफी परेशान रहने लगा कि आखिर कब तक ऐसा चलेगा। जो व्यक्ति भागदौड़ करता हो जिसके ऊपर परिवार की जिम्मेदारी हो अगर वो ही घर पर बैठ जाए तो कितना मुश्किल है परिवार चलाना। उनका वक्त काफी खराब चल रहा था पर उनके परिवार के लिए ये समझ पाना मुश्किल था कि अब क्या किया जाये? पर वो कहते हैं ना एक ना एक दिन बुरा वक्त गुजर ही जाता है और शायद उनका यह बुरा वक्त भी गुजरने ही वाला था। इसी उलझन में एक दिन उन्होंने हकीम जी का चर्चित शो सेहत और जिंदगी यूट्यूब पर देखा। बी.डी शर्मा जी ने कई लोगों के अनुभवों को देखने के बाद रोजाना ये शो देखना शुरू कर दिया। लोगों में हकीम सुलेमान खान साहब जी के लिए इतना भरोसा देख बी.डी शर्मा जी ने हकीम जी के घरेलू नुस्खों को लिखना शुरू कर दिया। कुछ समय बाद उन्होंने स्क्रिन पर दिखाए जाने वाले नंबर पर कॉल किया और हकीम जी को अपने घुटनों के दर्द की समस्या के बारे में बताया। हकीम जी ने घुटनों के दर्द के लिए सबसे असरदार जड़ी-बूटी गोंद सियाह को इस्तेमाल करने की सलाह दी। इसके साथ ही हकीम जी ने जोड़ों के दर्द के लिए S. CARE का सेवन करने को भी कहा। बिना किसी देरी के बी.डी शर्मा जी ने ATIYA HERBS से गोद सियाह को ऑर्डर कर दिया।
यूनानी बूटी से राहत मिलने के बाद अब कर रहे लोगों की मदद-
बी.डी शर्मा जी ने हकीम साहब द्वारा बताये गये तरीके से इस यूनानी गोंद का सेवन किया और इससे उन्हें अपनी तकलीफो में कुछ ही महीनों में काफी आराम भी मिला। यूनानी जड़ी बूटी का इस्तेमाल करते हुए बी.डी शर्मा जी बताते हैं कि अंदर से वे काफी आराम महसूस करते हैं। जो भरोसा उन्होंने दिखाया था वो अब और मजबूत होता नजर आ रहा है। बी.डी शर्मा जी को घुटने के दर्द में काफी आराम मिल गया है जिसके बाद से वे और लोगों को सलाह देते हैं। वे बताते हैं कि जब में किसी को इस तरह की परेशानी में देखता हूं तो उनसे से बोलता हूं कि एक बार हकीम जी की जड़ी बूटी का इस्तेमाल करके जरूर देखें। सेहतमंद जीवन व अपने दर्द से राहत के लिए वे हकीम जी को धन्यवाद करते हैं। इसके साथ ही हकीम जी की अच्छी सेहत की कामना भी करते हैं ताकि वह इसी तरह यूनानी नुस्खों की मदद से लोगों की मदद करते रहें।
यहाँ देखिये उन्होंने हकीम साहब को धन्यवाद करते हुए क्या कहा
गोंद सियाह क्या है?
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि गोंद सियाह कैसे मिलता है और यह देखने में कैसा होता है। यह पौधा तिन्दुक कुल एबीनेसी का सदस्या है। इसके कालस्कंध (संस्कृत) ग्राम, तेंदू। यह समस्त भारतवर्ष में पाया जाता है। यह एक मध्यप्राण का वृक्ष है जो अनेक शाखाओं प्रशाखाओं से युक्त होता है। गोंद सियाह, पेड़ के तने को चीरा लगाने पर जो तरल पदार्थ निकलता है वह सूखने पर काला और ठोस हो जाता है उसे गोंदिया कहते हैं, गोंद सियाह देखने में काले रंग का होता है। यह बहुत ही पौष्टिक होता है उसमें उस पेड़ के औषधीय गुण पाये जाते हैं। गोंद सियाह हमारे शरीर के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है जो हमारे जोड़ों के दर्द के साथ शरीर की कई बीमारियों को हम से दूर रखता है।