साथियों अगर पुलिस आपको नहीं ढूंढ रही है, आप वकील और डॉक्टर को नहीं ढूंढ रहे हैं तो आपका जीवन सुखमय हो सकता है। लेकिन अगर आप क्राइम करके पुलिस और वकील के चक्कर में पड़ गए तो ये केस कितना लंबा चलेगा कुछ कहा नहीं जा सकता, और केस जीतने की उम्मीद भी तब है जब एक काबिल वकील आपका केस लड़ रहा हो। डॉक्टर के केस में भी ऐसा ही है अगर डॉक्टर ने मर्ज को पकड़ लिया तब तो ठीक है, नहीं तो कई ऐसे उदाहरण आपको अपने आसपास देखने को मिल जाएंगे जिन्होंने दर्द की दवाइयाँ खाते-खाते अपनी जिंदगी बिता दी। महाराष्ट्र के पुणे में कॉकनेनगर कालेबाड़ी की पिंपरी, चिंचवड़ में रहने वाली अमरजीत तीरथ सिंह जी की सच्ची कहानी भी ऐसा ही एक उदाहरण है , उनके जीवन में भी कुछ ऐसा ही हुआ। उनके घुटनों में शुरू हुआ दर्द कुछ ही महीनों में इतना बढ़ गया कि वह काम छोड़कर एक महीने तक बिस्तर पर पड़ी रही थीं। कई डॉक्टरों की दवाइयाँ खाईं, थेरेपी करवाई, एक्सरे करवाया लेकिन सालों तक परेशान होने के बावजूद किसी तरह की कोई राहत नहीं मिली। लेकिन जब वह हकीम सुलेमान खान साहब से जुड़ी तो उन्होंने दर्द के मर्ज को पकड़कर गोंद सियाह का सेवन करने की सलाह दी। जिसके सेवन से उनके जीवन ने एक नई दिशा में मोड़ लिया और अब वह 62 साल कि उम्र में भी घुटनों के असहनीय दर्द से राहत पाकर स्वस्थ और सेहतमंद जीवन जी रही हैं। इस लेख में हम उनके अनुभव के बारे में जानेंगे, कि कैसे गोंद सियाह ने उनके घुटनों के दर्द को कम करके उनके जीवन को फिर से खुशहाल बना दिया।
अमरजीत जी का दर्दनाक अनुभव
अमरजीत तीरथ सिंह जी की उम्र अब 62 साल है, उम्र के एक पड़ाव के बाद उन्हें हाथ-पैरों में दर्द रहने लगा था। शुरुआत में वह तेल से मालिश करवाती रही, जब दर्द बढ़ता तो पेन किलर से काम चलाती थीं। लेकिन समय गुजरने के साथ-साथ दर्द भी तीव्र होता जा रहा था। लगभग डेढ़ साल पहले कि बात है, एक दिन जब अमरजीत जी मालिश करने के बाद पैरों को पसारकर बैठी थी तो अचानक उनका पोता तेजी से छलांग मारकर उनकी गोद में गिरा, जिससे उनके घुटनों पर दबाव पड़ा और कट की आवाज आई, कुछ देर के बाद अमरजीत जी ने महसूस किया कि उनके घुटनों में सूजन आ रही है और दर्द तीव्र होता जा रहा है। पहले एक ही पैर में दर्द होता था अब दोनों पैरों में दर्द होने लगा। कुछ ही दिनों में दर्द इतना बढ़ गया कि वह बिस्तर तक ही सीमित रह गईं।
उन्होंने लोकल के एक डॉक्टर को दिखाया तो डॉक्टर ने कहा कि कैल्शियम की कमी होने से हड्डियाँ कमजोर हो गई हैं। डॉक्टर ने कुछ दवाइयाँ खाने को दी लेकिन उन दवाइयों से कोई खास फर्क नहीं पड़ा। दर्द और सूजन बढ़ती ही चली गई। उनका उठना-बैठना, चलना-फिरना और बाथरूम जाना भी मुश्किल हो गया। वह हाथों के सहारे चलते हुए बाथरूम तक जाती थीं। घुटनों के असहनीय दर्द की वजह से उनकी पूरी दिनचर्या प्रभावित होने लगी। उन्होंने शहर के अच्छे डॉक्टर को दिखाया, डॉक्टर ने एक्सरे करने के बाद बताया कि घुटनों की हड्डी खिसक गई है जिस वजह से दर्द हो रहा है। अगर दवाइयों से दर्द में राहत नहीं मिली तो ऑपरेशन कि नौबत आ सकती है। ऑपरेशन की बात सुनकर अमरजीत जी को लगने लगा कि अब इसी दर्द में पूरी जिंदगी गुजारनी पड़ेगी।
यूट्यूब बना हकीम साहब से जुड़ने का जरिया।
