क्रिकेट से राजनीति में आए इमरान खान ने आज पाकिस्तान के 22 वें प्रधानमन्त्री के रूप में शपथ ली. इससे पहले हुए आम चुनाव में विरोधियों ने उनपर सेना का दुरुपयोग करके सत्ता हथियाने का आरोप लगाया था. आपको बताते चलें कि इमरान की पार्टी को पूर्ण बहुमत ना मिलने के बावजूद अन्य दलों के सहयोग से आज वे पाकिस्तान के वजीरे आला बन गए.
- खबर पर एक नज़र
इमरान की ताजपोशी का गवाह बनने के लिए पाकिस्तान ने भारत के पूर्व खिलाड़ी कपिलदेव, सुनील गावस्कर सहित नवजोत सिंह सिद्धू को पाक बुलाया था. गावस्कर और कपिलदेव ने निजी कारणों का हवाला देते हुए पाक जाने से मना कर दिया लेकिन क्रिकेटर से नेता बने सिद्धू सरकार की सहमति के बाद कार्यक्रम में शरीक होने पाक पहुँच गए.
पाकिस्तान पहुंचे पंजाब के मंत्री और कांग्रेस नेता सिद्धू पाक सेना चीफ बाजवा से गले मिलते दिखाई दिए. उनके इस मिलन पर सियासी पारा गर्मा गया है. बीजेपी के अलावा कांग्रेस भी सिद्धू के इस कृत्य पर असहज नज़र आई.
कांग्रेस प्रवक्ता राशिद अल्वी ने कहा कि सिद्धू को ऐसा नही करना चाहिए. एक तरफ़ सीमा पर सैनिक मारे जा रहे हैं तो दूसरी तरफ़ पाक आर्मी चीफ से गले मिलना शर्मनाक है. अल्वी ने यह भी कहा कि मौजूदा स्थिति के मद्देनज़र सरकार द्वारा सिद्धू को पाक़ जाने की इजाजत नही दी जानी चाहिए थी. सिद्धू को पाक अधिकृत कश्मीर के राष्ट्रपति के बगल बैठाया गया था.
इससे पहले क्रिकेटर से नेता बने इमरान खान ने पाक पीएम के रूप में शपथ ली. इस तरह वे पाक के 22 वें प्रधानमन्त्री बन गए हैं. पीटीआई (पाक) के मुखिया इमरान खान को पाकिस्तान के राष्ट्रपति ममनून हुसैन ने पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई. समारोह की शुरुआत पाक के राष्ट्रगान से हुई और बाद में कुरान की आयतें पढ़ी गई.
मंच पर पहुंचे इमरान खान ने काले रंग की शेरवानी पहनी हुई थी. उन्हें बार-बार उर्दू बोलने में परेशानी महसूस हुई. कई बार उर्दू बोलने में उनकी जुबान लड़खड़ाई. उनके शपथ ग्रहण समारोह में कई देश के क्रिकेट खिलाड़ी मौजूद रहे. इससे पहले कल पाकिस्तानी संसद को संबोधित करते हुए इमरान ने कहा था कि देश को लूटने वाले गद्दारों को किसी हाल में माफ़ नही किया जाएगा. उन्होंने मोहम्मद अली जिन्ना को अपना हीरो बताते हुए देश के विकास को गति देने की बात की है.
इसे भी पढ़े: आत्मघाती हमले से दहला अफ़गानिस्तान, 48 हलाक़