आज के व्यस्त समय में अक्सर लोग अपनी सेहत पर ध्यान नहीं देते जब तक शरीर जवान होता हैं तब तक शरीर परेशानी को झेल लेता है लेकिन जैसे जैसे उम्र बढ़ती है वहीं छोटी तकलीफ जिन्हें हम अनदेखा कर देते हैं, वो बड़ी हो जाती है। इसलिए जरूरी है कि शुरूआत से ही खुद पर ध्यान दिया जाए। आपको बता दें शुरू से ही हम अपनी सेहत को लेकर लापरवाही काफी करते हैं, कोई भी समस्या हो उस पर समय रहते ध्यान देना चाहिए नहीं तो, यही समस्या कहीं ना कहीं आगे चलकर परेशानी खड़ी कर सकती है। ऐसे ही आज हम बात करने जा रहे हैं अनीश खान जी के बारे में जिन्हें थायराइड की समस्या थी और इसकी वजह से उन्हें काफी परेशानी झेलनी पड़ी। हांलाकि अब वे सेहतमंद जिंदगी गुजार रहे हैं आइए जानते हैं कैसे हकीम जी के नुस्खे अपनाकर अनीश जी के जीवन में बदलाव आया?
मुंबई के अंधेरी इलाके में रहने वाले 38 साल के अनीश खान जी काफी दयालु स्वभाव के व्यक्ति हैं। लोगों की मदद करना उन्हें काफी पसंद है इसलिए कई सारे लोग उनसे जुड़े हुए हैं। वह परिवार के साथ काफी खुशहाल जिंदगी गुजार रहे थे उनके परिवार में उनके बच्चे और उनकी पत्नी साथ रहते हैं। लेकिन वो परिवार की सेहत का ख्याल रखते रखते अपनी सेहत का ख्याल रखना ही भूल गए दरअसल उन्हें थायराइड की समस्या ने घेर लिया था। लेकिन इसका पता उन्हें काफी देर से लगा। जिसकी वजह से उन्हें काफी परेशानी का सामना भी करना पड़ा। उन्हें परेशानी काफी पहले से शुरू हो गई थी जिसके लिए उन्होंने कई डॉक्टर को भी दिखाया। लेकिन कोई भी उनकी परेशानी को समझ नहीं पाया और वे उस दौरान गलत दवाई खाते रहे लेकिन कुछ समय बाद जब उनकी तबियत काफी बिगड़ने लगी थी तो उन्होंने डॉक्टर की सलाह पर थायराइड का टेस्ट कराया औऱ फिर उन्हें पता चला कि उन्हें थायराइड की समस्या हो गई है। इसके बाद उनकी परेशानी दिनों दिन बढ़ने लगी उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि वे क्या करें क्योंकि गलत दवाई लेते लेते उनकी सेहत को भी नुकसान झेलना पड़ रहा था। पर वो कहते हैं ना हमेशा किसी के दिन एक से नहीं रहते कभी दिन अच्छे आते हैं तो कभी बुरे आते हैं पर समय की सबसे अच्छी बात यहीं होती है कि वो एक ना एक दिन टल ही जाता है शायद इतनी परेशानी के बाद अनीश जी के अच्छे दिन आने ही वाले थे।
दरअसल अनीश जी एक दिन रोजाना की तरह टी.वी देख रहे थे तभी उनकी नजर हकीम सुलेमान खान साहब के प्रोग्राम सेहत और जिंदगी पर पड़ी। जिसमें उन्होंने देखा कि हकीम जी लोगों को यूनानी नुस्खे बता रहे हैं और इससे उन्हें काफी फायदा भी मिल रहा है। इसे देखकर अनीश जी काफी प्रभावित हुए। फिर उन्होंने सोचा कि क्यों ना एक बार हकीम जी के नुस्खों को अपना लिया जाए। थायराइड की समस्या के लिए हकीम जी ने असरदार नुस्खे के बारे में बताया और फिर उन्होंने हकीम जी द्वारा बताई गयी बूटी गोंद मोरिंगा को ATIYA HERBS से ऑर्डर कर लिया। इसके साथ ही उन्होंने धनिया पाउडर और आंवला पाउडर का भी इस्तेमाल किया जिसे इस्तेमाल करने के बाद उनका बढ़ा हुआ थायराइड काफी कंट्रोल में आ गया। वो कहते हैं कि हकीम जी के नुस्खे इस्तेमाल करने बाद 70-80 प्रतिशत आराम उन्हें मिला है। जैसे पहले उन्हें इसकी वजह से उठने-बैठने में दिक्कत होती थी थकावट होती थी उन सभी से उन्हें काफी राहत मिली है। आज उनका परिवार भी उनकी अच्छी सेहत को देखकर काफी खुश हैं क्योंकि जब वो इतनी तकलीफ में थे तो उनकी परेशानी परिवार के सदस्यों से देखी नहीं जा रही थी। पर आज एक बार फिर से उनका जीवन खुशहाल हो गया है।
अनीश जी हकीम जी के घरेलू नुस्खों को अपनाकर स्वस्थ और सेहतमंद जिंदगी बिता रहे हैं वह लोगों को यही सलाह देते हैं कि वो अपनी परेशानी में एक बार हकीम जी के यूनानी नुस्खों को जरूर अपनाएं। अनीश जी ने जब यूनानी नुस्खों को अपनाया तो उनके जीवन में एक उम्मीद की किरण नजर आने लगी। अब वो अपने दोस्त और अपनी पत्नी को भी यूनानी नुस्खे अपनाने की सलाह देते हैं वो यही चाहते हैं कि जिस तरह से वो स्वस्थ हुए हैं उसी तरह से और लोगों को भी इससे फायदा मिले और यूनानी नुस्खे लोगों की उम्र बढ़ाएं और वह इनका इस्तेमाल करते रहें। हकीम जी का सेवा भाव देखकर वह यहीं आशा करते हैं, कि हकीम साहब इसी तरह लोगों की हमेशा मदद करते रहेंगे। आज जो वो पहले से बेहतर जिंदगी गुजार रहे हैं वो उसका सारा श्रेय यूनानी के मशहूर हकीम सुलेमान खान साहब को देते हैं।
यहाँ देखिये उन्होंने हकीम साहब को धन्यवाद करते हुए क्या कहा
गोंद मोरिंगा क्या है?
गोंद मोरिंगा एक प्राकृतिक उत्पाद है जो पाचन, गैस्ट्रिक संबंधी समस्या, लीवर संबंधी समस्याएं, बवासीर, सोरायसिस, सभी प्रकार के त्वचा संक्रमण जैसी विभिन्न बीमारियों में लाभदायक है। यह हकीम जी द्वारा खुद की निगरानी में तैयार की गयी औषधि है। इस औषधि को यदि सही तरीके से इस्तेमाल किया जाये तो यह बहुत जल्दी अपना असर दिखाना शुरू कर देती है। हकीम जी द्वारा बताये गये निर्देशों को अपनाकर असली गोंद मोरिंगा का ही इस्तेमाल किया जाना चाहिए।