अमरजीत जी ने ऑपरेशन करवाने के बारे में तो नहीं सोचा लेकिन वह दर्द से बचने के लिए नए-नए तरीके अपनाती रहीं। इसी बीच एक दिन मोबाईल पर उन्होंने एक वीडियो देखी। इस वीडियो में उन्होंने देखा कि एक व्यक्ति कई सालों से घुटनों के दर्द से पीढ़ित था और डॉक्टरों के चक्कर लगा-लगाकर परेशान हो गया था। लेकिन जब वह हकीम सुलेमान खान साहब से जुड़ा और उनकी बताई हुई हर्ब गोंद सियाह का सेवन किया तो अब कुछ ही महीनों में उसे दर्द से राहत मिल गई। ऐसे और भी कई इंटरव्यू देखने के बाद उन्हें उम्मीद की एक किरण दिखने लगी। उन्होंने वीडियो से नंबर निकालकर छोटे बेटे को दिया और संस्था में बात करने को कहा। उनके बेटे ने संस्था में कॉल किया और अपनी माँ की पूरी समस्या बता दी।
हकीम साहब की संस्था में मौजूद यूनानी विशेषज्ञों ने अमरजीत जी की तकलीफ को अच्छे से सुनने और समझने के बाद जोड़ों के दर्द में सबसे कारगर हर्ब गोंद सियाह का सुबह-शाम सेवन करने की सलाह दी। यूनानी विशेषज्ञों के बताए अनुसार उनके बेटे ने हकीम साहब की ऑफिसियल वेबसाईट ATIYA HERBS से गोंद सियाह मंगाकर अपनी माँ को दे दी।
गोंद सियाह : एक असरदार यूनानी नुस्खा
अमरजीत जी ने हकीम साहब के बताए अनुसार गोंद सियाह को सुखाकर पीस लिया और सुबह-शाम एक-एक चुटकी गोंद सियाह का सेवन शुरू कर दिया। 8 से 10 दिनों में ही उन्हें असर दिखाना शुरू हो गया। उन्हें पैरों की अकड़न और दर्द में कमी महसूस होने लगी। पहले उन्हें बाथरूम तक जाने के लिए सहारे की जरूरत पड़ती थी। गोंद सियाह के सेवन से एक महीने में ही उन्हें इतना फायदा मिल गया कि वह बिना सहारे के बाथरूम तक जाने लगी। गोंद सियाह से फायदा मिलता देख उन्होंने गोंद सियाह का सेवन जारी रखा और 6 महीने का पूरा कोर्स कम्प्लीट किया। 6 महीने के बाद अब आलम ये है कि उन्होंने फिर से काम पर जाना शुरू कर दिया है। पहले वह बड़ी मुश्किल से बस पर चढ़ पाती थी जिससे उनकी बस छूट जाती थी लेकिन अब वह दौड़कर बस पकड़ लेती हैं। यह उनके लिए एक नए जीवन की शुरुआत हैं। गोंद सियाह ने अमरजीत जी के जीवन को पूरी तरह से बदल दिया हैं। वह फिर से घर के सारे काम करने लगी हैं, अब वह सब्जी लेने के लिए भी पैदल ही बाजार चली जाती हैं।
जोड़ों के दर्द से परेशान सभी महिलाओं को देती हैं गोंद सियाह का सेवन करने की सलाह।
गोंद सियाह ने न केवल अमरजीत जी की शारीरिक स्थिति में सुधार किया, बल्कि उनकी मानसिक मजबूती को भी बढ़ाया। घुटनों के दर्द से राहत पाने के बाद अब वे एक स्वस्थ और खुशहाल जीवन जी रही हैं। अमरजीत जी उन सभी महिलाओं को जो घुटनों के दर्द से परेशान हैं, गोंद सियाह अपनाने की सलाह देती हैं। साथियों, आयुर्वेद में गोंद सियाह को खास महत्व दिया गया है, क्योंकि यह एक प्राकृतिक औषधि है जो शरीर में कैल्शियम की कमी को पूरा करती है, जोड़ों के दर्द और सूजन को कम करती है और रक्त संचार को बेहतर बनाती है। यदि आप भी घुटनों के दर्द से परेशान हैं, तो गोंद सियाह को अपनी दिनचर्या में शामिल करें और स्वस्थ, सक्रिय और खुशहाल जीवन की ओर कदम बढ़ाएं।
आप अमरजीत तीरथ सिंह जी के जीवन की पूरी कहानी दी गई वीडियो में देख सकते हैं…
गोंद सियाह क्या है?
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि गोंद सियाह कैसे मिलता है और यह देखने में कैसा होता है। यह पौधा तिन्दुक कुल एबीनेसी का सदस्या है। इसके कालस्कंध (संस्कृत) ग्राम, तेंदू। यह समस्त भारतवर्ष में पाया जाता है। यह एक मध्यप्राण का वृक्ष है जो अनेक शाखाओं प्रशाखाओं से युक्त होता है। गोंद सियाह, पेड़ के तने को चीरा लगाने पर जो तरल पदार्थ निकलता है वह सूखने पर काला और ठोस हो जाता है उसे गोंदिया कहते हैं, गोंद सियाह देखने में काले रंग का होता है। यह बहुत ही पौष्टिक होता है उसमें उस पेड़ के गुण पाये जाते हैं। गोंद सियाह हमारे शरीर के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है जो हमारे जोड़ों के दर्द के साथ शरीर की कई समस्याओं को हम से दूर रख सकता है।