साथियों, शारीरिक दर्द एक ऐसी समस्या जो शरीर के किसी एक हिस्से में होती है लेकिन पूरे शरीर को तोड़कर रख देती है। ऐसी ही एक सच्ची कहानी है दिल्ली के कृष्णा नगर के सोम मार्केट में रहने वाले अनिल जी की। अनिल जी को घुटनों के दर्द ने इस हद तक परेशान कर दिया था कि वह अपनी माता-पिता को कंधा तक नहीं दे पाए। वह एक अच्छे व्यापारी और समाजसेवी हैं, उनके मोहल्ले में उनका अच्छा-खासा नाम और पहचान है। उनके तीन बेटे हैं, एक बेटा पुणे में रहता है, एक पश्चिम विहार में और एक लड़का उनके साथ रहता है, लेकिन दुख की बात ये है कि उनकी पत्नी भगवान को प्यारी हो गई हैं, अनिल जी बताते हैं कि उनकी पत्नी ने उनकी बहुत सेवा की है। आज हम आपको अनिल कि कहानी से इसलिए रूबरू करा रहे हैं क्योंकि अनिल जी वो शख्स हैं जो सालों से घुटनों के दर्द को झेल रहे थे, कई तरह के उपाय अपनाने के बाद भी उन्हें कहीं से किसी तरह की कोई राहत नहीं मिल पा रही थी, उन्हें अंग्रेजी दवाइयाँ नाकाम लगने लगी थी, लेकिन फिर बाद में एक ऐसा प्राकृतिक नुस्खा उनके हाथ लगा जिसके सेवन से महज 15 दिनों में उन्हें दर्द में फर्क दिखने लगा और अब डेढ़ महीने में ही वह घुटनों के असहनीय दर्द से राहत पा चुके हैं। उन्होंने कई लोगों को इस नुस्खे के बारे बताया, सभी को इस नुस्खे से दर्द में फायदा मिल रहा है। अगर आप भी किसी तरह के शारीरिक दर्द से जूझ रहे हैं तो उनकी इस सच्ची कहानी के माध्यम से आप भी उस नुस्खे के बारे में जान सकते हैं और राहत पा सकते हैं।
घुटनों के दर्द से परेशान अनिल जी की आपबीती
दरअसल पहले अनिल जी बिल्डर का काम करते थे जिस वजह से उनको रोजाना बहुत भाग-दौड़ करनी पड़ती थी। शायद यही वजह रही कि बुढ़ापे से पहले से ही अनिल जी घुटनों के दर्द के शिकार हो गए। घुटनों के दर्द के अलावा कभी-कभी उन्हें कमर दर्द भी बहुत परेशान करता था। दर्द से राहत पाने के लिए उन्होंने सब तरह की कोशिशें करके देख ली थी, हड्डियों के अच्छे से अच्छे डॉक्टर को दिखा लिया था, फिजियोथेरेपी भी कारवाई, कई तरह के तेलों से मालिश की, स्प्रे लगाया, बाम लगाई। यानि कि उन्होंने सब तरह के उपाय आजमाकर देख लिए थे लेकिन कहीं से किसी तरह कि कोई रात नहीं मिल पा रही थी।
समय के साथ उनकी हालत बिगड़ती ही चली जा रही थी। घुटनों और पिंडलियों में दर्द की वजह से न तो वह लंबे समय तक खड़े हो पा रहे थे और न ही सीढ़ियाँ चढ़ पा रहे थे, उनका उठना-बैठना तक मुश्किल हो गया था। अगर एक बार बैठ जाते थे तो बड़ी मुश्किल से उठ पाते थे। अगर दुकान पर कारीगर नहीं होते और कोई ग्राहक कुछ लेने आ जाता तो वह खुद से उठकर उसे सामान भी नहीं दे पाते थे। दर्द की तीव्रता इतनी थी कि कभी-कभी तो उन्हें रोना आ जाता था। जब तक उनकी बीवी उनके साथ थी तो उन्होंने अनिल जी की बहुत सेवा की। कभी-कभी पैर और कमर बुरी तरह अकड़ जाते थे तो उनकी बीवी तेल से मालिस करती थी और पैर दबाती थी। लेकिन बीवी के निधन के बाद वह बहुत अकेले पड़ गए थे और परेशान रहने लगे थे।
कई जगह भटकने के बाद 66 की उम्र में मिला घुटनों के दर्द में असरदार नुस्खा
घुटनों के असहनीय दर्द से राहत पाने के लिए अनिल जी ने सब तरह के उपाय आजमाकर देख लिए थे, लेकिन जब सब तरह की दवाइयाँ, इन्जेक्शन, फिजियोथेरेपी, तेलों से मालिश, स्प्रे और बाम का इस्तेमाल करने के बाद भी उन्हें कोई फायदा नहीं हुआ तो वह अपनी जिंदगी से बहुत ज्यादा निराश हो गए थे, उन्हें कुछ भी समझ नहीं आ रहा था कि क्या करें। दिन भर बैठे रहने की वजह से उनका वजन भी बढ़कार 130 किलो तक पहुँच गया था जिससे उनकी समस्याएं बढ़ती ही जा रही थी। लेकिन वो कहते हैं न कि अच्छे कर्मों का फल एक न एक दिन जरूर मिलता है। अनिल जी की जिंदगी में भी वह पल आया। एक दिन जब वह बेड पर लेटे हुए टीवी देख रहे थे तो उन्होंने चैनल