किसी भी देवता की पूजा करने से पूर्व भगवान गणेश की पूजा की जाती है। भगवान गणेश की पूजा करने से आपके सारे क्लेश दूर होते हैं। यहां जानिए, श्री गणेश की पूजा करने की सही विधि, आरती और मंत्र…
शास्त्रों में भगवान गणेश को प्रथम पूजनीय माना गया है। किसी भी शुभ कार्य जैसे कि विवाह, गृह प्रवेश और भूमि पूजन आदि से पहले गणेश जी की पूजा की जाती है। हर बुधवार को भगवान गणेश की पूजा करने से आपको विशेष लाभ होता है। आपके सारे कष्ट दूर हो जाते हैं।
बुधवार को भगवान गणेश की पूजा का महत्व
शास्त्रों में बुधवार को भगवान गणेश का दिन माना गया है। इस दिन श्री गणेश की सच्चे मन से पूजा करने से आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। आपके सारे क्लेश दूर होते हैं।
इस दिन अगर आप सफेद गणपति की स्थापना करते हैं तो घर में सभी प्रकार की तंत्र शक्तियों का नाश होता है। किसी भी तरह के जादू-टोने का असर नहीं होता।
घर के मुख्य द्वार पर गणेश की प्रतिमा लगाने से कोई भी नकारात्मक शक्ति घर में प्रवेश नहीं कर पाती। इससे घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
ऐसे करें श्री गणेश की पूजा
श्री गणेश की पूजा की विधि इस प्रकार है:
- सबसे पहले सुबह जल्दी उठकर स्नान करें।
- पूजा स्थल पर पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके साफ़ और स्वच्छ आसन पर विराजमान हों।
- उसके बाद अपने सामने गणेश की प्रतिमा स्थापित करें।
- अब पूजन की सभी सामग्री, जैसे कि पुष्प, धूप, दीप, कपूर, रोली, मौली (लाल), चंदन, मोदक आदि एकत्रित कर भगवान गणेश को समर्पित करें।
- पूजा करते समय भगवान गणेश को घी और गुड़ का भोग लगाएं।
- उसके बाद भगवान गणेश की आरती की जाती है।
- अंत में भगवान गणेश का ध्यान करते हुए ऊँ गणेशाय नम: मंत्र का 108 बार जाप करें।
भगवान गणेश की पूजा करते समय बरतें ये सावधानियां
भगवान गणेश की पूजा करते समय आप इन बातों का विशेष ध्यान रखें:
- पूजा समाप्त होने के बाद इस गुड़ को गाय को खिला दें। कोशिश करें कि सफेद गाय को खिलाएं। ऐसा करने से धन की समस्याएं ख़त्म होती हैं।
- श्री गणेश की पूजा करते समय तुलसी की पूजा न करें। ज्योतिषियों के अनुसार बुधवार को तुलसी की पूजा करना ठीक नहीं माना जाता।
भगवान गणेश की आरती
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥
एकदन्त दयावन्त चारभुजाधारी
माथे पर तिलक सोहे मूसे की सवारी।
पान चढ़े फूल चढ़े और चढ़े मेवा
लड्डुअन का भोग लगे सन्त करें सेवा॥
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥
अन्धे को आँख देत, कोढ़िन को काया।
बाँझन को पुत्र देत, निर्धन को माया ।।
‘सूर’ श्याम शरण आए सफल कीजे सेवा
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