एक ही जगह पर लंबे समय तक बैठे रहना कमर दर्द का कारण बन सकता है। सिर्फ बड़ी उम्र के लोगों में ही नहीं, बल्कि युवाओं में भी कमर दर्द की समस्या देखने को मिलती है। कमर दर्द जिसकी वजह से आपको झुकने में, बैठनें में या फिर सोने में भी दिक्कत आने लगती है। ऐसे में खुद को स्वस्थ बनाए रखने के लिए जरूरी है, कि एक ही स्थान पर बैठे रहने से बचने की कोशिश करें और अपने पैरों को एक्टिव रखने के लिए मूवमेंट करते रहें। कमर से जुड़ी समस्या जिसे साइटिका कहा जाता है, उसमें भी कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। हर व्यक्ति में साइटिका के दर्द का अलग-अलग तरह से अनुभव किया जा सकता है। जिसे सहन करना किसी के लिए भी काफी मुश्किल हो सकता है। दरअसल कई बार बैठने के दौरान बॉडी पॉस्चर सही नहीं होने के कारण भी कमर दर्द की समस्या हो जाती है। ऐसे ही एक महिला की कहानी हम आपको बताएंगे। जिनकी हम बात कर रहें हैं, वो हैं गोवा की रहने वाली अर्ज़ुमन जी, जो कमर दर्द से काफी परेशान थी पर आज हकीम जी के नुस्खों को अपनाकर पहले से बेहतर जिंदगी गुजार रही हैं। आइये जानते हैं कि उन्होंने हकीम जी के कौन से नुस्खों को अपनाया जिससे वो पहले से बेहतर हो गई हैं।
गोवा की रहने वाली अर्ज़ुमन जी काफी सरल स्वभाव की महिला हैं। उनकी उम्र 56 साल है। लोगों की मदद करना उन्हें काफी अच्छा लगता है यह हम उनके स्वभाव को देखकर पता लगा सकते हैं। अर्ज़ुमन जी का एक छोटा सा खुशहाल परिवार है, जिसमें उनके पति और एक बेटा रहता है। बेटी की शादी कर चुकी है। वह अपने छोटे से परिवार में काफी अच्छे से रहती हैं। अर्ज़ुमन जी का अपना एक सिलाई का बिजनेस है। जिससे वह घर का खर्च निकालती हैं। अर्ज़ुमन जी अपने कामों में काफी व्यस्त रहती थी। लेकिन धीरे -धीरे अर्ज़ुमन जी मशीन से दूरी बना ली क्योंकि उन्हें मशीन पर बैठने और काम करने में काफी परेशानी होने लगी थी। परिवार भी उन्हें इस परेशानी में देख काफी दुखी रहने लगा। अगर घर की महिला ही अस्वस्थ हो जाए तो इसका असर पूरे घर के सदस्यों पर भी देखने को मिल जाता है।
दरअसल अर्ज़ुमन जी को कमर की बढ़ती दिक्कत के कारण काम करने में काफी परेशानी होने लगी थी। वो अब घर का काम भी नहीं कर पाती थी। उन्हें अपने घर में पोछा लगाने,चलने – फिरने में तकलीफ और खाना बनाने में भी दिक्कत होने लगी। अर्ज़ुमन जी को हर दिन इन परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। जिस तरह अगर हमें कोई भी परेशानी होती है तो हम सबसे पहले एलौपेथिक दवाईयों का सेवन करते हैं उसी तरह अर्ज़ुमन जी ने भी आम लोगों की तरह एलौपेथिक दवाईयों का इस्तेमाल किया और अस्पतालों के चक्कर काटे, लेकिन उनकी परेशानी में आराम नहीं मिला। कई सारे डॉक्टरों को भी दिखाया पर उनका ये कमर दर्द कम होने का नाम ही नहीं ले रहा था। यहां तक की एक डॉक्टर ने तो उन्हें उनकी परेशानी के लिए ऑपरेशन कराने की सलाह भी दे दी, लेकिन अर्ज़ुमन जी इसके लिए बिल्कुल तैयार नहीं थी। वो कोई ऐसा तरीका ढूंढ रहीं थी कि उन्हें बिना ऑपरेशन के कमर दर्द से राहत मिल जाए। वो कहते हैं न जिंदगी में परेशानियों का आना जाना लगा रहता है, अगर किसी के जीवन में सुख है तो दुख भी आएंगे और अगर किसी के जीवन में दुख हैं तो सुख भी आएंगे। शायद इसी के सहारे ही उनकी जिंदगी गुजर रही थी।