बदलते समय हकीम सुलेमान खान साहब का एक प्रोग्राम सेहत और जिंदगी देखा। इस प्रोग्राम में उन्होंने देखा कि अनेकों लोग हकीम साहब से जुड़े रहे हैं और अपनी सेहत के बारे में उन्हें बता रहे हैं। अनिल जी ने इस प्रोग्राम में जोड़ों के दर्द में सबसे ज्यादा कारगर यूनानी हर्ब गोंद सियाह के फ़ायदों के बारे में सुना तो उनके मन में उम्मीद की एक किरण जागी। उन्होंने गोंद सियाह खाने का विचार किया और दिए गए नंबर पर कॉल करके अपनी समस्या बताई। उनकी समस्या को अच्छे से सुनने और समझने के बाद हकीम साहब द्वारा उन्हें गोंद सियाह के साथ हल्दी प्लस कैप्सूल का सेवन करने की सलाह दी गई। अनिल जी ने हकीम साहब पर विश्वास किया और उनकी ऑफिसियल वेबसाईट ATIYA HERBS से दोनों नुस्खे मंगाकर सेवन करना शुरू कर दिया।
गोंद सियाह और हल्दी प्लस कैप्सूल का असर
जोड़ों के दर्द में असरदार हर्ब गोंद सियाह के सेवन से अनिल जी की जिंदगी में एक नया मोड़ आया। 15 दिनों के अंदर उन्हें जो राहत मिली उससे उन्हें गोंद सियाह के असर पर पूरा भरोसा हो गया। डेढ़ महीने में ही उन्हें अपनी सेहत में अद्भुत सुधार देखने को मिला। वह अपने सभी कामों को सहजता से करने लगे। बिना किसी दर्द के सीढ़ियाँ चढ़ जाते हैं, उठने-बैठने में किसी तरह की कोई परेशानी नहीं होती। अब आलम ये है कि वह हाल ही में में साउथ की यात्रा करके आए हैं, वह कहते हैं कि अब चलने-फिरने में कोई परेशानी नहीं होती, ग्राहकों को सामान भी खुद से उठाकर दे देते हैं।
गोंद सियाह के असर को देखते हुए वह हर उस व्यक्ति को गोंद सियाह के बारे में बताते हैं जो कोई भी उन्हें दर्द से परेशान दिखता है। उन्होंने कई लोगों को गोंद सियाह लेने की सलाह दी, जिनमें से 7-8 लोगों को भी इसका फायदा हुआ है। उन्होंने एक बच्ची को भी गोंद सियाह दिया था, जिसे डॉक्टर ने कहा था कि वह कभी बैठ नहीं पाएगी क्योंकि उसकी रीढ़ की हड्डी में बहुत तेज दर्द था। लेकिन गोंद सियाह के असर से सिर्फ दो महीने के भीतर, उस बच्ची की हालत में भी सुधार हुआ, और वह अब सामान्य रूप से बैठने और उठने में सक्षम हो गई है।
अनिल जी का संदेश:
गोंद सियाह जैसे प्राकृतिक और यूनानी उपचार ने अनिल जी की जिंदगी को एक नई दिशा दी है। उनका अनुभव बताता है कि जब शरीर में दर्द हो, तो बस डॉक्टरों और दवाइयों पर निर्भर न रहें, बल्कि कुछ प्राकृतिक और असरदार उपायों की ओर भी ध्यान दें, जैसे अनिल कुमार गोयल जी ने दिया। उनका अनुभव हमें यह सिखाता है कि कभी भी उम्मीद नहीं छोड़नी चाहिए, उनका संदेश है कि अगर आप भी किसी शारीरिक समस्या से परेशान हैं, तो खुद को छोड़ें नहीं। सही नुस्खे और समय पर उपचार से आप भी अपनी जिंदगी में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं। अगर आप भी किसी ऐसी समस्या से जूझ रहे हैं, तो हकीम सुलेमान खान साहब के नुस्खों को अपनाकर अपने जीवन में बदलाव ला सकते हैं।
आप अनिल जी के जीवन की पूरी कहानी दी गई वीडियो में देख सकते हैं…
गोंद सियाह क्या है?
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि गोंद सियाह कैसे मिलता है और यह देखने में कैसा होता है। यह पौधा तिन्दुक कुल एबीनेसी का सदस्या है। इसके कालस्कंध (संस्कृत) ग्राम, तेंदू। यह समस्त भारतवर्ष में पाया जाता है। यह एक मध्यप्राण का वृक्ष है जो अनेक शाखाओं प्रशाखाओं से युक्त होता है। गोंद सियाह, पेड़ के तने को चीरा लगाने पर जो तरल पदार्थ निकलता है वह सूखने पर काला और ठोस हो जाता है उसे गोंदिया कहते हैं, गोंद सियाह देखने में काले रंग का होता है। यह बहुत ही पौष्टिक होता है उसमें उस पेड़ के गुण पाये जाते हैं। गोंद सियाह हमारे शरीर के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है जो हमारे जोड़ों के दर्द के साथ शरीर की कई समस्याओं को हम से दूर रख सकता है।