अर्ज़ुमन जी ने इतनी तकलीफ और दिक्कत होने के बावजूद भी हार नहीं मानी। एक दिन वह रोजाना की तरह टी.वी देख रही थी तभी अचानक से उनकी नजर हकीम सुलेमान खान साहब के सबसे बहुचर्चित शो सेहत और जिंदगी पर पड़ी। जिसमें हकीम साहब लोगों को उनकी समस्याओं के लिए यूनानी नुस्खे अपनाने की सलाह दे रहे थे, तो वहीं कुछ लोगों को हकीम जी के घरेलू नुस्खों से जो फायदा मिला उसके बारे में प्रोग्राम में बता रहे थे। इन्हीं सब बातों से प्रभावित होकर अर्ज़ुमन जी ने मन बना लिया कि वो एक बार जरूर हकीम जी के नुस्खों को अपनाकर देखेंगी। शायद उन्हें उम्मीद नजर आने लगी थी कि अब वो पहले से बेहतर हो सकती हैं। बिना किसी संकोच के अर्ज़ुमन जी ने कमर दर्द के लिए हकीम जी की असरदार बूटी गोंद सियाह को ATIYA HERBS से ऑर्डर किया और उन्होंने इसका सेवन करना शुरु कर दिया। गोंद सियाह के सेवन से अर्ज़ुमन जी को अपनी समस्या में थोड़ा-थोड़ा आराम मिलने लगा। इसके अलावा उन्होंने कमर दर्द में कारगर बूटी T.care, S.care का भी सेवन करना शुरु कर दिया। अर्ज़ुमन जी को हकीम साहब की बूटी से काफी फायदा मिला। इसके अलावा उन्होंने पेट के लिए औऱ मुहं के छालों के लिए गोंद मोरिंगा और P.Care का सेवन करना शुरु कर दिया। अपनी समस्याओं में मिले आराम को देखते हुए वह काफी खुश हैं और उनका परिवार भी उन्हें स्वस्थ देखकर खुश है। पहले जो वो कमर दर्द के कारण उठ-बैठ नहीं पाती थी, अब वो अपना सारा काम खुद कर लेती हैं। इसके साथ ही उनका सिलाई का काम करना भी आसान हो गया है। अर्ज़ुमन जी पहले से काफी बेहतर जिंदगी गुजार रही हैं।
अर्जुमन जी स्वस्थ होने के बाद अपने रिश्तेदारों, पड़ोसियों और लोगों को हकीम जी के घरेलू नुस्खे अपनाने की सलाह देती है। उनकी बेटी की सास ने भी अपनी समस्या के लिए हकीम जी के नुस्खों को अपनाया। अर्जुमन जी का कहना है कि हकीम जी इसी तरह लोगों की मदद करते रहें और हमेशा स्वस्थ और सेहतमंद रहें। आज जो अर्जुमन जी स्वस्थ और खुशहाल जिंदगी बिता रही हैं उसका सारा श्रेय वो हकीम सुलेमान खान साहब को देती हैं।
यहाँ देखिये उन्होंने हकीम साहब को धन्यवाद करते हुए क्या कहा
गोंद सियाह क्या है?
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि गोंद सियाह कैसे मिलता है और यह देखने में कैसा होता है। यह पौधा तिन्दुक कुल एबीनेसी का सदस्या है। इसके कालस्कंध (संस्कृत) ग्राम, तेंदू। यह समस्त भारतवर्ष में पाया जाता है। यह एक मध्यप्राण का वृक्ष है जो अनेक शाखाओं प्रशाखाओं से युक्त होता है। गोंद सियाह, पेड़ के तने को चीरा लगाने पर जो तरल पदार्थ निकलता है वह सूखने पर काला और ठोस हो जाता है उसे गोंदिया कहते हैं, गोंद सियाह देखने में काले रंग का होता है। यह बहुत ही पौष्टिक होता है उसमें उस पेड़ के गुण पाये जाते हैं। गोंद सियाह हमारे शरीर के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है जो हमारे जोड़ों के दर्द के साथ शरीर की कई समस्याओं को हम से दूर रख सकता है।